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काशी में गरजेंगे माया-अखिलेश, संयुक्त रैली से पूर्वांचल को साधने की कोशिश

देश की हाई-प्रोफाइल सीटों में से एक यूपी के वाराणसी में एक तरफ जहां बीजेपी और कांग्रेस अपने-अपने तरीके से शक्ति प्रदर्शन करने में जुटी हैं तो वहीं सपा-बसपा और आरएलडी महागठबंधन के नेता भी शहर में एक मंच से अपनी ताकत दिखाएंगे.

काशी में गरजेंगे माया-अखिलेश, संयुक्त रैली से पूर्वांचल को साधने की कोशिश
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Published : May 16, 2019, 12:14 PM IST

वाराणसी: पीएम नरेंद्र मोदी के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश हर पार्टी कर रही है, चाहे वह कांग्रेस हो चाहे या फिर महागठबंधन. इसीलिए गुरुवार को जिले में महागठबंधन की रैली आयोजित होने जा रही है. जिसमें बसपा सुप्रीमो मायावती समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित सिंह मौजूद रहेंगे.

रैली की जानकारी देते संवाददाता.

जानिए वाराणसी लोकसभा सीट का राजनीतिक समीकरण

  • गुरुवार को महागठबंधन की रैली कर मायावती अखिलेश और अजीत सिंह महागठबंधन की ताकत दिखाने के लिए वाराणसी पहुंच रहे हैं.
  • वाराणसी लोकसभा सीट बेहद खास मानी जाती है क्योंकि इससे ना सिर्फ पूर्वांचल बल्कि आस-पास के राज्यों में भी अपना असर दिखाती हैं.
  • इसी महत्वपूर्ण सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में लगभग 371000 वोटों से जीत हासिल की थी और अपने निकटतम प्रतिद्वंदी अरविंद केजरीवाल को दो लाख से ज्यादा मतों से हराया था.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगे कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय को जहां 75614 वोट मिले थे, वहीं समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी कैलाश चौरसिया महज 45,296 वोट और बसपा प्रत्याशी विजय प्रकाश जो इस वक्त भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं उनको 60,579 वोट मिले थे.
  • सबसे बड़ी बात यह है कि तीनों पार्टियों के प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी.
  • ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मार्च के महीने में वाराणसी में जिस तरह से रोड शो कर अपनी ताकत दिखाई उसके बाद हर पार्टी बनारस में अपना जोश दिखाते हुए ताकत का एहसास कराने में जुटी हुई है.
  • कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने रोड शो कर मोदी को चैलेंज देने का काम किया.
  • देखने वाली बात यह होगी कि सच में आखिर कौन सी पार्टी कितनी मजबूती से वाराणसी में चुनाव लड़ पाती है.
  • वाराणसी में जातिगत वोटों का समीकरण फिलहाल बीजेपी के पक्ष में ही जाता दिखता है
  • वाराणसी में वर्तमान समय में ब्राह्मण वोट बैंक की बात की जाए तो ढाई लाख की संख्या है. जबकि मुस्लिम वोटर तीन लाख, बनिया वोट बैंक सवा तीन लाख, यादव वोट बैंक 80,000 है जबकि राजपूत 90 हजार की संख्या में वोटर मौजूद हैं.

वाराणसी: पीएम नरेंद्र मोदी के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश हर पार्टी कर रही है, चाहे वह कांग्रेस हो चाहे या फिर महागठबंधन. इसीलिए गुरुवार को जिले में महागठबंधन की रैली आयोजित होने जा रही है. जिसमें बसपा सुप्रीमो मायावती समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित सिंह मौजूद रहेंगे.

रैली की जानकारी देते संवाददाता.

जानिए वाराणसी लोकसभा सीट का राजनीतिक समीकरण

  • गुरुवार को महागठबंधन की रैली कर मायावती अखिलेश और अजीत सिंह महागठबंधन की ताकत दिखाने के लिए वाराणसी पहुंच रहे हैं.
  • वाराणसी लोकसभा सीट बेहद खास मानी जाती है क्योंकि इससे ना सिर्फ पूर्वांचल बल्कि आस-पास के राज्यों में भी अपना असर दिखाती हैं.
  • इसी महत्वपूर्ण सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में लगभग 371000 वोटों से जीत हासिल की थी और अपने निकटतम प्रतिद्वंदी अरविंद केजरीवाल को दो लाख से ज्यादा मतों से हराया था.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगे कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय को जहां 75614 वोट मिले थे, वहीं समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी कैलाश चौरसिया महज 45,296 वोट और बसपा प्रत्याशी विजय प्रकाश जो इस वक्त भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं उनको 60,579 वोट मिले थे.
  • सबसे बड़ी बात यह है कि तीनों पार्टियों के प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी.
  • ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मार्च के महीने में वाराणसी में जिस तरह से रोड शो कर अपनी ताकत दिखाई उसके बाद हर पार्टी बनारस में अपना जोश दिखाते हुए ताकत का एहसास कराने में जुटी हुई है.
  • कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने रोड शो कर मोदी को चैलेंज देने का काम किया.
  • देखने वाली बात यह होगी कि सच में आखिर कौन सी पार्टी कितनी मजबूती से वाराणसी में चुनाव लड़ पाती है.
  • वाराणसी में जातिगत वोटों का समीकरण फिलहाल बीजेपी के पक्ष में ही जाता दिखता है
  • वाराणसी में वर्तमान समय में ब्राह्मण वोट बैंक की बात की जाए तो ढाई लाख की संख्या है. जबकि मुस्लिम वोटर तीन लाख, बनिया वोट बैंक सवा तीन लाख, यादव वोट बैंक 80,000 है जबकि राजपूत 90 हजार की संख्या में वोटर मौजूद हैं.
Intro:वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश हर पार्टी कर रही है चाहे वह कांग्रेस हो चाहे पर सपा बसपा महागठबंधन हर कोई चाह रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में जो बड़ी जीत हासिल की थी उससे उनको इस बार दूर करते हुए नया प्रत्याशी बनारस से सांसद बने लेकिन इन सबके बीच क्या पार्टियां अपने मकसद में कामयाब हो पाएंगी या बेहद जरूरी हो जाता है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि एक तरफ जहां प्रियंका गांधी निकल वाराणसी में रोड शो करके अपनी ताकत दिखाने का काम किया था वहीं आज महागठबंधन की रैली वाराणसी में होने जा रही है जिसमें बसपा सुप्रीमो मायावती समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत सिंह की मौजूदगी होने वाली है प्रधानमंत्री मोदी के घर में प्रधानमंत्री के सामने अपने आप को मजबूत दिखाने की यह कवायद करते हुए पीएम मोदी को उनके संसदीय क्षेत्र में पटखनी देने के लिए हर पार्टी अपना पूरा दम लगा रही है और देखने वाली बात यह है कि 19 मई को होने वाले मतदान में कौन किसको पीछे पचावर 23 मई को बनारस से जीत हासिल कर देश में अपना परचम लहराता है.


Body:वीओ-01 दरअसल वाराणसी की लोकसभा सीट बेहद खास मानी जाती है क्योंकि इससे ना सिर्फ पूर्वांचल बल्कि उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड और मध्य प्रदेश तक को कवर करने का काम होता है कितनी बड़ी और महत्वपूर्ण सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में लगभग 371000 वोटों से जीत हासिल की थी और अपने निकटतम प्रतिद्वंदी अरविंद केजरीवाल को दो लाख से ज्यादा मतों से हराया था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगे कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय को जहां 75614 वोट मिले थे वहीं समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी कैलाश चौरसिया महज 45,296 वोट और बसपा प्रत्याशी विजय प्रकाश जो इस वक्त भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं उनको 60,579 वोट मिले थे सबसे बड़ी बात यह है कि तीनों पार्टियों के प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी. ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मार्च के महीने में वाराणसी में जिस तरह से रोड शो कर अपनी ताकत दिखाई उसके बाद हर पार्टी बनारस में अपना जोश खरोश दिखाते हुए ताकत का एहसास कराने में जुटी हुई है कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने रोड शो में यह इकट्ठा करने की कोशिश करते हुए मोदी को चैलेंज देने का काम किया और आज महागठबंधन की रैली कर मायावती अखिलेश और अजीत सिंह महागठबंधन की ताकत दिखाने के लिए वाराणसी पहुंच रहे हैं देखने वाली बात यह होगी कि सच में आखिर कौन पार्टी कितनी मजबूती से वाराणसी में चुनाव लड़ पाती है ऐसा इसलिए भी क्योंकि वाराणसी में जिस तरह से जातिगत वोटों का समीकरण है वह फिलहाल बीजेपी के पक्ष में ही जाता दिखता है वाराणसी में वर्तमान समय में ब्राह्मण वोट बैंक की बात की जाए तो ढाई लाख की संख्या है. जबकि मुस्लिम वोट तीन लाख, बनिया में बैंक सवा तीन लाख दलित वोट बैंक ब्लॉक और यादव वोट बैंक 80000 है जबकि राजपूत 90 हजार की संख्या में वाराणसी में वोटर के रूप में मौजूद है.


Conclusion:वीओ-01 अगर वाराणसी में वर्तमान वोट बैंक को देखते हुए बात की जाए तो ब्राह्मण बनिया राजपूत वोट बैंक हमेशा से बीजेपी के साथ रहा है जिसके बल पर बीजेपी ने 1991 से अब तक वाराणसी सीट पर कब्जा बनाए रखा है हालांकि 2004 में कांग्रेस ने सीट पर जीत हासिल की थी लेकिन 5 साल बाद फिर से मुरली मनोहर जोशी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में इस सीट पर अपना कब्जा बनाए रखा इन सब के बाद दलित यादव और अन्य जातियों के वोट बैंक को अकाउंट भी कर लिया जाए तो स्थितियां फिलहाल बीजेपी के पक्ष में बनती दिख रही है लेकिन हर पार्टी प्रधानमंत्री मोदी के सामने अपनी पूरी ताकत दिखा कर बीजेपी को यह अहसास कराना चाह रही है कि हर मोर्चे पर पूरी तरह से बीजेपी के चुनावी मैदान में पूरी ताकत से डटी हुई है.

गोपाल मिश्र

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