वाराणसी: पीएम नरेंद्र मोदी के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश हर पार्टी कर रही है, चाहे वह कांग्रेस हो चाहे या फिर महागठबंधन. इसीलिए गुरुवार को जिले में महागठबंधन की रैली आयोजित होने जा रही है. जिसमें बसपा सुप्रीमो मायावती समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित सिंह मौजूद रहेंगे.
जानिए वाराणसी लोकसभा सीट का राजनीतिक समीकरण
- गुरुवार को महागठबंधन की रैली कर मायावती अखिलेश और अजीत सिंह महागठबंधन की ताकत दिखाने के लिए वाराणसी पहुंच रहे हैं.
- वाराणसी लोकसभा सीट बेहद खास मानी जाती है क्योंकि इससे ना सिर्फ पूर्वांचल बल्कि आस-पास के राज्यों में भी अपना असर दिखाती हैं.
- इसी महत्वपूर्ण सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में लगभग 371000 वोटों से जीत हासिल की थी और अपने निकटतम प्रतिद्वंदी अरविंद केजरीवाल को दो लाख से ज्यादा मतों से हराया था.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगे कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय को जहां 75614 वोट मिले थे, वहीं समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी कैलाश चौरसिया महज 45,296 वोट और बसपा प्रत्याशी विजय प्रकाश जो इस वक्त भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं उनको 60,579 वोट मिले थे.
- सबसे बड़ी बात यह है कि तीनों पार्टियों के प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी.
- ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मार्च के महीने में वाराणसी में जिस तरह से रोड शो कर अपनी ताकत दिखाई उसके बाद हर पार्टी बनारस में अपना जोश दिखाते हुए ताकत का एहसास कराने में जुटी हुई है.
- कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने रोड शो कर मोदी को चैलेंज देने का काम किया.
- देखने वाली बात यह होगी कि सच में आखिर कौन सी पार्टी कितनी मजबूती से वाराणसी में चुनाव लड़ पाती है.
- वाराणसी में जातिगत वोटों का समीकरण फिलहाल बीजेपी के पक्ष में ही जाता दिखता है
- वाराणसी में वर्तमान समय में ब्राह्मण वोट बैंक की बात की जाए तो ढाई लाख की संख्या है. जबकि मुस्लिम वोटर तीन लाख, बनिया वोट बैंक सवा तीन लाख, यादव वोट बैंक 80,000 है जबकि राजपूत 90 हजार की संख्या में वोटर मौजूद हैं.