वाराणसी: कोरोना वायरस के खात्मे के लिए लोग अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं. एक तरफ जहां वैज्ञानिक इस वायरस से लड़ने के लिए इंजेक्शन और दवाइयां तैयार कर रहे हैं, तो डॉक्टर दिन रात मेहनत कर रहे हैं और अब इस वायरस को हराने के लिए धर्म और आस्था का भी सहारा लिया जा रहा है. कहीं पूजा पाठ हो रहे हैं तो कहीं हवन सैनिटाइजेशन का कार्यक्रम चलाया जा रहा है. अपने आप में हवन सैनिटाइजेशन कि यह बात बिल्कुल नई और अनोखी है. इसकी शुरुआत वाराणसी के सारनाथ क्षेत्र से की गई है. यहां कुछ सामाजिक संगठन, साहित्यकारों और कवियों ने मिलकर मोहल्ला हवन सैनिटाइजेशन का कार्यक्रम शुरू किया है. जिसमें अनूठे तरीके से हवन सामग्री के साथ मोहल्ले को सैनिटाइज करने का काम किया जा रहा है.
हवन मोहल्ला सैनिटाइजेशन
सारनाथ के बरईपुर गांव और आसपास के लोगों में जनजागरण के साथ कोरोना के संक्रमण को रोकने को लिए बौद्धायन सोसाइटी एवं व्ही लोकल इन्टरप्राइजेज के संयुक्त सहयोग से हवन सैनिटाइजेशन का शुभारम्भ किया गया. इसमें हवन सामग्रियों से वातावरण को शुद्ध करने हेतु मोहल्ले के बड़े, बच्चों के एक दल द्वारा हवन सामग्रियों के धुएं से देशी तरीके से वातावरण शुद्ध करने का प्रयास किया गया. जिससे गांव में संक्रमण का खौफ कम हो. वातावरण शुद्ध हो और जनजागरण हो.
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शहर से गांव तक अभियान
समाजसेवियों का कहना है कि इस देशी हवनचर्या को अपने दैनिक जीवन में अपनाकर न केवल वर्तमान महामारी से निपटा जा सकता है. बल्कि आगे भी घर परिवार, समाज में सकारात्मक सोच में परिवर्तन होगा. बौद्धायन की सचिव डॉ. मंजरी पाण्डेय ने इसका शुभारंभ किया. इस कार्यक्रम के जरिए आज सारनाथ के कई ग्रामीण इलाकों समेत कॉलोनियों में युवाओं का दल हाथों में जलते हुए हवन कुंड को मटके स्वरूप में लेकर घूमता रहा. हवन कुंड से निकलने वाले धुएं से वातावरण शुद्ध हो और लोगों के अंदर भय खत्म हो.