वाराणसी : करसड़ा स्थित कूड़ा निस्तारण प्लांट परिसर में पिछले एक हफ्ते से सुलग रही आग आसपास के गांव के लिए अब आफत बन गई है. कूड़ा और प्लास्टिक जलने से उठने वाला धुआं वहां रहने वाले लोगों के लिए संकट बन गया है. मई के महीने में भी प्लांट के आसपास के गांव में ऐसा लग रहा है कि मानो कोहरा छाया है.
प्लांट के आसपास 5 गांव में लगभग 10,000 से अधिक आबादी आग के धुएं से परेशान है. बच्चे और बुजुर्ग सभी इसका सामना कर रहे हैं. वहीं, बुजुर्गों को इस धुएं में सांस लेने से काफी दिक्कत हो रही है. 4 मई को पुणे प्लांट में आग लगी थी जिसे फायर ब्रिगेड की मदद से बुजाया गया. धुएं से लोग आज भी परेशान हैं. कूड़े का अंबार इतना ज्यादा है कि वहां पहाड़ सा बन गया है. कुछ देर के लिए तो लगता है कि यह कोई टूरिस्ट प्लेस है. बच्चा यादव ने बताया गांव में बहुत ही ज्यादा प्रदूषण हो रहा है. बच्चों को स्कूल जाने में भी काफी दिक्कत होती है. घर परिवार के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. प्रधान भी इस मामले पर कुछ नहीं कर रहे हैं. कोई सुन नहीं रहा है. ज्यादा धुआं होने से दम घुटने लगता है.
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हीरावती देवी ने बताया कि धुंआ तो इधर कम आया लेकिन कचड़े की गंध बहुत ज्यादा आती है. इसकी वजह से कुछ खाया-पिया नहीं जाता. काफी दिक्कत होती है तो दरवाजा बंद करके रूम में रहते हैं. उनका कहना है कि पहले ऐसा नहीं था. जब से यह पूरा प्लांट लगा है, बहुत दिक्कत हो रहा है. रामचंद्र ने बताया कि बहुत ही दिक्कत है. जानवरों को भी काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. जानवरों को भी खासी आने लगी है. जल्द से जल्द इस को बंद करने का कोई कार्य होना चाहिए हम लोग बहुत ही परेशान हैं.
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