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स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट ने बदल दी बनारस की तस्वीर, जानिए क्या बदलाव आया

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट ने बनारस की तस्वीर बदल कर रख दी है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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Published : Apr 26, 2023, 8:38 PM IST

वाराणसी: बनारस की सूरत को बदलने में स्मार्ट सिटी ने बड़ी भूमिका निभाई है. स्मार्ट सिटी की तरफ से करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट को पूरा किया जा चुका है. इसकी वजह से बनारस की दशा और दिशा पूरी तरह से बदलती नजर आ रही है. पर्यटन से लेकर यहां आने वाले श्रद्धालुओं और लोकल लोगों के लिए किए गए कामों ने धर्म नगरी को एक नई पहचान दी है. रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर से लेकर स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम और पार्किंग से लेकर अन्य जगहों की वजह से बनारस एक नए रूप में जाना जाने लगा है.


स्मार्ट सिटी की तरफ से जारी किए गए प्रेस नोट में कहा गया है कि योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देशन में काशी को स्मार्ट बनाने के लिए तथा यहां मूलभूत सुविधाओं में सुधार करते हुए एडवांस टेक्नोलॉजी से इस शहर को लैस करने का काम निरंतर जारी है. इसी का नतीजा है कि वाराणसी स्मार्ट सिटी के तहत 2018 से लगभग 10 अरब (1017.69 करोड़) की योजना स्वीकृत हुई थी, जिसका कार्य पूरा हो चुका है. इससे शहर के कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बदलाव हुए है. वहीं करीब 329 करोड़ की लगभग 3 परियोजनाओं का काम प्रगति पर है, जिनके मार्च 2024 तक पूर्ण होने की सम्भावना है.



ब्रांड बनारस के रूप में विख्यात हो रहे काशी के डेवलपमेंट की चर्चा आज हर ओर है. 2017 में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद वाराणसी को स्मार्ट बनाने की कवायद शुरू हुई. अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेण्टर 'रुद्राक्ष', आधुनिक सुविधाओं से युक्त नमो घाट, शहर को जाम से मुक्ति दिलाती कई आधुनिक पार्किंग, एडवांस सर्विलांस सिस्टम, इंटीग्रेटेड कमांड एंड कण्ट्रोल सेंटर, शहर के चप्पे चप्पे पर तीसरी आंख का पहरा, आज़ादी के पहले के स्कूलों का कायाकल्प, गलियों का पुनरुद्धार, पौराणिक तालाब, कुंडो, पार्कों का जीर्णोद्धार, ओपन ज़िम, पार्को का जीर्णोद्धार, घाटों पर फसाड लाइट और घाटों के महत्त्व को बताते हुए साइनेज प्रमुख रहे.

इसके अलावा कल्चरल अपलिफ्टमेटेन्ट के तहत गंगा आरती और श्रीकाशी विश्वनथ मंदिर की आरती का शहर में लाइव प्रसारण, इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन, शहर में कई जगह पर फ्री वाई फाई सुविधा, दशाश्वमेध घाट पर पर्यटक सुविधा और मार्केट काम्प्लेक्स का निर्माण, गोदौलिया, दशाश्वमेध तक गुलासबी गलियारा व सौंदर्यीकरण आदि काम हुए हैं. इससे शहर की रंगत ही पूरी तरह से बदल गयी है.



वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी वासुदेवन ने बताया कि 2018 से अभी तक 51 परियोजनाओं के लिए स्वीकृत 1017.69 करोड़ रुपए का कार्य पूर्ण हो चुके हैं. सिगरा स्पोर्टस स्टेडियम में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम निर्माणाधीन है, नमो घाट समेत 3 महत्वपूर्ण योजनाएं मार्च 2024 तक पूर्ण होना प्रस्तावित है, इसकी लागत लगभग 329 करोड़ है.

ये भी पढ़ेंः मुरादाबाद में सिरफिरे पड़ोसी ने कुत्ते को पीट-पीटकर मार डाला, रिपोर्ट दर्ज

वाराणसी: बनारस की सूरत को बदलने में स्मार्ट सिटी ने बड़ी भूमिका निभाई है. स्मार्ट सिटी की तरफ से करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट को पूरा किया जा चुका है. इसकी वजह से बनारस की दशा और दिशा पूरी तरह से बदलती नजर आ रही है. पर्यटन से लेकर यहां आने वाले श्रद्धालुओं और लोकल लोगों के लिए किए गए कामों ने धर्म नगरी को एक नई पहचान दी है. रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर से लेकर स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम और पार्किंग से लेकर अन्य जगहों की वजह से बनारस एक नए रूप में जाना जाने लगा है.


स्मार्ट सिटी की तरफ से जारी किए गए प्रेस नोट में कहा गया है कि योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देशन में काशी को स्मार्ट बनाने के लिए तथा यहां मूलभूत सुविधाओं में सुधार करते हुए एडवांस टेक्नोलॉजी से इस शहर को लैस करने का काम निरंतर जारी है. इसी का नतीजा है कि वाराणसी स्मार्ट सिटी के तहत 2018 से लगभग 10 अरब (1017.69 करोड़) की योजना स्वीकृत हुई थी, जिसका कार्य पूरा हो चुका है. इससे शहर के कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बदलाव हुए है. वहीं करीब 329 करोड़ की लगभग 3 परियोजनाओं का काम प्रगति पर है, जिनके मार्च 2024 तक पूर्ण होने की सम्भावना है.



ब्रांड बनारस के रूप में विख्यात हो रहे काशी के डेवलपमेंट की चर्चा आज हर ओर है. 2017 में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद वाराणसी को स्मार्ट बनाने की कवायद शुरू हुई. अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेण्टर 'रुद्राक्ष', आधुनिक सुविधाओं से युक्त नमो घाट, शहर को जाम से मुक्ति दिलाती कई आधुनिक पार्किंग, एडवांस सर्विलांस सिस्टम, इंटीग्रेटेड कमांड एंड कण्ट्रोल सेंटर, शहर के चप्पे चप्पे पर तीसरी आंख का पहरा, आज़ादी के पहले के स्कूलों का कायाकल्प, गलियों का पुनरुद्धार, पौराणिक तालाब, कुंडो, पार्कों का जीर्णोद्धार, ओपन ज़िम, पार्को का जीर्णोद्धार, घाटों पर फसाड लाइट और घाटों के महत्त्व को बताते हुए साइनेज प्रमुख रहे.

इसके अलावा कल्चरल अपलिफ्टमेटेन्ट के तहत गंगा आरती और श्रीकाशी विश्वनथ मंदिर की आरती का शहर में लाइव प्रसारण, इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन, शहर में कई जगह पर फ्री वाई फाई सुविधा, दशाश्वमेध घाट पर पर्यटक सुविधा और मार्केट काम्प्लेक्स का निर्माण, गोदौलिया, दशाश्वमेध तक गुलासबी गलियारा व सौंदर्यीकरण आदि काम हुए हैं. इससे शहर की रंगत ही पूरी तरह से बदल गयी है.



वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी वासुदेवन ने बताया कि 2018 से अभी तक 51 परियोजनाओं के लिए स्वीकृत 1017.69 करोड़ रुपए का कार्य पूर्ण हो चुके हैं. सिगरा स्पोर्टस स्टेडियम में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम निर्माणाधीन है, नमो घाट समेत 3 महत्वपूर्ण योजनाएं मार्च 2024 तक पूर्ण होना प्रस्तावित है, इसकी लागत लगभग 329 करोड़ है.

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