वाराणसी: वैश्विक महामारी कोरोना का असर भारत में बढ़ता ही जा रहा है. यही वजह है कि गृह मंत्रालय की तरफ से लॉकडाउन-4 की घोषणा की गई. इस लॉकडाउन में बहुत सी सख्ती के बाद धार्मिक स्थलों को खोलने की इजाजत नहीं मिली. 21 मार्च से वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर भी बंद है. लगातार मंदिर के बंद रहने की वजह से जहां पूरा मंदिर परिषद बिल्कुल सुनसान और खाली पड़ा है. वही भक्तों के न आने का सीधा असर मंदिर प्रशासन की आय को भी होने लगा है.
मंदिर प्रशासन की मानें तो जहां आम दिनों में बाबा विश्वनाथ के खजाने में हर महीने पांच करोड़ रुपये के आसपास आते थे. वहीं इन दिनों में सिर्फ 50 लाख रुपये बाबा को अलग-अलग मदों से दान में मिले हैं. विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह का कहना है कि आम दिनों में बाबा विश्वनाथ की जो कमाई करोड़ों में हुआ करती थी. वह अब महज 50 लाख रुपये तक सिमट गई है. ऐसा सिर्फ इसलिए क्योंकि भक्तों का आना बिल्कुल बंद हो गया है.
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मुख्य कार्यपालक अधिकारी का कहना है कि विदेशों में रहने वाले भक्त सामाजिक कार्यों में हाथ बढ़ाने के उद्देश्य से दान दे रहे हैं. विश्वनाथ मंदिर प्रशासन गरीबों को खाना खिलाने के साथ ही जरूरत की सामग्री वितरित करने का काम भी कर रहा है. यही वजह है कि लोग अलग-अलग बैंक खातों में अपने हिसाब से पैसे डाल रहे हैं. जिसकी वजह से धनराशि आ तो रही है, लेकिन उतनी नहीं जितनी आम दिनों में आया करती थी.