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धनतेरस 2019: ऐसे करें मां लक्ष्मी की पूजा, राशि अनुसार इन चीजों को खरीदें बरसेगी माता की कृपा

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Published : Oct 25, 2019, 8:41 AM IST

Updated : Oct 25, 2019, 9:16 AM IST

कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है. 25 अक्टूबर को धनतेरस का पर्व मनाया जा रहा है. इस दिन किसी भी धातु से बनी सामग्री खरीदने की परंपरा है. आज के दिन मां लक्ष्मी, श्री गणेश, देवताओं के वैद्य धन्वंतरि और कुबेर की पूजा की जाती है.

फाइल फोटो.

वाराणसी: माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने का पर्व दीपावली 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा. दीपावली से पहले आज धनत्रयोदशी यानी धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा. धनतेरस जिसे माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने और उनके घर आगमन के लिए सबसे उत्तम माना जाता है. शुक्रवार के दिन भगवान धन्वंतरि यानी देवताओं के वैद्य की उत्पत्ति का दिन भी है. इसलिए इस दिन को धन्वंतरी जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. जानिए धनतेरस के दौरान पूजा पाठ का शुभ मुहूर्त और शुभ के तौर पर घर लेकर आने वाली किसी वस्तु की जानकारी.

धनतेरस पर ऐसे करें मां लक्ष्मी की पूजा.

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विनय पांडेय ने बताया कि 25 अक्टूबर को द्वादशी तिथि की समाप्ति शाम लगभग 7 बजे हो रही है. इसके बाद त्रयोदशी तिथि लग रही है. क्योंकि प्रदोष का मान शाम के वक्त ही होता है. इसलिए धनत्रयोदशी का पर्व 25 तारीख को ही मनाया जाएगा. प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय का कहना है कि धनतेरस का पर्व माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस दिन किसी भी धातु से बनी सामग्री जिसमें माता लक्ष्मी का वास माना जाता है, उसे खरीद कर घर लाने की परंपरा है.


धनतेरस पर किसी भी धातू को खरीद पाएं मां लक्ष्मी का आशीर्वाद
ऐसा नहीं है कि सिर्फ स्टील के बर्तन या सोने चांदी की वस्तु खरीदने पर माता लक्ष्मी की कृपा मिलती है. यह आपकी क्षमता के ऊपर निर्भर करता है कि आप खरीदना क्या चाह रहे हैं. यदि आपकी क्षमता सोना या चांदी खरीदने की नहीं है तो आप पीतल, तांबा या फिर लोहे की वस्तु की खरीद कर ला सकते हैं. क्योंकि किसी भी धातु में माता लक्ष्मी का वास शास्त्रों में बताया गया है. धातु खरीद कर लाना माता लक्ष्मी का आशीर्वाद पाना है. कोई भी धातु लेकर आने से वही फल मिलेगा जो सोने या चांदी के लाने पर मिलता है.

इसे भी पढ़ें:- अमेठी: अगले बरस फिर आने की मनुहार के साथ विदा हुईं मां दुर्गा

आज के दिन की जाती है देवताओं के वैद्य धन्वंतरि और कुबेर की पूजा
प्रोफेसर पांडेय का कहना है कि पौराणिक मान्यताओं में पहले आज के दिन माता लक्ष्मी की धातु की प्रतिमा लाने का विधान होता था. धीरे-धीरे यह बदलकर किसी बर्तन या अन्य सामग्री के रूप में हो गया. आज इसी को प्रचलित किया जाता है कि धनतेरस पर कोई बर्तन अन्य सामान खरीदना चाहिए. आज के दिन धातु की किसी भी वस्तु की खरीदारी करना किसी रूप में शुभ फलदाई होता है. प्रोफेसर विनय पांडे का कहना है कि आज देवताओं के वैद्य धनवंतरी का भी पूजन होता है और कुबेर का भी पूजन किया जाता है.


इसके लिए शाम के वक्त अपने प्रतिष्ठान या घर पर पूजा घर में सतिया बनाकर श्री गणेशाय नमः और शुभ लाभ दीवार पर लिखना चाहिए. इसके लिए शुद्ध देसी घी और केसरिया रंग वाले सिंदूर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. देसी घी और सिंदूर शुद्ध और शुभ फलदाई माना जाता है. इसलिए इनके इस्तेमाल से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.


लक्ष्मी-गणेश के पूजन से बनी रहती है सुख-समृद्धि
प्रोफेसर पांडेय का कहना है कि आज के दिन कुबेर का पूजन भी होता है. इस दिन विशेष तौर पर महालक्ष्मी हो, श्री गणेश की मूर्ति खरीदना भी शुभ माना जाता है. क्योंकि महालक्ष्मी समृद्धि प्रदान करती हैं और गणेश जी सद्‌बुद्धि. इन दोनों की प्रतिमा आज लाकर रखने के बाद दिवाली के दिन इनका पूजन करने से पूरे वर्ष घर में और प्रतिष्ठान में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है.


अलग-अलग राशि के लोग खरीदें यह चीज

  • मेष- सोने के सिक्के
  • वृष- स्वर्ण रजत
  • मिथुन- स्वर्ण आभूषण
  • कर्क- रजत या पीतल के बर्तन
  • सिंह- तांबे के बर्तन या स्वर्ण आभूषण
  • कन्या- गणेश और लक्ष्मी की प्रतिमा किसी भी धातु की
  • तुला- चांदी के बर्तन
  • वृश्चिक- स्वर्ण या रजत आभूषण
  • धनु- चांदी का सिक्का
  • मकर- चांदी का कोई भी बर्तन
  • कुंभ- किसी भी धातु का बर्तन
  • मीन- स्वर्ण रजत का सिक्का

यह है आज की पूजा का शुभ मुहूर्त
शाम द्वादशी खत्म होने के बाद शाम 7 बजकर 05 मिनट से रात्रि 8.45 तक.

इसे भी पढ़ें:- हरदोई: विजयादशमी पर होती है मां बगलामुखी की पूजा

इन बातों का रखें ध्यान

  • - अपनी क्षमता के अनुसार खरीदारी करें. स्वर्ण या रजत खरीदना आवश्यक नहीं.
  • - लक्ष्मी का वास प्रत्येक धातु में होता है. धातु से बनी कोई भी सामग्री आज के दिन खरीद सकते हैं.
  • - दिवाली के दिन पूजा किए जाने वाली गणेश लक्ष्मी की प्रतिमा आज ही खरीदें.
  • - शाम 7 बजे के बाद धनत्रयोदशी का पूजन करना विशेष फलदाई होगा.
  • - जो भी धातु खरीदें, उसमें रोली से सतिया बनाकर आज उसका पूजन करें.
  • - अपने घर के मुख्य द्वार और पूजा घर के द्वार पर और पूजा घर में श्री गणेशाय नमः, शुभ-लाभ और सतिया अवश्य बनाएं.

वाराणसी: माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने का पर्व दीपावली 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा. दीपावली से पहले आज धनत्रयोदशी यानी धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा. धनतेरस जिसे माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने और उनके घर आगमन के लिए सबसे उत्तम माना जाता है. शुक्रवार के दिन भगवान धन्वंतरि यानी देवताओं के वैद्य की उत्पत्ति का दिन भी है. इसलिए इस दिन को धन्वंतरी जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. जानिए धनतेरस के दौरान पूजा पाठ का शुभ मुहूर्त और शुभ के तौर पर घर लेकर आने वाली किसी वस्तु की जानकारी.

धनतेरस पर ऐसे करें मां लक्ष्मी की पूजा.

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विनय पांडेय ने बताया कि 25 अक्टूबर को द्वादशी तिथि की समाप्ति शाम लगभग 7 बजे हो रही है. इसके बाद त्रयोदशी तिथि लग रही है. क्योंकि प्रदोष का मान शाम के वक्त ही होता है. इसलिए धनत्रयोदशी का पर्व 25 तारीख को ही मनाया जाएगा. प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय का कहना है कि धनतेरस का पर्व माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस दिन किसी भी धातु से बनी सामग्री जिसमें माता लक्ष्मी का वास माना जाता है, उसे खरीद कर घर लाने की परंपरा है.


धनतेरस पर किसी भी धातू को खरीद पाएं मां लक्ष्मी का आशीर्वाद
ऐसा नहीं है कि सिर्फ स्टील के बर्तन या सोने चांदी की वस्तु खरीदने पर माता लक्ष्मी की कृपा मिलती है. यह आपकी क्षमता के ऊपर निर्भर करता है कि आप खरीदना क्या चाह रहे हैं. यदि आपकी क्षमता सोना या चांदी खरीदने की नहीं है तो आप पीतल, तांबा या फिर लोहे की वस्तु की खरीद कर ला सकते हैं. क्योंकि किसी भी धातु में माता लक्ष्मी का वास शास्त्रों में बताया गया है. धातु खरीद कर लाना माता लक्ष्मी का आशीर्वाद पाना है. कोई भी धातु लेकर आने से वही फल मिलेगा जो सोने या चांदी के लाने पर मिलता है.

इसे भी पढ़ें:- अमेठी: अगले बरस फिर आने की मनुहार के साथ विदा हुईं मां दुर्गा

आज के दिन की जाती है देवताओं के वैद्य धन्वंतरि और कुबेर की पूजा
प्रोफेसर पांडेय का कहना है कि पौराणिक मान्यताओं में पहले आज के दिन माता लक्ष्मी की धातु की प्रतिमा लाने का विधान होता था. धीरे-धीरे यह बदलकर किसी बर्तन या अन्य सामग्री के रूप में हो गया. आज इसी को प्रचलित किया जाता है कि धनतेरस पर कोई बर्तन अन्य सामान खरीदना चाहिए. आज के दिन धातु की किसी भी वस्तु की खरीदारी करना किसी रूप में शुभ फलदाई होता है. प्रोफेसर विनय पांडे का कहना है कि आज देवताओं के वैद्य धनवंतरी का भी पूजन होता है और कुबेर का भी पूजन किया जाता है.


इसके लिए शाम के वक्त अपने प्रतिष्ठान या घर पर पूजा घर में सतिया बनाकर श्री गणेशाय नमः और शुभ लाभ दीवार पर लिखना चाहिए. इसके लिए शुद्ध देसी घी और केसरिया रंग वाले सिंदूर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. देसी घी और सिंदूर शुद्ध और शुभ फलदाई माना जाता है. इसलिए इनके इस्तेमाल से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.


लक्ष्मी-गणेश के पूजन से बनी रहती है सुख-समृद्धि
प्रोफेसर पांडेय का कहना है कि आज के दिन कुबेर का पूजन भी होता है. इस दिन विशेष तौर पर महालक्ष्मी हो, श्री गणेश की मूर्ति खरीदना भी शुभ माना जाता है. क्योंकि महालक्ष्मी समृद्धि प्रदान करती हैं और गणेश जी सद्‌बुद्धि. इन दोनों की प्रतिमा आज लाकर रखने के बाद दिवाली के दिन इनका पूजन करने से पूरे वर्ष घर में और प्रतिष्ठान में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है.


अलग-अलग राशि के लोग खरीदें यह चीज

  • मेष- सोने के सिक्के
  • वृष- स्वर्ण रजत
  • मिथुन- स्वर्ण आभूषण
  • कर्क- रजत या पीतल के बर्तन
  • सिंह- तांबे के बर्तन या स्वर्ण आभूषण
  • कन्या- गणेश और लक्ष्मी की प्रतिमा किसी भी धातु की
  • तुला- चांदी के बर्तन
  • वृश्चिक- स्वर्ण या रजत आभूषण
  • धनु- चांदी का सिक्का
  • मकर- चांदी का कोई भी बर्तन
  • कुंभ- किसी भी धातु का बर्तन
  • मीन- स्वर्ण रजत का सिक्का

यह है आज की पूजा का शुभ मुहूर्त
शाम द्वादशी खत्म होने के बाद शाम 7 बजकर 05 मिनट से रात्रि 8.45 तक.

इसे भी पढ़ें:- हरदोई: विजयादशमी पर होती है मां बगलामुखी की पूजा

इन बातों का रखें ध्यान

  • - अपनी क्षमता के अनुसार खरीदारी करें. स्वर्ण या रजत खरीदना आवश्यक नहीं.
  • - लक्ष्मी का वास प्रत्येक धातु में होता है. धातु से बनी कोई भी सामग्री आज के दिन खरीद सकते हैं.
  • - दिवाली के दिन पूजा किए जाने वाली गणेश लक्ष्मी की प्रतिमा आज ही खरीदें.
  • - शाम 7 बजे के बाद धनत्रयोदशी का पूजन करना विशेष फलदाई होगा.
  • - जो भी धातु खरीदें, उसमें रोली से सतिया बनाकर आज उसका पूजन करें.
  • - अपने घर के मुख्य द्वार और पूजा घर के द्वार पर और पूजा घर में श्री गणेशाय नमः, शुभ-लाभ और सतिया अवश्य बनाएं.
Intro:स्पेशल स्टोरी:

वाराणसी: माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने का पर्व दीपावली 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा, लेकिन दीपावली से पहले आज धनत्रयोदशी यानी धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा. धनतेरस जिसे माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने और उनके घर आगमन के लिए सबसे उत्तम माना जाता है. आज के दिन भगवान धन्वंतरि यानी देवताओं के वैद्य की उत्पत्ति का दिन भी है. इसलिए इस दिन को धन्वंतरी जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है धनतेरस के दौरान पूजा पाठ का शुभ मुहूर्त और शुभ के तौर पर घर लेकर आने वाली किसी वस्तु की जानकारी का होना, तो क्या करें आज धनतेरस के दिन ऐसा खास जो बनी रहे मां लक्ष्मी की कृपा जानिए काशी के विद्वानों से.


Body:वीओ-01 काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विनय पांडेय का कहना है कि पूरे दिन 25 अक्टूबर को द्वादशी तिथि की समाप्ति शाम लगभग 7:00 बजे हो रही है और उसके बाद त्रयोदशी तिथि लग रही है, क्योंकि प्रदोष का मान शाम के वक्त ही होता इसलिए धनत्रयोदशी का पर्व 25 तारीख को ही मनाया जाएगा. प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय का कहना है कि धनतेरस का पर्व माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस दिन किसी भी धातु से बनी सामग्री जिसमें माता लक्ष्मी का वास माना जाता है. उसे खरीद कर घर लाने की परंपरा है ऐसा नहीं है कि सिर्फ स्टील के बर्तन या सोने चांदी की वस्तु खरीदने सही माता लक्ष्मी की कृपा मिलती है. यह आपकी क्षमता के ऊपर निर्भर करता है कि आप खरीदना क्या चाह रहे हैं यदि आप की छमता सोना या चांदी खरीदने की नहीं है तो आप पीतल तांबा या फिर लोहे की वस्तु की खरीद कर ला सकते हैं, क्योंकि किसी भी धातु में माता लक्ष्मी का वास शास्त्रों में बताया गया है और धातु खरीद कर लाना माता लक्ष्मी का आशीर्वाद पाना है कोई भी धातु लेकर आने से वही फल मिलेगा जो सोने या चांदी के लाने पर मिलता है प्रोफेसर पांडेय का कहना है कि पौराणिक मान्यताओं में पहले आज के दिन माता लक्ष्मी की धातु की प्रतिमा लाने का विधान होता था धीरे-धीरे यह बदलकर किसी बर्तन या अन्य सामग्री के रूप में हो गया और आज इसी को प्रचलित किया जाता है कि धनतेरस पर कोई बर्तन अन्य सामान खरीदना चाहिए जबकि ऐसा नहीं है. आज के दिन धातु की किसी भी वस्तु की खरीदारी करना किसी रूप में शुभ फलदाई होता है प्रोफेसर विनय पांडे का गाना है कि आज देवताओं के वैद्य धनवंतरी के अभी पूजन होता है और कुबेर का भी पूजन किया जाता है इसके लिए शाम के वक्त अपने प्रतिष्ठान या घर पर पूजा घर में सतिया बनाकर श्री गणेशाय नमः और शुभ लाभ दीवार पर लिखना चाहिए इसके लिए शुद्ध देसी घी और केसरिया रंग वाले सिंदूर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. देसी घी और सिंदूर शुद्ध और शुभ फलदाई माना जाता है इसलिए इनके इस्तेमाल से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.

बाईट- प्रो विनय कुमार पांडेय, विभागाध्यक्ष, ज्योतिष विभाग, बीएचयू


Conclusion:वीओ-02 ज्योतिषाचार्य का कहना है कि आज के दिन कुबेर का पूजन भी होता है इस दिन विशेष तौर पर महालक्ष्मी हो श्री गणेश की मूर्ति खरीदना भी शुभ माना जाता है, क्योंकि महालक्ष्मी समृद्धि प्रदान करती हैं और गणेश जी सद्बुद्धि इन दोनों की प्रतिमा आज लाकर रखने के बाद दिवाली के दिन इनका पूजन करने से पूरे वर्ष घर में और प्रतिष्ठान में सुख शांति समृद्धि बनी रहती है.

अलग-अलग राशि के लोग खरीदें यह चीज है...

मेष- सोने के सिक्के
वृष- स्वर्ण रजत
मिथुन- स्वर्ण आभूषण
कर्क- रजत या पीतल के बर्तन
सिंह- तांबे के बर्तन या स्वर्ण आभूषण
कन्या- गणेश और लक्ष्मी की प्रतिमा किसी भी धातु की
तुला- चांदी के बर्तन
वृश्चिक- स्वर्ण या रजत आभूषण
धनु- चांदी का सिक्का
मकर- चांदी का कोई भी बर्तन
कुंभ- किसी भी धातु का बर्तन
मीन- स्वर्ण रजत का सिक्का

यह है शुभ मुहूर्त आज की पूजा का

शाम द्वादशी खत्म होने के बाद शाम 7 बजकर 05 मिनट से रात्रि 8.45 तक।

इन बातों का रखे ध्यान

- अपनी क्षमता के अनुसार खरीदारी करें स्वर्ण या रजत खरीदना आवश्यक नहीं
- लक्ष्मी का वास प्रत्येक धातु में होता है धातु से बनी कोई भी सामग्री आज के दिन खरीद सकते हैं
- दिवाली के दिन पूजा किए जाने वाली गणेश लक्ष्मी की प्रतिमा आज ही खरीदें
- शाम 7:00 बजे के बाद धनत्रयोदशी का पूजन करना विशेष फलदाई होगा
- जो भी धातु खरीद चलना है उसमें रोली से सतिया बनाकर आज उसका पूजन करें
- अपने घर के मुख्य द्वार और पूजा घर के द्वार पर और पूजा घर में श्री गणेशाय नमः शुभ - लाभ और सतिया अवश्य बनाएं

गोपाल मिश्र

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Last Updated : Oct 25, 2019, 9:16 AM IST
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