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ज्ञानवापी प्रकरण के सभी मुकदमों को साथ लड़ने के लिए एक नए ट्रस्ट का गठन

ज्ञानवापी प्रकरण में चार वादी महिलाओं संग मुख्य अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने बनाया एक नया ट्रस्ट बनाया है. इस ट्रस्ट के बैनर तले विश्वनाथ मंदिर से जुड़े सभी मुकदमे लोकल और सुप्रीम कोर्ट में लड़े जाएंगे.

ज्ञानवापी प्रकरण के लिए नए ट्रस्ट का गठन.
ज्ञानवापी प्रकरण के लिए नए ट्रस्ट का गठन.
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Published : Jul 11, 2022, 8:12 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में मंगलवार एक बार फिर से सुनवाई होने वाली है. इसके पहले सोमवार को इस मामले में केस दायर करने वाली चार अन्य वादी महिलाओं के साथ मिलकर लीगल प्रकरण देख रहे हरिशंकर जैन विष्णु जैन ने सभी मुकदमों को एक जगह लड़ने और सभी याचिकाकर्ताओं को एकजुट रखने के उद्देश्य से श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास ट्रस्ट का गठन किया है.

ज्ञानवापी प्रकरण के लिए नए ट्रस्ट का गठन.

राखी सिंह और उनके पैरोकार जितेंद्र सिंह बिसेन ने अपनी संस्था विश्व वैदिक सनातन संघ को इस पूरे मामले से अलग कर हरिशंकर जैन, विष्णु जैन सहित अन्य पुराने वकीलों को इस पूरे प्रकरण में बाहर कर दिया था. जिसके बाद इस ट्रस्ट का गठन होने के बाद अब चार अन्य महिला याचिकाकर्ताओं के साथ नए ट्रस्ट संग पूरी कानूनी लड़ाई को आगे बढ़ाया जाएगा.

हरिशंकर जैन के बेटे विष्णु शंकर जैन ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि 'मंगलवार को एक बार फिर से जिला जज की अदालत में श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी मामले की सुनवाई होनी है. पूरे प्रकरण में 52 अलग-अलग पॉइंट पर मुस्लिम पक्ष ने अपनी बहस पूरी कर ली है. मंगलवार को मुस्लिम पक्ष को सुनने के बाद कोर्ट हमें सुनने का मौका देगा. हम अपने आप को मजबूत करने के उद्देश्य से श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास ट्रस्ट बनाया है. ट्रस्ट की पहली बैठक में वादी सीता साहू, मंजू बिहार, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक सहित हिंदू पक्ष के सभी वकील, हाई कोर्ट की वकील रंजना अग्निहोत्री समेत कई अन्य लोग मौजूद थे.

इसे भी पढ़ें-ज्ञानवापी प्रकरण: किरण सिंह विसेन की याचिका पर सुनवाई 14 जुलाई को

विष्णु शंकर जैन का कहना है कि 'इस ट्रस्ट का गठन विश्वनाथ मंदिर आंदोलन को धार देने के लिए किया गया है. उद्देश्य सिर्फ इतना है कि जो तथाकथित रूप से ज्ञानवापी मस्जिद कहीं जा रही है, वह विश्वनाथ शिवलिंग का मूल स्थान है. इस मूल स्थान को प्राप्त करने के लिए जो कानूनी लड़ाई हम लड़ रहे हैं उसे मजबूती मिले. हमारा उद्देश्य कहीं से भी पैसे कमाना नहीं है. यह ट्रस्ट ना किसी से पैसे मांग रहा है न हमारी किसी से अपील है. हम अपने स्तर पर इस लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे और सभी वादी एक साथ होकर एकजुटता के साथ एक फैसले लेकर आगे बढ़ेंगे.'

जितेंद्र सिंह बिसेन के अलग होने के सवाल पर विष्णु जैन ने कहा 'हमारा उद्देश्य किसी के पैर पर खड़े होना नहीं है. हमने यह पहले ही डिसाइड कर रखा था, लेकिन किसी कारणों से यह काम आगे नहीं बढ़ा था. अब वाराणसी में चल रहे सभी मुकदमे और सुप्रीम कोर्ट में विश्वनाथ मंदिर प्रकरण से जुड़े सभी याचिका पर यही ट्रस्ट कार्रवाई आगे बढ़ाएगा.'

वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में मंगलवार एक बार फिर से सुनवाई होने वाली है. इसके पहले सोमवार को इस मामले में केस दायर करने वाली चार अन्य वादी महिलाओं के साथ मिलकर लीगल प्रकरण देख रहे हरिशंकर जैन विष्णु जैन ने सभी मुकदमों को एक जगह लड़ने और सभी याचिकाकर्ताओं को एकजुट रखने के उद्देश्य से श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास ट्रस्ट का गठन किया है.

ज्ञानवापी प्रकरण के लिए नए ट्रस्ट का गठन.

राखी सिंह और उनके पैरोकार जितेंद्र सिंह बिसेन ने अपनी संस्था विश्व वैदिक सनातन संघ को इस पूरे मामले से अलग कर हरिशंकर जैन, विष्णु जैन सहित अन्य पुराने वकीलों को इस पूरे प्रकरण में बाहर कर दिया था. जिसके बाद इस ट्रस्ट का गठन होने के बाद अब चार अन्य महिला याचिकाकर्ताओं के साथ नए ट्रस्ट संग पूरी कानूनी लड़ाई को आगे बढ़ाया जाएगा.

हरिशंकर जैन के बेटे विष्णु शंकर जैन ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि 'मंगलवार को एक बार फिर से जिला जज की अदालत में श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी मामले की सुनवाई होनी है. पूरे प्रकरण में 52 अलग-अलग पॉइंट पर मुस्लिम पक्ष ने अपनी बहस पूरी कर ली है. मंगलवार को मुस्लिम पक्ष को सुनने के बाद कोर्ट हमें सुनने का मौका देगा. हम अपने आप को मजबूत करने के उद्देश्य से श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास ट्रस्ट बनाया है. ट्रस्ट की पहली बैठक में वादी सीता साहू, मंजू बिहार, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक सहित हिंदू पक्ष के सभी वकील, हाई कोर्ट की वकील रंजना अग्निहोत्री समेत कई अन्य लोग मौजूद थे.

इसे भी पढ़ें-ज्ञानवापी प्रकरण: किरण सिंह विसेन की याचिका पर सुनवाई 14 जुलाई को

विष्णु शंकर जैन का कहना है कि 'इस ट्रस्ट का गठन विश्वनाथ मंदिर आंदोलन को धार देने के लिए किया गया है. उद्देश्य सिर्फ इतना है कि जो तथाकथित रूप से ज्ञानवापी मस्जिद कहीं जा रही है, वह विश्वनाथ शिवलिंग का मूल स्थान है. इस मूल स्थान को प्राप्त करने के लिए जो कानूनी लड़ाई हम लड़ रहे हैं उसे मजबूती मिले. हमारा उद्देश्य कहीं से भी पैसे कमाना नहीं है. यह ट्रस्ट ना किसी से पैसे मांग रहा है न हमारी किसी से अपील है. हम अपने स्तर पर इस लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे और सभी वादी एक साथ होकर एकजुटता के साथ एक फैसले लेकर आगे बढ़ेंगे.'

जितेंद्र सिंह बिसेन के अलग होने के सवाल पर विष्णु जैन ने कहा 'हमारा उद्देश्य किसी के पैर पर खड़े होना नहीं है. हमने यह पहले ही डिसाइड कर रखा था, लेकिन किसी कारणों से यह काम आगे नहीं बढ़ा था. अब वाराणसी में चल रहे सभी मुकदमे और सुप्रीम कोर्ट में विश्वनाथ मंदिर प्रकरण से जुड़े सभी याचिका पर यही ट्रस्ट कार्रवाई आगे बढ़ाएगा.'

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