वाराणसी: भारतीय हिन्दू कैलेंडर के अनुसार पांचवां मास श्रावण का होता है. आम बोलचाल की भाषा में इसे लोग सावन कहते हैं. इस साल सावन महीने की शुरूआत 17 जुलाई से हो रही है. वाराणसी में सावन महीने का विशेष महत्व है. यहां के लोग सावन महीने को बेहद खास तरीके से मनाते हैं. बारह 12 ज्योतिर्लिंग में एक काशी विश्वनाथ वाराणसी में विराजमान हैं. इससे यहां की महत्ता और बढ़ जाती है.
- सावन महीना हिंदुओं के लिए विशेष और पवित्र माना जाता है.
- मान्यता है कि सावन भगवान शिव का पसंदीदा मास होता है
- सावन मास से ही सोलह सोमवार व्रत की शुरूआत की जाती है.
- ज्योतिष के अनुसार सावन मास के सोमवार को व्रत रखना बेहद फलदायी और शुभ माना जाता है.
- वहीं पौराणिक मान्यता है कि श्रावण में निराहार रहकर भगवान शिव का व्रत रखता है उसे मनचाहा जीवनसाथी की प्राप्ती होती है.
- कुंआरी लड़कियों और लड़कों को इस महीने विशेष रूप से व्रत करने से शादी के योग बनते हैं.
- सावन महीने में काशी विश्वनाथ के दर्शन करने से भत्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.
इस महीने में चार सोमवार पड़ रहे हैं. जिसमें एक सोमवार पर नाग पंचमी और दो सोमवार को प्रदोष व्रत पढ़ रहे हैं. इस महीने की हर तिथि यूं तो महादेव को काफी प्रिय है लेकिन सावन के सोमवारों का अपना अलग ही महत्व है और इसलिए इन सोमवारों में इस तरह के योग का बनने से न सिर्फ सोमवार की तिथि बल्कि इन सभी व्रतों का भी लाभ भक्तों को मिलेगा.
-गणेश मिश्रा, ज्योतिषाचार्य, काशी हिन्दू विश्विद्यालय
ज्योतिषाचार्य गणेश मिश्रा ने बताया कि श्रावण मास की शुरुआत गुरु पूर्णिमा के बाद होती है और इस बार सावन की हर तिथि को व्रती तिथि बताया गया है, जिसमें किसी भी तिथि पर उपवास करने से उस तिथि का दोगना लाभ भक्तों को मिलेगा. 17 जुलाई को शुरू होने वाले श्रावण मास का समापन 15 अगस्त को होगा और इस महीने में कुछ खास योग भी बन रहे हैं.