ETV Bharat / state

वाराणसी: सावन के महीने में भगवान शिव की अराधना से सभी मनोकामनाएं होती हैं पूरी

इस साल सावन महीने की शुरुआत 17 जुलाई से हो रही है और सावन में हर साल काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों का तांता लगता है. मान्यता है कि जो भक्त सावन के महीने में काशी विश्वनाथ के दर्शन करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

सावन के महीने में भगवान शिव की अराधना से सभी मनोकामनाएं होती है पूरी
author img

By

Published : Jul 12, 2019, 5:22 PM IST

वाराणसी: भारतीय हिन्दू कैलेंडर के अनुसार पांचवां मास श्रावण का होता है. आम बोलचाल की भाषा में इसे लोग सावन कहते हैं. इस साल सावन महीने की शुरूआत 17 जुलाई से हो रही है. वाराणसी में सावन महीने का विशेष महत्व है. यहां के लोग सावन महीने को बेहद खास तरीके से मनाते हैं. बारह 12 ज्योतिर्लिंग में एक काशी विश्वनाथ वाराणसी में विराजमान हैं. इससे यहां की महत्ता और बढ़ जाती है.

17 जुलाई से शुरू हो रहा है पवित्र सावन का महीना
जानिए क्या है सावन महीने की महिमा-
  • सावन महीना हिंदुओं के लिए विशेष और पवित्र माना जाता है.
  • मान्यता है कि सावन भगवान शिव का पसंदीदा मास होता है
  • सावन मास से ही सोलह सोमवार व्रत की शुरूआत की जाती है.
  • ज्योतिष के अनुसार सावन मास के सोमवार को व्रत रखना बेहद फलदायी और शुभ माना जाता है.
  • वहीं पौराणिक मान्यता है कि श्रावण में निराहार रहकर भगवान शिव का व्रत रखता है उसे मनचाहा जीवनसाथी की प्राप्ती होती है.
  • कुंआरी लड़कियों और लड़कों को इस महीने विशेष रूप से व्रत करने से शादी के योग बनते हैं.
  • सावन महीने में काशी विश्वनाथ के दर्शन करने से भत्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.

इस महीने में चार सोमवार पड़ रहे हैं. जिसमें एक सोमवार पर नाग पंचमी और दो सोमवार को प्रदोष व्रत पढ़ रहे हैं. इस महीने की हर तिथि यूं तो महादेव को काफी प्रिय है लेकिन सावन के सोमवारों का अपना अलग ही महत्व है और इसलिए इन सोमवारों में इस तरह के योग का बनने से न सिर्फ सोमवार की तिथि बल्कि इन सभी व्रतों का भी लाभ भक्तों को मिलेगा.
-गणेश मिश्रा, ज्योतिषाचार्य, काशी हिन्दू विश्विद्यालय

ज्योतिषाचार्य गणेश मिश्रा ने बताया कि श्रावण मास की शुरुआत गुरु पूर्णिमा के बाद होती है और इस बार सावन की हर तिथि को व्रती तिथि बताया गया है, जिसमें किसी भी तिथि पर उपवास करने से उस तिथि का दोगना लाभ भक्तों को मिलेगा. 17 जुलाई को शुरू होने वाले श्रावण मास का समापन 15 अगस्त को होगा और इस महीने में कुछ खास योग भी बन रहे हैं.

वाराणसी: भारतीय हिन्दू कैलेंडर के अनुसार पांचवां मास श्रावण का होता है. आम बोलचाल की भाषा में इसे लोग सावन कहते हैं. इस साल सावन महीने की शुरूआत 17 जुलाई से हो रही है. वाराणसी में सावन महीने का विशेष महत्व है. यहां के लोग सावन महीने को बेहद खास तरीके से मनाते हैं. बारह 12 ज्योतिर्लिंग में एक काशी विश्वनाथ वाराणसी में विराजमान हैं. इससे यहां की महत्ता और बढ़ जाती है.

17 जुलाई से शुरू हो रहा है पवित्र सावन का महीना
जानिए क्या है सावन महीने की महिमा-
  • सावन महीना हिंदुओं के लिए विशेष और पवित्र माना जाता है.
  • मान्यता है कि सावन भगवान शिव का पसंदीदा मास होता है
  • सावन मास से ही सोलह सोमवार व्रत की शुरूआत की जाती है.
  • ज्योतिष के अनुसार सावन मास के सोमवार को व्रत रखना बेहद फलदायी और शुभ माना जाता है.
  • वहीं पौराणिक मान्यता है कि श्रावण में निराहार रहकर भगवान शिव का व्रत रखता है उसे मनचाहा जीवनसाथी की प्राप्ती होती है.
  • कुंआरी लड़कियों और लड़कों को इस महीने विशेष रूप से व्रत करने से शादी के योग बनते हैं.
  • सावन महीने में काशी विश्वनाथ के दर्शन करने से भत्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.

इस महीने में चार सोमवार पड़ रहे हैं. जिसमें एक सोमवार पर नाग पंचमी और दो सोमवार को प्रदोष व्रत पढ़ रहे हैं. इस महीने की हर तिथि यूं तो महादेव को काफी प्रिय है लेकिन सावन के सोमवारों का अपना अलग ही महत्व है और इसलिए इन सोमवारों में इस तरह के योग का बनने से न सिर्फ सोमवार की तिथि बल्कि इन सभी व्रतों का भी लाभ भक्तों को मिलेगा.
-गणेश मिश्रा, ज्योतिषाचार्य, काशी हिन्दू विश्विद्यालय

ज्योतिषाचार्य गणेश मिश्रा ने बताया कि श्रावण मास की शुरुआत गुरु पूर्णिमा के बाद होती है और इस बार सावन की हर तिथि को व्रती तिथि बताया गया है, जिसमें किसी भी तिथि पर उपवास करने से उस तिथि का दोगना लाभ भक्तों को मिलेगा. 17 जुलाई को शुरू होने वाले श्रावण मास का समापन 15 अगस्त को होगा और इस महीने में कुछ खास योग भी बन रहे हैं.

Intro:वाराणसी। बनारस को यूंही तीज त्योहारों का शहर नहीं कहा जाता। यहां का त्योहारों को मनाने का तरीका भी बेहद खास है। वाराणसी में त्यौहारों को जिस खुशी और उल्लास के साथ मनाया जाता है उससे यह साफ पता चलता है कि यहां के लोग ईश्वर में कितनी आस्था रखते हैं। 17 जुलाई से शुरू हो रहे सावन के महीने को भी काशीवासी बाबा विश्वनाथ की नगरी में बाबा के ही चरणों में समय अर्पित करके मनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस बार सावन में क्या खास होगा इस बारे में ज्योतिष आचार्यों की अलग-अलग राय है। खुद बनारस की ज्योतिष कहते हैं कि सावन का यह महीना धर्म का महीना है और इस सावन की हर तिथि व्रती तिथि है जिसमें महादेव को प्रसन्न करने से भक्तों को दुगना लाभ मिल सकता है।


Body:VO1: ज्योतिषाचार्य गणेश मिश्रा की माने तो श्रावण मास की शुरुआत गुरु पूर्णिमा के बाद होती है और इस बार सावन की हर तिथि को व्रती तिथि बताया गया है, जिसमें किसी भी तिथि पर उपवास करने से उस तिथि का दुगना लाभ भक्तों को मिलेगा। 17 जुलाई को शुरू होने वाले श्रावण मास का समापन 15 अगस्त को होगा और इस महीने में कुछ खास योग भी बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्य की माने तो इस महीने में चार सोमवार पड़ रहे हैं जिसमें एक सोमवार पर नाग पंचमी और दो सोमवार ऊपर प्रदोष व्रत पढ़ रहे हैं। इस महीने की हर तिथि यूं तो महादेव को काफी प्रिय है लेकिन सावन के सोमवारओं का अपना अलग ही महत्व है और इसलिए इन सोमवारओं में इस तरह के योग का बनने से न सिर्फ सोमवार की तिथि बल्कि इन सभी व्रतों का भी लाभ भक्तों को मिलेगा।

बाइट: गणेश मिश्रा, ज्योतिषाचार्य, काशी हिन्दू विश्विद्यालय


Conclusion:VO2: गणेश मिश्रा का कहना है कि जो भक्त पूरे महीने व्रत पूजा पाठ नहीं कर सकते हैं वह सोमवार को जरूर बाबा की आराधना करें क्योंकि पूरे साल में सावन का यह महीना बाबा विश्वनाथ को काफी प्रिय है और महादेव को सावन के सोमवारओं से काफी लगाव है। भक्तों के लिए इस बार की तिथियां काफी समृद्धि ले करके आएंगी इसलिए सावन के सोमवार में बाबा को फूल बेलपत्र और जल चढ़ा कर ही सही पर थोड़ा समय जरूर दें।

Regards
Arnima Dwivedi
Varanasi
7523863236
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.