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वाराणसी में कोविड जांच सेंटरों पर कर्मचारियों की कमी, मरीज परेशान

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Published : Apr 10, 2021, 7:52 PM IST

यूपी के वाराणसी में कोरोना के जांच केन्द्रों पर जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है. यहां पर सरकारी केन्द्रों के हाल सबसे खराब हैं. इन केन्द्रों पर कर्मचारियों की कमी है, इस वजह से जांच समय पर नहीं हो पा रही है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है.

वाराणसी में कोविड जांच सेंटरों पर कर्मचारियों की कमी
वाराणसी में कोविड जांच सेंटरों पर कर्मचारियों की कमी

वाराणसी: एक बार फिर से कोविड-19 का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. उत्तर प्रदेश के लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज समेत अन्य कई जिलों में संक्रमण का बढ़ रहा दायरा लोगों की परेशानियों को तो बढ़ा ही रहा है, साथ ही जांच केंद्रों पर भी जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है. सबसे बुरे हालात तो सरकारी जांच केंद्रों के हैं, क्योंकि यहां पर क्षमता से अधिक लोग जांच के लिए पहुंच रहे हैं. इन केन्द्रों पर कर्मचारियों की कमी की वजह से समय पर जांच पूरी नहीं हो पा रही है. हालात यह हैं कि कोविड-19 सेंटर पर जांच के लिए पहुंचने वाले लोगों को परेशानी हो रही है और विभाग अभी कर्मचारियों की कमी को दूर करने का सिर्फ प्लान ही बना रहा है.

वाराणसी में कोविड जांच सेंटरों पर कर्मचारियों की कमी

इन जगहों पर हो रही जांच
वाराणसी में सरकारी कोविड केंद्रों की स्थिति बेहद खराब है. यहां कोविड-19 जांच के लिए 8 स्थानों पर स्टेटिक बूथ बनाए गए हैं. लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट, कैंट रेलवे स्टेशन, कैंट रोडवेज बस स्टैंड, कबीर चौरा अस्पताल, विवेकानंद अस्पताल भेलूपुर शामिल हैं. इसके अलावा RTPCR की जांच के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल और शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल, कबीरचौरा समेत भेलूपुर में बनाए गए सरकारी अस्पताल में भी जांच शुरू कर दी गई है. हालांकि इन केंद्रों पर जांच के लिए पहुंचने वाले लोगों को काफी इंतजार करना पड़ रहा है. इसकी बड़ी वजह यह है कि जब कोविड का संक्रमण काल चल रहा था तब आउटसोर्सिंग पर लगभग 42 कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग ने रखा था लेकिन, कोविड-19 के संक्रमण कम होने के बाद इन सभी को हटा दिया गया. अब वर्तमान में 16 आउटसोर्सिंग के कर्मचारी और लगभग 80 स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को यह जिम्मेदारी दी गई है, जो बढ़ रहे मामलों के लिए हो रही जांच में ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है.

कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग के लिए होनी है 12 स्पेशल वैन की व्यवस्था
इन सेंटर्स के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में सीएचसी और पीएचसी पर भी जांच की टीमें लगाई जा रही हैं. कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग के मामलों की जांच के लिए 12 नई गाड़ियों का इंतजाम किया जाना अभी बाकी है. जिसमें जांच टीम के साथ एक लैब टेक्नीशियन को भी तैनात किया जाएगा. यह टीमें केस मिलने के बाद कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग के लिए उस क्षेत्र में जाकर लोगों के सैंपल इकट्ठा करेंगी, लेकिन अभी इस काम को करने की सिर्फ प्लानिंग की गई है. कुल मिलाकर वाराणसी में कोविड-19 की जांच को लेकर तैयारियां तो हैं लेकिन, अब तक सुविधाएं मौजूद नहीं हैं. जिसकी वजह से लोगों को जांच कराने में परेशानी जरूर हो रही है. हालांकि काशी हिंदू विश्वविद्यालय समेत अन्य जहां पर आरटीपीसीआर की जांच हो रही है वहां रिपोर्ट 24 घंटे में उपलब्ध हो जा रही है. इसके अतिरिक्त लगभग 5 प्राइवेट लैब में भी जांच की सुविधा उपलब्ध है.

यह है हाल

  • मार्च 2021 से अब तक 1,51,126 लोगों के सैम्पल लिए गए.
  • 8 स्टेटिक बूथ समेत 3 स्थानों पर हो रही आरटीपीसीआर जांच.
  • 5 प्राइवेट लैब के पास भी है जांच की जिम्मेदारी.
  • 3200 जांच आरटीपीसीआर प्रतिदिन करने का दावा.
  • अलग-अलग स्थानों पर प्रतिदिन 11,000 से ज्यादा एंटीजन टेस्ट.
  • 16 आउटसोर्सिंग पर जांच के लिए कर्मचारी, 40 की जरूरत.
  • 80 स्वास्थ विभाग के कर्मी, 130 की जरूरत

वाराणसी: एक बार फिर से कोविड-19 का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. उत्तर प्रदेश के लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज समेत अन्य कई जिलों में संक्रमण का बढ़ रहा दायरा लोगों की परेशानियों को तो बढ़ा ही रहा है, साथ ही जांच केंद्रों पर भी जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है. सबसे बुरे हालात तो सरकारी जांच केंद्रों के हैं, क्योंकि यहां पर क्षमता से अधिक लोग जांच के लिए पहुंच रहे हैं. इन केन्द्रों पर कर्मचारियों की कमी की वजह से समय पर जांच पूरी नहीं हो पा रही है. हालात यह हैं कि कोविड-19 सेंटर पर जांच के लिए पहुंचने वाले लोगों को परेशानी हो रही है और विभाग अभी कर्मचारियों की कमी को दूर करने का सिर्फ प्लान ही बना रहा है.

वाराणसी में कोविड जांच सेंटरों पर कर्मचारियों की कमी

इन जगहों पर हो रही जांच
वाराणसी में सरकारी कोविड केंद्रों की स्थिति बेहद खराब है. यहां कोविड-19 जांच के लिए 8 स्थानों पर स्टेटिक बूथ बनाए गए हैं. लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट, कैंट रेलवे स्टेशन, कैंट रोडवेज बस स्टैंड, कबीर चौरा अस्पताल, विवेकानंद अस्पताल भेलूपुर शामिल हैं. इसके अलावा RTPCR की जांच के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल और शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल, कबीरचौरा समेत भेलूपुर में बनाए गए सरकारी अस्पताल में भी जांच शुरू कर दी गई है. हालांकि इन केंद्रों पर जांच के लिए पहुंचने वाले लोगों को काफी इंतजार करना पड़ रहा है. इसकी बड़ी वजह यह है कि जब कोविड का संक्रमण काल चल रहा था तब आउटसोर्सिंग पर लगभग 42 कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग ने रखा था लेकिन, कोविड-19 के संक्रमण कम होने के बाद इन सभी को हटा दिया गया. अब वर्तमान में 16 आउटसोर्सिंग के कर्मचारी और लगभग 80 स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को यह जिम्मेदारी दी गई है, जो बढ़ रहे मामलों के लिए हो रही जांच में ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है.

कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग के लिए होनी है 12 स्पेशल वैन की व्यवस्था
इन सेंटर्स के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में सीएचसी और पीएचसी पर भी जांच की टीमें लगाई जा रही हैं. कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग के मामलों की जांच के लिए 12 नई गाड़ियों का इंतजाम किया जाना अभी बाकी है. जिसमें जांच टीम के साथ एक लैब टेक्नीशियन को भी तैनात किया जाएगा. यह टीमें केस मिलने के बाद कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग के लिए उस क्षेत्र में जाकर लोगों के सैंपल इकट्ठा करेंगी, लेकिन अभी इस काम को करने की सिर्फ प्लानिंग की गई है. कुल मिलाकर वाराणसी में कोविड-19 की जांच को लेकर तैयारियां तो हैं लेकिन, अब तक सुविधाएं मौजूद नहीं हैं. जिसकी वजह से लोगों को जांच कराने में परेशानी जरूर हो रही है. हालांकि काशी हिंदू विश्वविद्यालय समेत अन्य जहां पर आरटीपीसीआर की जांच हो रही है वहां रिपोर्ट 24 घंटे में उपलब्ध हो जा रही है. इसके अतिरिक्त लगभग 5 प्राइवेट लैब में भी जांच की सुविधा उपलब्ध है.

यह है हाल

  • मार्च 2021 से अब तक 1,51,126 लोगों के सैम्पल लिए गए.
  • 8 स्टेटिक बूथ समेत 3 स्थानों पर हो रही आरटीपीसीआर जांच.
  • 5 प्राइवेट लैब के पास भी है जांच की जिम्मेदारी.
  • 3200 जांच आरटीपीसीआर प्रतिदिन करने का दावा.
  • अलग-अलग स्थानों पर प्रतिदिन 11,000 से ज्यादा एंटीजन टेस्ट.
  • 16 आउटसोर्सिंग पर जांच के लिए कर्मचारी, 40 की जरूरत.
  • 80 स्वास्थ विभाग के कर्मी, 130 की जरूरत
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