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आदिपुरुष को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती बोले, 'पैसे देकर पाप न खरीदें'

ज्योतिष पीठाधीश्वर के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने फिल्म आदिपुरुष को लेकर आपत्ति जताई है. उन्होंने फिल्म को सनातन आस्था को खंडित करने वाला बताया है. गौरतलब है कि आदिपुरुष रिलीज होने के बाद से ही लोगों के विरोध का शिकार हो रही है.

Avimukteshwaranand Saraswati objected Adipurush
Avimukteshwaranand Saraswati objected Adipurush
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Published : Jun 18, 2023, 7:14 AM IST

ज्योतिष पीठाधीश्वर के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने जताई आपत्ति

वाराणसीः फिल्म आदिपुरुष को लेकर पूरे भारत में विवाद जारी है. फिल्म के दृश्य और डॉयलाग को लेकर रिलीज के बाद से ही इसका विरोध किया जा रहा है. आलम यह है कि फिल्म से कुछ दृश्य को हटाने के लिए कोर्ट में भी याचिका लगा दी गई. बीते 2 दिन से ट्विटर पर आदिपुरुष टॉप ट्रेंडिग में बनी हुई है. वहीं, जिन लोगों ने फिल्म की टिकट एडवांस में बुक करा ली थी, वह अब उसे कैंसिल करा रहे हैं. तमाम हिंदू और धार्मिक संगठन फिल्म के डायरेक्टर पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. शनिवार को ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी फिल्म को लेकर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, 'आदिपुरुष फिल्म से हमारी आस्था को खंडित कर रहे हैं. आप पैसे देकर पाप न खरीदें.'

दरअसल, ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती काशी में प्रवास कर रहे हैं. शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि आदिपुरुष नाम से आई फिल्म भारत की सनातन आस्था पर प्रहार है. इसमें पौराणिक सन्दर्भों को अश्लीलता के साथ चित्रित किया गया है. यह भारत के महान आदर्शों के चरित्र के साथ खिलवाड़ है. इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है.

हरि हर निन्दा सुनइ जो काना, होइ पाप गोघात समानाः अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, 'हम जो कुछ देखते हैं. वह धर्म भी होता है और अधर्म भी होता है. हम शास्त्र सहमत जो कार्य करते हैं उसे धर्म माना जाता है. शास्त्र के विरुद्ध जो कार्य करते हैं, उसे अधर्म माना जाता है. आपका देखना सुनना भी अधर्म हो सकता है. अगर आप पुण्य लोगों का दर्शन करते हैं. भगवान का दर्शन करते हैं, पवित्र नारी का दर्शन करते हैं, गाय का दर्शन करते हैं या फिर तीर्थ स्थल का दर्शन करते हैं, तो यह धर्म है.'

फिल्म देखना ही दोष पूर्ण: उन्होंने कहा, 'यदि आप ऐसी चीज देखते हैं, जो अश्लील है मर्यादा विरुद्ध है तो वह अधर्म होता है. यह सब बात एक फिल्म आदिपुरुष संदर्भ में कह रहा हूं, जिन लोगों ने इस फिल्म को देखा. उन्होंने इसके बारे में बताया उसका चित्रण और भाषा हमारे मर्यादा के अनुरूप नहीं है. ऐसी फिल्म देखना ही दोषपूर्ण है.'

ये भी पढ़ेंः फिल्म आदिपुरुष के डायलॉग लेखक मनोज मुंतशिर पर भड़के स्वामी जितेंद्रानंद, कहा-ऐसी भाषा स्वीकार्य नहीं

ज्योतिष पीठाधीश्वर के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने जताई आपत्ति

वाराणसीः फिल्म आदिपुरुष को लेकर पूरे भारत में विवाद जारी है. फिल्म के दृश्य और डॉयलाग को लेकर रिलीज के बाद से ही इसका विरोध किया जा रहा है. आलम यह है कि फिल्म से कुछ दृश्य को हटाने के लिए कोर्ट में भी याचिका लगा दी गई. बीते 2 दिन से ट्विटर पर आदिपुरुष टॉप ट्रेंडिग में बनी हुई है. वहीं, जिन लोगों ने फिल्म की टिकट एडवांस में बुक करा ली थी, वह अब उसे कैंसिल करा रहे हैं. तमाम हिंदू और धार्मिक संगठन फिल्म के डायरेक्टर पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. शनिवार को ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी फिल्म को लेकर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, 'आदिपुरुष फिल्म से हमारी आस्था को खंडित कर रहे हैं. आप पैसे देकर पाप न खरीदें.'

दरअसल, ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती काशी में प्रवास कर रहे हैं. शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि आदिपुरुष नाम से आई फिल्म भारत की सनातन आस्था पर प्रहार है. इसमें पौराणिक सन्दर्भों को अश्लीलता के साथ चित्रित किया गया है. यह भारत के महान आदर्शों के चरित्र के साथ खिलवाड़ है. इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है.

हरि हर निन्दा सुनइ जो काना, होइ पाप गोघात समानाः अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, 'हम जो कुछ देखते हैं. वह धर्म भी होता है और अधर्म भी होता है. हम शास्त्र सहमत जो कार्य करते हैं उसे धर्म माना जाता है. शास्त्र के विरुद्ध जो कार्य करते हैं, उसे अधर्म माना जाता है. आपका देखना सुनना भी अधर्म हो सकता है. अगर आप पुण्य लोगों का दर्शन करते हैं. भगवान का दर्शन करते हैं, पवित्र नारी का दर्शन करते हैं, गाय का दर्शन करते हैं या फिर तीर्थ स्थल का दर्शन करते हैं, तो यह धर्म है.'

फिल्म देखना ही दोष पूर्ण: उन्होंने कहा, 'यदि आप ऐसी चीज देखते हैं, जो अश्लील है मर्यादा विरुद्ध है तो वह अधर्म होता है. यह सब बात एक फिल्म आदिपुरुष संदर्भ में कह रहा हूं, जिन लोगों ने इस फिल्म को देखा. उन्होंने इसके बारे में बताया उसका चित्रण और भाषा हमारे मर्यादा के अनुरूप नहीं है. ऐसी फिल्म देखना ही दोषपूर्ण है.'

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