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मथुरा पुलिस पर लगे गंभीर आरोप, VIDEO VIRAL

मथुरा जिले में एक युवक ने पुलिस पर मासूम लोगों के साथ अत्याचार करने का आरोप लगाया है. पीड़ित ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है.

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मथुरा पुलिस
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Published : Sep 15, 2022, 9:10 PM IST

मथुराः हाईवे थाना पुलिस पर एक युवक को फर्जी तरीके से जेल भेजने का मामला प्रकाश में आया है. आरोप है कि 27 अगस्त को घर से उठाए गए युवक को 29 अगस्त को जेल भेज दिया गया और युवक की गिरफ्तारी को घर से काफी दूर दिखाया गया. वहीं, युवक से तमंचा और कारतूस भी बरामद दिखाए गए. युवक को घर से पुलिस द्वारा ले जाने का वीडियो सीसीटीवी में कैद हो गया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वहीं, पीड़ित ने पूरे मामले की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है.

पीड़ित सुरजीत कुमार ने बताया कि 'मैं हाईवे थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बिर्जापुर गांव का रहने वाला हूं. मेरा 2 हजार रुपये को लेकर दो युवकों के साथ झगड़ा हुआ था, जिनमें से एक का नाम सोनू और एक का नाम नरेंद्र है. इसी विवाद को लेकर उन्होंने शिकायत की है या नहीं की है मुझे जानकारी नहीं है. जब झगड़ा हुआ तो आसपास के लोगों ने मामला शांत करा दिया और मैं अपने घर सोने के लिए चला गया.

मथुरा पुलिस

सुरजीत कुमार ने बताया कि '27 तारीख को लगभग रात के 10:00 बजे जब मैं अपने घर में कमरे में सो रहा था. पता नहीं क्या मामला बना तीन पुलिसकर्मी मेरे घर आए और उन्होंने मुझे घर से पकड़ लिया और थाने ले गए. उन्होंने मुझे थाने में 27, 28 तारीख को थाने में ही रखा और 29 को जेल भेज दिया और मेरे ऊपर आरोप लगाया गया कि मैं आनंद वन फेस टू में तमंचा रखकर किसी वारदात को अंजाम देने के लिए घूम रहा हूं.

पढ़ेंः पुलिस कस्टडी में युवक की मौत के बाद हंगामा, पुलिस वाहन और एंबुलेंस में तोड़फोड़

पीड़ित ने बताया कि 'इसी आरोप के साथ मुझे जेल भेज दिया गया, जबकि मेरे पास ऐसा कुछ भी नहीं था और न ही मेरा किसी से कोई विवाद था. मुझे घर से गिरफ्तार किया गया और मुझे आनंदवन दिखाया गया. मैंने इस मामले में देखा कि पुलिस किस तरह से झूठ बोलती है और किस तरह से लोगों को फंसाती है.

सुरजीत ने बताया कि 'पुलिस मासूम लोगों के साथ इस तरह से अत्याचार करती है. मेरे द्वारा इस संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से शिकायत की गई है क्षेत्र अधिकारी को भी इस संबंध में अवगत कराया गया है. अभी किसी अधिकारी की ओर से कोई आश्वासन नहीं दिया गया है. मामले की जांच चल रही है अब देखना होगा कि पुलिस प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है. यह उसके स्टाफ का मामला है मैं मजदूरी का कार्य करता हूं.

पढ़ेंः लखीमपुर में दरिंदगी की शिकार दोनों बेटियों के शवों का अंतिम संस्कार

मथुराः हाईवे थाना पुलिस पर एक युवक को फर्जी तरीके से जेल भेजने का मामला प्रकाश में आया है. आरोप है कि 27 अगस्त को घर से उठाए गए युवक को 29 अगस्त को जेल भेज दिया गया और युवक की गिरफ्तारी को घर से काफी दूर दिखाया गया. वहीं, युवक से तमंचा और कारतूस भी बरामद दिखाए गए. युवक को घर से पुलिस द्वारा ले जाने का वीडियो सीसीटीवी में कैद हो गया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वहीं, पीड़ित ने पूरे मामले की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है.

पीड़ित सुरजीत कुमार ने बताया कि 'मैं हाईवे थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बिर्जापुर गांव का रहने वाला हूं. मेरा 2 हजार रुपये को लेकर दो युवकों के साथ झगड़ा हुआ था, जिनमें से एक का नाम सोनू और एक का नाम नरेंद्र है. इसी विवाद को लेकर उन्होंने शिकायत की है या नहीं की है मुझे जानकारी नहीं है. जब झगड़ा हुआ तो आसपास के लोगों ने मामला शांत करा दिया और मैं अपने घर सोने के लिए चला गया.

मथुरा पुलिस

सुरजीत कुमार ने बताया कि '27 तारीख को लगभग रात के 10:00 बजे जब मैं अपने घर में कमरे में सो रहा था. पता नहीं क्या मामला बना तीन पुलिसकर्मी मेरे घर आए और उन्होंने मुझे घर से पकड़ लिया और थाने ले गए. उन्होंने मुझे थाने में 27, 28 तारीख को थाने में ही रखा और 29 को जेल भेज दिया और मेरे ऊपर आरोप लगाया गया कि मैं आनंद वन फेस टू में तमंचा रखकर किसी वारदात को अंजाम देने के लिए घूम रहा हूं.

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पीड़ित ने बताया कि 'इसी आरोप के साथ मुझे जेल भेज दिया गया, जबकि मेरे पास ऐसा कुछ भी नहीं था और न ही मेरा किसी से कोई विवाद था. मुझे घर से गिरफ्तार किया गया और मुझे आनंदवन दिखाया गया. मैंने इस मामले में देखा कि पुलिस किस तरह से झूठ बोलती है और किस तरह से लोगों को फंसाती है.

सुरजीत ने बताया कि 'पुलिस मासूम लोगों के साथ इस तरह से अत्याचार करती है. मेरे द्वारा इस संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से शिकायत की गई है क्षेत्र अधिकारी को भी इस संबंध में अवगत कराया गया है. अभी किसी अधिकारी की ओर से कोई आश्वासन नहीं दिया गया है. मामले की जांच चल रही है अब देखना होगा कि पुलिस प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है. यह उसके स्टाफ का मामला है मैं मजदूरी का कार्य करता हूं.

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