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वाराणसी: अयोध्या भूमि विवाद पर फैसले से पहले 100 से ज्यादा पाबंद, प्रशासन अलर्ट

अयोध्या भूमि विवाद से पहले वाराणसी में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. जिला पुलिस सभी थाना क्षेत्रों में बैठक कर लोगों को किसी भी तरह की अफवाह से सचेत रहने की जानकारी दे रही है.

वाराणसी में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई.
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Published : Nov 7, 2019, 2:25 PM IST

Updated : Nov 7, 2019, 4:51 PM IST

वाराणसी: अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से आने वाले फैसले से पहले पूरे देश में सुरक्षा एजेंसियां विशेष सतर्कता बरत रही हैं. देश भर में जांच अभियान के साथ फ्लैग मार्च निकाले जा रहे हैं. वहीं पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सुरक्षा व्यवस्था को सबसे ज्यादा पुख्ता करने के निर्देश मिले हैं, क्योंकि अयोध्या के बाद काशी और मथुरा को सबसे संवेदनशील शहरों की लिस्ट में रखा गया है. यही वजह है कि वाराणसी में पुलिस की टीमें लगातार फ्लैग मार्च से लेकर शांति समिति की बैठक और सद्भावना अभियान चला रही हैं.

जिले में बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था.

सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले के मद्देनजर सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए पुलिस सप्ताह व्यापी सदभावना अभियान शहर के अलग-अलग इलाकों में चला रही है. इसके लिए बाकायदा अलग-अलग टोलियां लोगों के बीच जाकर अफवाहों से बचने और उन्हें फैलने से रोकने से लेकर सोशल मीडिया पर लोगों को उकसाने वाले मैसेज को फॉरवर्ड न करने की अपील करती दिख रही हैं. इसके साथ ही एडीएम सिटी विनय कुमार सिंह और एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह को शांति समिति की बैठक की निगरानी और अलग-अलग वर्गों के संभ्रांत लोगों से मिलकर बातचीत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. सभी सीओ को निर्देश दिया गया है कि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों से संपर्क कर असामाजिक तत्वों के साथ सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों की निगरानी करें.

इसे भी पढ़ें- अयोध्या: सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन के लिए चुनौती बनी कार्तिक मेला की भीड़

शहर में सांप्रदायिक सौहार्द न बिगड़े इसके लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी बीते 4 दिनों में अब तक 180 से ज्यादा शांति समिति की बैठकें कर चुके हैं. अब तक लगभग 110 ऐसे लोगों को पाबंद किया जा चुका है, जो पूर्व में असामाजिक गतिविधियों में संलिप्त पाए गए थे. इस बारे में एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह का कहना है कि थानेदार लोगों की सूची बनाई जा रही है. जो लोग पूर्व में आपसी सौहार्द बिगाड़ने की साजिश में पकड़े गए हैं, उन्हें चेतावनी के तौर पर रेड कार्ड जारी किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि सभी थाना क्षेत्रों में दुकानों और मकानों का सत्यापन कराया जा रहा है. यहां रहने वाले लोगों के साथ किरायेदारों की भी पूरी जानकारी ली जा रही है. शाम होते ही शहर के किसी इलाके में कोई अराजकता न हो इसे लेकर फ्लैग मार्च किया जा रहा है. शांति कमेटी की बैठकों में पुलिस अधिकारियों के साथ धर्मगुरुओं को भी बुलाया जा रहा है. कुल मिलाकर वाराणसी पुलिस लोगों के अंदर सुरक्षा की भावना के साथ सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की पुरजोर कोशिश कर रहा है.

वाराणसी: अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से आने वाले फैसले से पहले पूरे देश में सुरक्षा एजेंसियां विशेष सतर्कता बरत रही हैं. देश भर में जांच अभियान के साथ फ्लैग मार्च निकाले जा रहे हैं. वहीं पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सुरक्षा व्यवस्था को सबसे ज्यादा पुख्ता करने के निर्देश मिले हैं, क्योंकि अयोध्या के बाद काशी और मथुरा को सबसे संवेदनशील शहरों की लिस्ट में रखा गया है. यही वजह है कि वाराणसी में पुलिस की टीमें लगातार फ्लैग मार्च से लेकर शांति समिति की बैठक और सद्भावना अभियान चला रही हैं.

जिले में बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था.

सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले के मद्देनजर सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए पुलिस सप्ताह व्यापी सदभावना अभियान शहर के अलग-अलग इलाकों में चला रही है. इसके लिए बाकायदा अलग-अलग टोलियां लोगों के बीच जाकर अफवाहों से बचने और उन्हें फैलने से रोकने से लेकर सोशल मीडिया पर लोगों को उकसाने वाले मैसेज को फॉरवर्ड न करने की अपील करती दिख रही हैं. इसके साथ ही एडीएम सिटी विनय कुमार सिंह और एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह को शांति समिति की बैठक की निगरानी और अलग-अलग वर्गों के संभ्रांत लोगों से मिलकर बातचीत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. सभी सीओ को निर्देश दिया गया है कि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों से संपर्क कर असामाजिक तत्वों के साथ सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों की निगरानी करें.

इसे भी पढ़ें- अयोध्या: सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन के लिए चुनौती बनी कार्तिक मेला की भीड़

शहर में सांप्रदायिक सौहार्द न बिगड़े इसके लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी बीते 4 दिनों में अब तक 180 से ज्यादा शांति समिति की बैठकें कर चुके हैं. अब तक लगभग 110 ऐसे लोगों को पाबंद किया जा चुका है, जो पूर्व में असामाजिक गतिविधियों में संलिप्त पाए गए थे. इस बारे में एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह का कहना है कि थानेदार लोगों की सूची बनाई जा रही है. जो लोग पूर्व में आपसी सौहार्द बिगाड़ने की साजिश में पकड़े गए हैं, उन्हें चेतावनी के तौर पर रेड कार्ड जारी किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि सभी थाना क्षेत्रों में दुकानों और मकानों का सत्यापन कराया जा रहा है. यहां रहने वाले लोगों के साथ किरायेदारों की भी पूरी जानकारी ली जा रही है. शाम होते ही शहर के किसी इलाके में कोई अराजकता न हो इसे लेकर फ्लैग मार्च किया जा रहा है. शांति कमेटी की बैठकों में पुलिस अधिकारियों के साथ धर्मगुरुओं को भी बुलाया जा रहा है. कुल मिलाकर वाराणसी पुलिस लोगों के अंदर सुरक्षा की भावना के साथ सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की पुरजोर कोशिश कर रहा है.

Intro:स्पेशल:

वाराणसी: अयोध्या पर आने वाले फैसले को देखते हुए इन दिनों पूरे देश में सुरक्षा एजेंसियां विशेष सतर्कता बरत रही हैं देशभर में जांच अभियान के साथ फ्लैग मार्च निकाले जा रहे हैं, लेकिन इन सबके बीच पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सुरक्षा व्यवस्था को सबसे ज्यादा पुख्ता करने के निर्देश मिले हैं, क्योंकि अयोध्या के बाद काशी और मथुरा को सबसे संवेदनशील शहरों की लिस्ट में रखा गया है यही वजह है कि वाराणसी में पुलिस की टीमें लगातार अपनी मौजूदगी होने का एहसास लोगों में करा रहे हैं. फ्लैग मार्च से लेकर शांति समिति की बैठक और सद्भावना अभियान बड़े पैमाने पर शहर के अलग-अलग हिस्सों में चलाया जा रहा है.


Body:वीओ-01 दरअसल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना पुलिस और प्रशासन की मंशा है. इसी को दृष्टिगत रखते हुए सांझा सांस्कृतिक मंच और पुलिस के सहयोग से सप्ताह व्यापी सदभावना अभियान शहर के अलग-अलग इलाकों में चलाया जा रहा है. इसके लिए बकायदा अलग-अलग टोलियां लोगों के बीच जाकर अफवाहों से बचने उन्हें फैलने से रोकने और सोशल मीडिया पर लोगों को उकसाने वाले मैसेज को एक दूसरे को फॉरवर्ड ना करने की अपील करती दिख रही है इसके साथ ही साथ एडीएम सिटी विनय कुमार सिंह और एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह को शांति समिति की बैठक की निगरानी और अलग-अलग वर्गों के संभ्रांत लोगों से मिलकर बातचीत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. सभी सीओ को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों से संपर्क कर असामाजिक तत्वों के साथ सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों की निगरानी अपने स्तर पर करें.


Conclusion:वीओ-02 अयोध्या मसले पर आने वाले फैसले को दृष्टिगत रखते हुए प्रशासन सड़कों से लेकर गलियों तक भी पूरी तरह से अलग मूड में है सांप्रदायिक सौहार्द ना बिगड़े इसके लिए पुलिस प्रशासनिक अधिकारी बीते 4 दिनों में अब तक 180 से ज्यादा शांति समिति की बैठकें कर चुके हैं. अब तक लगभग 110 ऐसे लोगों को पाबंद किया जा चुका है जो पूर्व में असामाजिक गतिविधियों में संलिप्त पाए गए थे. इस बारे में एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह का कहना है कि थानेदार लोगों की सूची बनाई जा रही है जो लोग पूर्व में आपसी सौहार्द बिगाड़ने की साजिश में पकड़े गए हैं उन्हें चेतावनी के तौर पर रेड कार्ड जारी किया जा रहा है. सभी थाना क्षेत्रों में बिटवार दुकानों मकानों का सत्यापन कराया जा रहा है और यहां रहने वाले लोगों के साथ किरायेदारों की भी पूरी जानकारी ली जा रही है. शाम होते ही शहर के किसी इलाके में किसी तरह की कोई अराजकता ना हो इसे लेकर फ्लैग मार्च हर थाना क्षेत्र में हो रहा है. शांति कमेटी की बैठकों में पुलिस अधिकारियों के साथ धर्म गुरुओं को भी बुलाया जा रहा है. कुल मिलाकर लोगों के अंदर सुरक्षा की भावना के साथ सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की वाराणसी प्रशासन पुरजोर कोशिश कर रहा है.

बाईट- दिनेश कुमार सिंह, एसपी सिटी

गोपाल मिश्र

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Last Updated : Nov 7, 2019, 4:51 PM IST
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