वाराणसी: इन दिनों पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है. 2 साल से ज्यादा समय होने के बाद भी स्थिति सुधरते- सुधरते अचानक से बिगड़ने लग रही है. इसकी बड़ी वजह लोगों की लापरवाही तो है ही, साथ ही साथ ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, वायुमंडल और ग्रह मंडल में लगातार हो रहे बदलाव भी इस महामारी को थमने नहीं दे रहे हैं. इसका सबसे प्रत्यक्ष उदाहरण लगातार पड़ रहे ग्रहण भी हैं. 2021 की शुरूआत के साथ ही 26 मई को पहला चंद्र ग्रहण पड़ा और इस ग्रहण के असर को खत्म हुए 15 दिन भी नहीं बीते कि 10 जून को दूसरा ग्रहण लग गया. साल का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को दोपहर 01.42 बजे से शाम 06.41 बजे तक रहेगा. इस ग्रहण का प्रभाव ज्योतिष शास्त्र में अच्छा नहीं बताया जा रहा है. जानकारों का साफ तौर पर कहना है कि ग्रहण का अर्थ ही अशुभ होता है, वह भी 15 दिन के अंतराल में लगने वाले ग्रहण से मानव जीवन पर भी गहरा असर पड़ता है.
पड़ रहा है कंकणाकृती सूर्य ग्रहण
इस बारे में ज्योतिषाचार्य और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के पूर्व सदस्य पंडित प्रसाद दीक्षित ने बताया कि 10 जून दिन गुरुवार ज्येष्ठ मास कृष्णपक्ष की अमावस्या तिथि को कंकणाकृती सूर्य ग्रहण है. ग्रहण का प्रारंभ भारतीय समयानुसार दिन में 1:43 बजे तथा मोक्ष सायंकाल 6:41 बजे होगा. हालांकि यह ग्रहण उत्तरी अमेरिका के उत्तर पूर्वी भाग, उत्तरी एशिया और अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा, लेकिन जब भी 15 दिन के पश्चात पुन: ग्रहण लग जाए तो यह देश और विश्व काल के लिए ठीक नहीं कहा जा सकता.
उन्होंने कहा कि यह भौगोलिक घटनाक्रम पृथ्वीवासियों के लिए ठीक नहीं कहा जाएगा. संपूर्ण विश्व में उथल-पुथल की स्थिति भी अवश्य बनेगी. ग्रहण का मतलब ही है अशुभता का सूचक. ग्रहण का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष दुष्प्रभाव मानव जीवन पर अवश्य दिखाई देगा. जिन लोगों पर ग्रहण का ज्यादा असर हो, उन्हें चाहिए कि सूर्य के निमित्त 'ॐ घृणि सूर्याय नमः' मंत्र का जाप करें. 15 दिनों से जो लोग लगातार परेशान हैं, उन्हें सूर्य मंत्र के साथ ही 'ॐ सोम सोमाय नमः' (चंद्र मंत्र) का जाप भी अवश्य करना चाहिए.
नहीं दिखेगा भारत में ग्रहण
ज्योतिषाचार्य पंडित प्रसाद दीक्षित का साफ तौर पर कहना है कि ग्रहण भले ही विश्व के अलग-अलग हिस्सों में दिखाई देगा और एशिया के कुछ भाग में ही इसका असर देखने को मिलेगा, लेकिन इसका दुष्प्रभाव पूरे विश्व पर पड़ेगा. हालांकि भारत में इस ग्रहण का कोई असर नहीं होगा और न ही सूतक काल मान्य होगा. इसलिए धर्म-कर्म से जुड़े सभी कार्य बिना किसी रोक-टोक के जारी रहेंगे. ज्योतिषाचार्य का कहना है कि यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा और ईश्वर पर आने वाले कष्ट को कम करने के लिए लोगों को भजन-कीर्तन के साथ ही पूजा-पाठ भी करना चाहिए. इससे अलग-अलग राशियों पर होने वाले दुष्प्रभाव का असर भी कम होता है.
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इन राशियों पर यह पड़ेगा प्रभाव
- मेष- ग्रहण अशुभ है. करियर में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. धन हानि.
- वृष- 10 जून को लगने वाला ग्रहण वृषभ राशि पर ही लग रहा है. इसलिए इस राशि के जातक को स्वास्थ्य संबंधी समस्या का सामना करना पड़ेगा. धन की हानि होगी.
- सिंह- सिंह राशि का स्वामी सूर्य है. इसलिए इस राशि पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा. आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. नौकरी पेशा लोगों को तरक्की मिलेगी और स्वास्थ्य उत्तम होगा.
- कन्या- ग्रहण का दुष्प्रभाव देखने को मिलेगा. मन अशांत तो होगा. शारीरिक पीड़ा भी होगी. धन हानि के योग हैं.
- मिथुन- ग्रहण के शुभ ना होने के संकेत हैं. धन हानि की प्रबल संभावना है. कर्ज दिया हुआ पैसा डूब सकता है. स्वास्थ्य के प्रति विशेष सतर्कता बरतें.
- कर्क- जल्दबाजी में किए गये काम से नुकसान होगा. शारीरिक कष्ट के योग हैं. बेवजह का खर्च ज्यादा होगा.
- मकर- नौकरी समेत अन्य कार्यों में बाधा उत्पन्न होगी. शारीरिक पीड़ा होने के पूरे आसार हैं. धन हानि का योग भी है.
- तुला- करियर में नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. नौकरी में तनाव उत्पन्न होगा दांपत्य जीवन में भी उथल-पुथल की स्थिति बनेगी.
- वृश्चिक- नकारात्मक विचारों का असर देखने को मिलेगा. किसी बारे में बार-बार सोचे जाने की वजह से शारीरिक कष्ट भी होगा. खर्च पर नियंत्रण रखना अनिवार्य है.
- कुंभ- अपनी बनाई किसी भी योजना को किसी के साथ साझा ना करें, नहीं तो नुकसान उठाना पड़ सकता है, धन हानि का योग है सतर्क रहें.
- धनु- छात्रों के लिए अच्छा समय साबित होगा. दांपत्य जीवन में भी स्थिरता आएगी. अच्छा प्रभाव देखने को मिलेगा.
- मीन- किसी के सहयोग से कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं. निर्णय लेने के दौरान अपने विवेक का इस्तेमाल करें नहीं तो नुकसान हो सकता है. धन प्राप्ति का भी अच्छा योग है.