वाराणसी: सावन का पावन महीना चल रहा है. इस पावन महीने में शिव की आराधना का विशेष महत्व माना जाता है. ऐसे में अगर शिव की आराधना करने के लिए सावन का सोमवार हो और उस पर प्रदोष यानी तेरस तिथि मिल जाए तो फिर सर्वार्थ कार्य सिद्ध होते हैं. ऐसा ही महायोग सावन के दूसरे सोमवार को बना है. आज सावन का दूसरा सोमवार है और प्रदोष यानी तेरस भी है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस योग को सर्वार्थ सिद्धि योग के नाम से जाना जाता है. जो यदा-कदा दुर्लभ संयोग के रूप में देखने को मिलता है.
- इस बार सावन के दूसरे सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि का योग बना है.
- जो बहुत ही दुर्लभ संयोग के रूप में देखने को मिलता है.
- आज के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा का विशेष महत्व है.
- सच्चे मन से शिव की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है.
कैसे करें शिव की पूजा
- सुबह सूरज निकलने से पहले स्नान आदि कर लें.
- मंदिर में जाकर सच्चे मन से भोलेनाथ पर एक लोटा जल चढाएं.
- पूरे दिन मन में ओम नमः शिवाय या राम के नाम का जाप करें.
- हो सके तो किसी की बुराई करने या बुराईयों से दूर रहें.
आज सावन का दूसरा सोमवार और प्रदोष व्रत एक साथ पड़ा है. ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है कि सावन उस पर से सोमवार और सोमवार को ही प्रदोष यह दुर्लभ संयोग है. इसे सर्वार्थ सिद्धि योग कहते है. इस योग में सभी तरह के मनोरथ की पूर्ति होती है. सिर्फ ओम नमः शिवाय के जाप के साथ यदि भोलेनाथ को एक लोटा जल अर्पित किया जाए तो वो उसमें ही प्रसन्न हो जाते हैं.
पंडित पवन त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य