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वाराणसी: सावन के दूसरे सोमवार पर सर्वार्थ सिद्धि का अद्भुत संयोग, ऐसे करें शिव की पूजा

इस बार सावन के दूसरे सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि योग का अद्भुत संयोग बना है. जो यदा-कदा ही दुर्लभ संयोग के रूप में देखने को मिलता है. मान्यता है कि आज के दिन शिव की सच्चे मन से पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है.

शिव की कृपा चाहिए तो ऐसे करें पूजा
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Published : Jul 29, 2019, 8:56 AM IST

वाराणसी: सावन का पावन महीना चल रहा है. इस पावन महीने में शिव की आराधना का विशेष महत्व माना जाता है. ऐसे में अगर शिव की आराधना करने के लिए सावन का सोमवार हो और उस पर प्रदोष यानी तेरस तिथि मिल जाए तो फिर सर्वार्थ कार्य सिद्ध होते हैं. ऐसा ही महायोग सावन के दूसरे सोमवार को बना है. आज सावन का दूसरा सोमवार है और प्रदोष यानी तेरस भी है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस योग को सर्वार्थ सिद्धि योग के नाम से जाना जाता है. जो यदा-कदा दुर्लभ संयोग के रूप में देखने को मिलता है.

पंडित पवन त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि
  • इस बार सावन के दूसरे सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि का योग बना है.
  • जो बहुत ही दुर्लभ संयोग के रूप में देखने को मिलता है.
  • आज के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा का विशेष महत्व है.
  • सच्चे मन से शिव की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है.

कैसे करें शिव की पूजा

  • सुबह सूरज निकलने से पहले स्नान आदि कर लें.
  • मंदिर में जाकर सच्चे मन से भोलेनाथ पर एक लोटा जल चढाएं.
  • पूरे दिन मन में ओम नमः शिवाय या राम के नाम का जाप करें.
  • हो सके तो किसी की बुराई करने या बुराईयों से दूर रहें.

आज सावन का दूसरा सोमवार और प्रदोष व्रत एक साथ पड़ा है. ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है कि सावन उस पर से सोमवार और सोमवार को ही प्रदोष यह दुर्लभ संयोग है. इसे सर्वार्थ सिद्धि योग कहते है. इस योग में सभी तरह के मनोरथ की पूर्ति होती है. सिर्फ ओम नमः शिवाय के जाप के साथ यदि भोलेनाथ को एक लोटा जल अर्पित किया जाए तो वो उसमें ही प्रसन्न हो जाते हैं.
पंडित पवन त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य

वाराणसी: सावन का पावन महीना चल रहा है. इस पावन महीने में शिव की आराधना का विशेष महत्व माना जाता है. ऐसे में अगर शिव की आराधना करने के लिए सावन का सोमवार हो और उस पर प्रदोष यानी तेरस तिथि मिल जाए तो फिर सर्वार्थ कार्य सिद्ध होते हैं. ऐसा ही महायोग सावन के दूसरे सोमवार को बना है. आज सावन का दूसरा सोमवार है और प्रदोष यानी तेरस भी है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस योग को सर्वार्थ सिद्धि योग के नाम से जाना जाता है. जो यदा-कदा दुर्लभ संयोग के रूप में देखने को मिलता है.

पंडित पवन त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि
  • इस बार सावन के दूसरे सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि का योग बना है.
  • जो बहुत ही दुर्लभ संयोग के रूप में देखने को मिलता है.
  • आज के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा का विशेष महत्व है.
  • सच्चे मन से शिव की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है.

कैसे करें शिव की पूजा

  • सुबह सूरज निकलने से पहले स्नान आदि कर लें.
  • मंदिर में जाकर सच्चे मन से भोलेनाथ पर एक लोटा जल चढाएं.
  • पूरे दिन मन में ओम नमः शिवाय या राम के नाम का जाप करें.
  • हो सके तो किसी की बुराई करने या बुराईयों से दूर रहें.

आज सावन का दूसरा सोमवार और प्रदोष व्रत एक साथ पड़ा है. ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है कि सावन उस पर से सोमवार और सोमवार को ही प्रदोष यह दुर्लभ संयोग है. इसे सर्वार्थ सिद्धि योग कहते है. इस योग में सभी तरह के मनोरथ की पूर्ति होती है. सिर्फ ओम नमः शिवाय के जाप के साथ यदि भोलेनाथ को एक लोटा जल अर्पित किया जाए तो वो उसमें ही प्रसन्न हो जाते हैं.
पंडित पवन त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य

Intro:स्पेशल:

वाराणसी: सावन का पावन महीना चल रहा है और इस पावन महीने में शिव की आराधना का विशेष महत्व माना जाता है और अगर शिव की आराधना करने के लिए सावन का सोमवार हो और उस पर से प्रदोष यानी तेरस तिथि मिल जाए तो फिर सर्वार्थ कार्य सिद्ध होते हैं. ऐसा ही महायोग सावन के दूसरे सोमवार यानी 29 जुलाई यानी आज मिल रहा है. आज सावन का दूसरा सोमवार है और प्रदोष यानी तेरस भी है. जिसकी वजह से देश भर के शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस योग को सर्वार्थ सिद्धि योग के नाम से जाना जाता है जो यदा-कदा दुर्लभ संयोग के रूप में देखने को मिलता है.


Body:वीओ-01 सावन के दूसरे सोमवार और तेरस के साथ मिलने को लेकर ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कि आज सावन का दूसरा सोमवार और प्रदोष व्रत एक साथ करने से शिव भक्तों की सभी कामना पूर्ण होगी ऐसा यदा-कदा ही देखने को मिलता है कि सावन उस पर से सोमवार और सोमवार को ही प्रदोष यह दुर्लभ संयोग इस बार काफी लंबे वक्त के बाद देखने को मिल रहा है. जिसकी वजह से तेरस यानी प्रदोष समान और भी ज्यादा बढ़ जा रहा है यह वजह है कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर समेत अन्य शिवालयों में भारी भीड़ रही है और बाबा का विशेष आशीर्वाद पाने के लिए दूर-दूर से अपनी मनोकामना लेकर पहुंच रहे हैं.


Conclusion:वीओ-03 ज्योतिषाचार्य पवन त्रिपाठी का कहना है कि सर्वार्थ सिद्धि योग में सभी तरह के मनोरथ की पूर्ति होती है सबसे बड़ी बात है कि धन और संतान की रक्षा बाबा भोलेनाथ करते हैं इसके साथ ही बाबा का विशेष आशीर्वाद भी आज के दिन उन्हें मात्र जल चढ़ाने से ही मिलता है सिर्फ ओम नमः शिवाय के जाप के साथ ही यदि भगवान भोलेनाथ को यदि जल अर्पित किया जाए तो सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कि प्रदोष व्रत में पूरा दिन व्रत रहने के बाद शाम में भगवान भोलेनाथ की पूजा कर रात में अन्य ग्रहण किया जाता है इस बाबा बोले कि यदि विशेष कृपा चाहिए तो एक लोटा जल ओम नमः शिवाय के मंत्र के साथ बाबा भोलेनाथ को अर्पित करें और अपने सभी कार्यों को सिद्ध करें.

बाईट- पंडित पवन त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य

गोपाल मिश्र

9839809074
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