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सावन 2022: सावन और प्रदोष के संगम में डूबे शिव भक्त, बारिश में भीगते पहुंचे बाबा विश्वनाथ के धाम

वाराणसी में सावन के दूसरे सोमवार को भक्तों की भीड़ देखने को मिली है. बता दें कि आज सावन का सोमवार होने के साथ-साथ प्रदोष व्रत भी है. मान्यता है कि सावन में सोम प्रदोष के दिन महादेव का रुद्राभिषेक करने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती है.

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काशी में शिव भक्तों की लगी भीड़
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Published : Jul 25, 2022, 9:37 AM IST

वाराणसी: आज (25 जुलाई) सावन का दूसरा सोमवार (sawan ka dusra somwar) है और पूरा शहर शिव की भक्ति में डूबा दिखाई दे रहा है. रविवार देर रात से लगातार हो रही बारिश के बाद भी लोगों की आस्था पर कोई असर पड़ता नहीं दिखाई दे रहा है. दशाश्वमेध घाट (Dashashwamedh Ghat Varanasi) पर गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं और कांवड़ियों की जबरदस्त भीड़ है. इसको ध्यान में रखते हुए मेन सड़क से घाट तक जाने वाले रास्ते को ही बंद करना पड़ा. इस दौरान भक्तों को भीगते हुए कटार बंद होते हुए बाबा के धाम तक जाना पड़ रहा है.

मंदिर प्रशासन का अनुमान है कि सावन के पहले सोमवार की तरह ही दूसरे सोमवार में भी साढ़े पांच लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाएंगे. वहीं, विश्वनाथ धाम में गंगा की ओर से प्रवेश करने के लिए बनाए गए द्वार को बाढ़ के पानी के कारण बंद कर दिया गया है. अब घाटों की ओर से पैदल आने वाले श्रद्धालु गंगा द्वार से विश्वनाथ धाम नहीं आ-जा सकेंगे. सिर्फ नाव से आने वाले श्रद्धालु ही गंगा द्वार से बाबा विश्वनाथ धाम में प्रवेश कर सकेंगे.

बाबा विश्वनाथ का दर्शन और जलाभिषेक करने पहुंचे शिव भक्त
रविवार देर रात से ही भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस महकमा पूरी तरह से चौकन्ना नजर आ रहा है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है. लगातार पुलिस टीम गश्त करते हुए सड़कों से लेकर गंगा घाट तक पर डटी हुई है. गंगा घाट पर स्नान करने वालों की जबरदस्त भीड़ को देखते हुए विशेष सतर्कता बरती जा रही है. विश्वनाथ मंदिर में भी बारिश से बचाने के लिए शेड की व्यवस्था की गई है.

यह भी पढ़ें: Sawan 2022: बंटवारे की याद संजोता काशी का ये शिवलिंग, जिसे कहते हैं पाकिस्तानी महादेव

सावन के दूसरे सोमवार के मौके पर भक्तों की भीड़ इसलिए भी है, क्योंकि आज प्रदोष व्रत (pradosh vrat aaj) है. ऐसी मान्यता है कि सोम प्रदोष पर यदि भोलेनाथ की भक्ति और उनका रुद्राभिषेक किया जाए, तो हर मनोकामना पूर्ण होती है. इस बारे में श्री काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. राम नारायण द्विवेदी ने बताया कि भगवान शिव बड़े ही दयालु और कृपालु देवता हैं. सावन में खासतौर से सोमवार को रुद्राभिषेक करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और बाधाएं दूर होती हैं. श्रद्धालुओं को सावन मास में रोजाना सुबह स्नान कर भगवान शिव का जलाभिषेक जरूर करना चाहिए. इससे जीवन में कभी किसी तरह की कोई कमी नहीं होती है. 'ऊं नम: शिवाय' का जाप करने वाले पर हमेशा भगवान शिव की कृपा बनी रहती है.

गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने जल पुलिस, एनडीआरएफ की 11वीं बटालियन और पीएसी के बाढ़ राहत दल को विशेष सतर्कता बरतने के लिए कहा है. पुलिस कमिश्नर ने कहा कि दशाश्वमेध घाट स्थित जल थाना से पुलिस लगातार लोगों से गहरे पानी में न जाने के लिए अपील करती रहे. सावन के मद्देनजर विश्वनाथ धाम के आसपास के इलाके में पुलिस-पीएसी और सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स के 1500 जवान तैनात किए गए हैं. 500 महिला-पुरुष पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में तैनात किए गए हैं. एटीएस के कमांडोज, बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वॉड के अलावा माहौल पर नजर रखने के लिए लोकल इंटेलिजेंस यूनिट को अलर्ट मोड में रखा गया है.

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वाराणसी: आज (25 जुलाई) सावन का दूसरा सोमवार (sawan ka dusra somwar) है और पूरा शहर शिव की भक्ति में डूबा दिखाई दे रहा है. रविवार देर रात से लगातार हो रही बारिश के बाद भी लोगों की आस्था पर कोई असर पड़ता नहीं दिखाई दे रहा है. दशाश्वमेध घाट (Dashashwamedh Ghat Varanasi) पर गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं और कांवड़ियों की जबरदस्त भीड़ है. इसको ध्यान में रखते हुए मेन सड़क से घाट तक जाने वाले रास्ते को ही बंद करना पड़ा. इस दौरान भक्तों को भीगते हुए कटार बंद होते हुए बाबा के धाम तक जाना पड़ रहा है.

मंदिर प्रशासन का अनुमान है कि सावन के पहले सोमवार की तरह ही दूसरे सोमवार में भी साढ़े पांच लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाएंगे. वहीं, विश्वनाथ धाम में गंगा की ओर से प्रवेश करने के लिए बनाए गए द्वार को बाढ़ के पानी के कारण बंद कर दिया गया है. अब घाटों की ओर से पैदल आने वाले श्रद्धालु गंगा द्वार से विश्वनाथ धाम नहीं आ-जा सकेंगे. सिर्फ नाव से आने वाले श्रद्धालु ही गंगा द्वार से बाबा विश्वनाथ धाम में प्रवेश कर सकेंगे.

बाबा विश्वनाथ का दर्शन और जलाभिषेक करने पहुंचे शिव भक्त
रविवार देर रात से ही भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस महकमा पूरी तरह से चौकन्ना नजर आ रहा है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है. लगातार पुलिस टीम गश्त करते हुए सड़कों से लेकर गंगा घाट तक पर डटी हुई है. गंगा घाट पर स्नान करने वालों की जबरदस्त भीड़ को देखते हुए विशेष सतर्कता बरती जा रही है. विश्वनाथ मंदिर में भी बारिश से बचाने के लिए शेड की व्यवस्था की गई है.

यह भी पढ़ें: Sawan 2022: बंटवारे की याद संजोता काशी का ये शिवलिंग, जिसे कहते हैं पाकिस्तानी महादेव

सावन के दूसरे सोमवार के मौके पर भक्तों की भीड़ इसलिए भी है, क्योंकि आज प्रदोष व्रत (pradosh vrat aaj) है. ऐसी मान्यता है कि सोम प्रदोष पर यदि भोलेनाथ की भक्ति और उनका रुद्राभिषेक किया जाए, तो हर मनोकामना पूर्ण होती है. इस बारे में श्री काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. राम नारायण द्विवेदी ने बताया कि भगवान शिव बड़े ही दयालु और कृपालु देवता हैं. सावन में खासतौर से सोमवार को रुद्राभिषेक करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और बाधाएं दूर होती हैं. श्रद्धालुओं को सावन मास में रोजाना सुबह स्नान कर भगवान शिव का जलाभिषेक जरूर करना चाहिए. इससे जीवन में कभी किसी तरह की कोई कमी नहीं होती है. 'ऊं नम: शिवाय' का जाप करने वाले पर हमेशा भगवान शिव की कृपा बनी रहती है.

गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने जल पुलिस, एनडीआरएफ की 11वीं बटालियन और पीएसी के बाढ़ राहत दल को विशेष सतर्कता बरतने के लिए कहा है. पुलिस कमिश्नर ने कहा कि दशाश्वमेध घाट स्थित जल थाना से पुलिस लगातार लोगों से गहरे पानी में न जाने के लिए अपील करती रहे. सावन के मद्देनजर विश्वनाथ धाम के आसपास के इलाके में पुलिस-पीएसी और सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स के 1500 जवान तैनात किए गए हैं. 500 महिला-पुरुष पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में तैनात किए गए हैं. एटीएस के कमांडोज, बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वॉड के अलावा माहौल पर नजर रखने के लिए लोकल इंटेलिजेंस यूनिट को अलर्ट मोड में रखा गया है.

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