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सरस मेला: स्वयं समूह की महिलाओं ने की भागीदारी - वाराणसी सरस मेला

वाराणसी में बड़ालालपुर स्तिथ दीनदयाल हस्तकला संकुल में दीनदयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अन्तर्गत दस दिवसीय सरस मेले का आयोजन किया गया है. जहाँ स्वयं समूह की महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर भागीदारी की.

सरस मेले का हुआ आयोजन
सरस मेले का हुआ आयोजन
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Published : Feb 27, 2021, 4:54 PM IST

वाराणसी: जिले में बड़ालालपुर स्तिथ दीनदयाल हस्तकला संकुल में दीनदयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अन्तर्गत दस दिवसीय सरस मेले का आयोजन किया गया है. यहां स्वयं समूह की महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की. यह मेला 22 फरवरी से 3 मार्च तक चलेगा.


यह भी पढ़ें: ज्ञानवापी मामले में आज सुनवाई टली, जानिए क्यों

'ग्रामीण महिलाओं को मंच प्रदान करना मूल उद्देश्य'

मुख्य विकास अधिकारी मधुसूदन हुलगी ने बताया कि मेले का मुख्य उद्देश्य समूह से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं को उनके द्वारा उत्पादित उत्कृष्ट उत्पादों के लिए मंच प्रदान करना है, जिससे वे अपने सामानों की प्रदर्शनी और बिक्री कर सकें. मेले में दरी, कालीन, टेराकोटा, आचार, मुरब्बा, अगरबत्ती, फ्लावर पाट, सीनरी, आर्टिफिसियल ज्वेलरी, बासं के उत्पाद, जूते-चप्पल आदि के स्टॉल लगाए गए हैं. मेले में लगीं यह सामग्रियां पर्यटकों को भी खूब भा रही हैं.


मेले में आगंतुकों की भीड़

मेले में प्रति दिवस स्थानीय कलाकारों द्वारा सायंकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया जा रहा है. आसाम और सोनभद्र के बांस के उत्पाद, सहारनपुर के लकड़ी के फर्नीचर, हमीरपुर के मसाले, फिरोजाबाद के कांच के सामान, बनारसी सिल्क साड़ियां, लखीमपुर के लेदर के सामान, मिर्जापुर और भदोही के कालीन मेले के मुख्य आकर्षण हैं. इसकी मांग मेले में आए पर्यटकों द्वारा खूब हो रही है.

वाराणसी: जिले में बड़ालालपुर स्तिथ दीनदयाल हस्तकला संकुल में दीनदयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अन्तर्गत दस दिवसीय सरस मेले का आयोजन किया गया है. यहां स्वयं समूह की महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की. यह मेला 22 फरवरी से 3 मार्च तक चलेगा.


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'ग्रामीण महिलाओं को मंच प्रदान करना मूल उद्देश्य'

मुख्य विकास अधिकारी मधुसूदन हुलगी ने बताया कि मेले का मुख्य उद्देश्य समूह से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं को उनके द्वारा उत्पादित उत्कृष्ट उत्पादों के लिए मंच प्रदान करना है, जिससे वे अपने सामानों की प्रदर्शनी और बिक्री कर सकें. मेले में दरी, कालीन, टेराकोटा, आचार, मुरब्बा, अगरबत्ती, फ्लावर पाट, सीनरी, आर्टिफिसियल ज्वेलरी, बासं के उत्पाद, जूते-चप्पल आदि के स्टॉल लगाए गए हैं. मेले में लगीं यह सामग्रियां पर्यटकों को भी खूब भा रही हैं.


मेले में आगंतुकों की भीड़

मेले में प्रति दिवस स्थानीय कलाकारों द्वारा सायंकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया जा रहा है. आसाम और सोनभद्र के बांस के उत्पाद, सहारनपुर के लकड़ी के फर्नीचर, हमीरपुर के मसाले, फिरोजाबाद के कांच के सामान, बनारसी सिल्क साड़ियां, लखीमपुर के लेदर के सामान, मिर्जापुर और भदोही के कालीन मेले के मुख्य आकर्षण हैं. इसकी मांग मेले में आए पर्यटकों द्वारा खूब हो रही है.

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