वाराणसी: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी ने फिर से प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है. इसके चलते संत समाज में काफी उत्साह है और उन्होंने सरकार के सामने अपनी मंशा जाहिर करते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ धर्म नगरी काशी में मुख्यमंत्री की शपथ ग्रहण करें या फिर विश्वनाथ धाम में कैबिनेट की पहली मीटिंग का आयोजन किया जाए.
ETV BHARAT से खास बातचीत में अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि काशी की धरती पर मालवीय द्वारा स्थापित काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलगीत में प्रतिची और प्राची के मेल की बात लिखी गई है. उसकी वास्तविक सार्थकता बाबा विश्वनाथ की धरती पर भी नजर आती है. काशी में धर्म और परंपरा भी है तो अत्याधुनिक सुविधाएं भी हैं. अब वक्त है कि पुनः इस मेल को प्रगाढ़ बनाया जाए.
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स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कि बीजेपी की जीत से जनता के साथ ही संत समाज में भी काफी खुशी है. लेकिन चुनाव के दौरान कुछ लोगों ने जो माहौल बनाया था, उन्हें चुनाव के परिणाम के बाद करार जवाब मिला है. ऐसे धर्म विरोधी लोगों के लिए यह बड़ा जवाब होगा कि शपथ ग्रहण समारोह काशी की धरती पर मां गंगा के तट पर संचालित हो और अगर कोई संवैधानिक बाधा न हो तो यह समरोह बाबा विश्वनाथ के परिसर में आयोजित किया जाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा किसी कारण के चलते अगर शपथ ग्रहण समारोह नहीं हो पाता तो मुख्यमंत्री कैबिनेट की पहली बैठक बाबा विश्ववनाथ के परिसर में आयोजित कर पूरे देश को एक बड़ा संदेश दें.
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