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Udhayanidhi Stalin Statement: तमिलनाडु सीएम के बेटे के बयान पर भड़के संत, कहा- ऐसे असभ्य लोगों की समाज में जगह नहीं - सनातन धर्म की मक्खी मच्छर से तुलना

तमिलनाडु के खेलमंत्री एमके स्टालिन के हिंदू धर्म पर विवादित बयान पर काशी के संतों में आक्रोश हैं. इस मामले में अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि ऐसे लोगों की समाज में कोई जरूरत नहीं है.

महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती
महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 3, 2023, 5:47 PM IST

उदयनिधि स्टालिन के विवादित बयान पर भड़का संत समाज

वाराणसी: तमिलनाडु सरकार में खेल मंत्री और सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म पर विवादित बयान दिया है. जिसे लेकर काशी के संतों में काफी आक्रोश है. अखिल भारतीय संत समिति ने इसका विरोध किया है.

अखिल भारतीय संत समिति महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा "तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के कुपुत्र उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म और हिंदू आपत्तिजनक बातें कही हैं. जो अति निंदनीय और घृणित है. अखिल भारतीय संत समिति का इतना ही कहना है कि करोड़ों वर्षों से मिटाने वाले मिटते चले गए हैं. भारत के सुप्रीम कोर्ट ने सनातन हिंदू धर्म को जीवन जीने की पद्धति माना है. ऐसे बर्बर लोगों को यह बात समझ में नहीं आएगी. इस तरह के असभ्य और बर्बर लोगों के लिए समाज में कोई जगह नहीं होनी चाहिए. सत्ता और सरकार अगर ऐसे लोगों को लाने और पोषित करने की कोशिश करेगी. तो, देश में अशांति फैलेगी'.

गौरतलब है, उदयनिधि स्टालिन ने बयान दिया था कि सनातन धर्म को मलेरिया और डेंगू की तरह है. इसका विरोध नहीं बल्कि पूरी तरह से खत्म कर देना चाहिए. इस टिप्पणी के बाद राजनीतिक गलियारों में हंगामा शुरू हो गया. इसी कड़ी में रविवार को अखिल भारतीय संत समिति के बाद तमाम विद्वत परिषद और काशी के संत साधु बैठक कर रहे हैं. बैठक के बाद साधु समाज उदयनिधि के इस विवादित बयान के संबंध में प्रधानमंभी और तमिलनाडु के राज्यपाल से भी शिकायत कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें: Ghosi assembly by-election: सीएम ने विपक्ष पर बोला हमला, कहा-घोसी उपचुनाव वही समझेगा, जिसने दंगों को महसूस किया होगा

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उदयनिधि स्टालिन के विवादित बयान पर भड़का संत समाज

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अखिल भारतीय संत समिति महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा "तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के कुपुत्र उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म और हिंदू आपत्तिजनक बातें कही हैं. जो अति निंदनीय और घृणित है. अखिल भारतीय संत समिति का इतना ही कहना है कि करोड़ों वर्षों से मिटाने वाले मिटते चले गए हैं. भारत के सुप्रीम कोर्ट ने सनातन हिंदू धर्म को जीवन जीने की पद्धति माना है. ऐसे बर्बर लोगों को यह बात समझ में नहीं आएगी. इस तरह के असभ्य और बर्बर लोगों के लिए समाज में कोई जगह नहीं होनी चाहिए. सत्ता और सरकार अगर ऐसे लोगों को लाने और पोषित करने की कोशिश करेगी. तो, देश में अशांति फैलेगी'.

गौरतलब है, उदयनिधि स्टालिन ने बयान दिया था कि सनातन धर्म को मलेरिया और डेंगू की तरह है. इसका विरोध नहीं बल्कि पूरी तरह से खत्म कर देना चाहिए. इस टिप्पणी के बाद राजनीतिक गलियारों में हंगामा शुरू हो गया. इसी कड़ी में रविवार को अखिल भारतीय संत समिति के बाद तमाम विद्वत परिषद और काशी के संत साधु बैठक कर रहे हैं. बैठक के बाद साधु समाज उदयनिधि के इस विवादित बयान के संबंध में प्रधानमंभी और तमिलनाडु के राज्यपाल से भी शिकायत कर सकते हैं.

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