ETV Bharat / state

वाराणसी में आज से शुरू होगी संस्कृति संसद, जुटेंगे एक हजार से ज्यादा संत - अयोध्या राम मंदिर

वाराणसी में संस्कृति संसद (Varanasi Sanskriti Sansad) का आयोजन किया जा रहा है. इसमें देश भर के संत शिरकत करेंगे. यह कार्यक्रम 2 नवंबर से शुरू होगा. इसमें शंकराचार्य से लेकर महामंडलेश्वर तक शामिल होंगे.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 1, 2023, 8:03 PM IST

Updated : Nov 2, 2023, 6:49 AM IST

वाराणसी में संस्कृति संसद में जुटेंगे संत

वाराणसी: देश में सनातन धर्म को लेकर चल रहे माहौल और सनातन धर्म के खिलाफ हो रही बयानबाजी के बीच काशी में देशभर के संत जुटने जा रहे हैं. 2 नवंबर से 5 नवंबर तक होने वाले आयोजन की रूपरेखा 15 जनवरी तक के लिए तैयार की गई है. 70 दिनों तक चलने वाले इस वृहद आयोजन का मकसद सनातन धर्म को लेकर चल रही बयानबाजी और सनातन धर्म के खिलाफ बना रहे माहौल के बीच सनातन धर्मियों को एकजुट करके इस पर जवाब देना ही मुख्य है. इस कार्यक्रम में शंकराचार्य से लेकर देश भर के महामंडलेश्वर और रामानंदाचार्य से लेकर बड़े संतों का आगमन वाराणसी में होगा. इनकी संख्या लगभग 1200 से ज्यादा है. अभी तक 250 संत काशी पहुंच चुके हैं.

वाराणसी संस्कृति संसद में ये लोग होंगे शामिल
वाराणसी संस्कृति संसद में ये लोग होंगे शामिल
वाराणसी संस्कृति संसद में आने वाले लोगों के नाम
वाराणसी संस्कृति संसद में आने वाले लोगों के नाम

अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती ने बताया कि अयोध्या के बलिदानियों के मोक्ष की प्रार्थना करने के साथ इस कार्यक्रम की शुरुआत होगी. संस्कृति संसद के प्रथम दिन 2 नवंबर को श्रीकाशी विश्वनाथ में देशभर से पधारे 500 संत रुद्राभिषेक करेंगे. रुद्राभिषेक अनुष्ठान के तीन संकल्प होंगे. इसमें प्रथम संकल्प 'श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के बलिदानियों की मुक्ति हो', दूसरा संकल्प 'राष्ट्र की एकता और अखंडता अक्षुण्ण रहे' और तीसरा संकल्प 'सनातन सापेक्ष सरकार बने' होगा. उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और श्रीकाशी विद्वत परिषद के मार्गदर्शन में गंगा महासभा के द्वारा आयोजित हो रहा है.

वाराणसी संस्कृति संसद में आने वाले मेहमान
वाराणसी संस्कृति संसद में आने वाले मेहमान
वाराणसी संस्कृति संसद में आएंगे संत
वाराणसी संस्कृति संसद में आएंगे संत

स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि संस्कृति संसद का आयोजन सनातन उन्मूलन को चुनौती देने वालों को करारा जवाब देने के लिए किया जा रहा है. इसके साथ ही राम मंदिर आंदोलन में बलिदान हुए कारसेवकों की आत्मा की मुक्ति के लिए काशी विश्वानाथ मंदिर में 500 संतों द्वारा रुद्राभिषेक किया जाएगा. वहीं, 3 से 5 नवंबर तक रुद्राक्ष में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताते हुए स्वामी जी ने कहा कि संस्कृति संसद में 3 नवंबर को धर्म विमर्श, 4 नवंबर को मातृ विमर्श और 5 नवंबर को युवा विमर्श का आयोजन होगा. इन सत्रों में सनातन से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार होगा. साथ ही वामपंथी और सनातन धर्म विरोधियों द्वारा उठाए गए प्रश्नों का शास्त्रीय उत्तर भी दिया जाएगा.

वाराणसी में संस्कृति संसद
वाराणसी में संस्कृति संसद

धर्म विमर्श में सनातन हिंदू धर्म से जुड़े प्रश्नों और वर्तमान में मिल रही चुनौतियों पर विचार किया जाएगा. मातृ विमर्श में सनातन हिंदू धर्म में मातृ केंद्रित व्यस्थाओं, विभिन्न वैश्विक सम्प्रदायों और मजहबों में नारी की स्थिति व स्त्री स्वतंत्रता पर विचार किया जाएगा. चौथे और अंतिम दिन युवा विमर्श में युवाओं से जुड़े विषयों पर बात होगी. कार्यक्रम के संयोजक गोविंद शर्मा ने कहा कि 2 नवंबर को सभी संत सुबह रविदास घाट पर पहुचेंगे. जहां से सभी संत बजड़े के माध्यम से गंगा द्वार पर पहुंचेंगे. इसके बाद उनके द्वारा गंगा पूजन किया जाएगा. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की ओर से संतों का स्वागत किया जाएगा.

यह भी पढ़ें: अयोध्या में दीपोत्सव पर रामपथ के किनारे बने घर और दुकान एक रंग में नजर आएंगे

यह भी पढ़ें: यूपी मंत्रिमंडल का लोकसभा चुनाव 2024 से पहले हो सकता है विस्तार, क्या राजभर को मिलेगी कुर्सी

Last Updated : Nov 2, 2023, 6:49 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.