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काशी में संस्कृत और क्रिकेट का दिखा अद्भुत संयोग, धोती कुर्ता में बटुकों ने लगाए चौके-छक्के, संस्कृत में हुई कमेंट्री

काशी के संपूर्णानंद सिगरा स्टेडियम में संस्कृत क्रिकेट टूर्नामेंट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जहां धोती कुर्ता और गमछा लिए माथे पर तिलक लगाकर बटुकों ने जमकर चौके और छक्के लगाए. यहां क्रिकेट की कमेंटरी भी संस्कृत में हुई. वहीं, फील्ड में बेहतरीन शॉट पर हर हर महादेव और जय श्रीराम के नारे लग रहे थे.

धोती कुर्ता पहन मैच खेलते बटुक
धोती कुर्ता पहन मैच खेलते बटुक
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Published : Jan 28, 2023, 8:24 PM IST

धोती कुर्ता पहन मैच खेलते बटुक

वाराणसी: क्या क्रिकेटर और संस्कृत का कोई मेल हो सकता है. इसका जवाब सहजता से कोई भी ना दे सकता है,.लेकिन सोचिए यदि ऐसा अद्भुत मेल हो जाए तो नजारा कैसा होगा. आज हम आपको एक ऐसे ही अद्भुत नजारे के बारे में बताने जा रहे हैं. जहां क्रिकेट की पीच पर तिलकधारी पंडितों ने ना सिर्फ चौके छक्के लगाए, बल्कि नई वेशभूषा में क्रिकेट के नए आयाम को भी प्रस्तुत किया है.

धोती कुर्ता में मैच खेलते बटुक
धोती कुर्ता में मैच खेलते बटुक
धर्म नगरी काशी की धरा पर शास्त्रार्थ करने वाले संस्कृत के विद्वानों के क्रिकेट का नज़ारा अद्भुत था. क्योंकि यहां क्रिकेटर की ड्रेस लोवर टीशर्ट नही थी. यहां क्रिकेटर धोती कुर्ता, कंधे पर गमछा, माथे पर तिलक और पीछे चुटिया लटकाए हुए था. निश्चित तौर पर यह वेशभूषा जहां काशी के वैदिक परंपरा का दर्शन करा रही थी, तो वही इन तिलकधारी क्रिकेटरों के हाथ में मौजूद बल्ला और पिच पर इनका जोश इनके अलग जौहर का प्रदर्शन कर था.
धोती कुर्ता में मैच खेलते बटुक
धोती कुर्ता में मैच खेलते बटुक
तिलकधारी ब्राह्मणों ने लगाए चौके छक्के: ये अद्भुत नजारा वाराणसी का है. जहां लगभग एक दशक से संस्कृत क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है. जिसमें बटुक संस्कृत के विद्वान अपनी सहभागिता दर्ज कराते हैं. इस वर्ष भी शनिवार को संपूर्णानंद सिगरा स्टेडियम में संस्कृत क्रिकेट टूर्नामेंट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमें 4 टीमों ने हिस्सा लिया. इस दौरान पिच पर क्रिकेटर धुआंधार बल्लेबाजी और गेंदबाजी कर रहे थे. तो वही उनकी हर एक स्टेप पर नॉनस्टॉप संस्कृत में कमेंट्री भी चल रही थी. बड़ी बात यह है कि फील्ड में बेहतरीन शॉट पर हर हर महादेव और जय श्रीराम के नारे लग रहे थे.
धोती कुर्ता में बटुकों ने लगाए चौके छक्के
धोती कुर्ता में बटुकों ने लगाए चौके छक्के
संस्कृत में ही होती है कमेंट्री: इस बारे में कार्यक्रम के आयोजक पवन शुक्ला ने बताया कि बीते लगभग एक दशक से इस संस्कृत क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. जिसका उद्देश्य इन विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना है और इसके साथ ही संस्कृत भाषा को एक नए प्रारूप में जन-जन तक पहुंचाना है. उन्होंने बताया कि आम जनमानस सोचता है कि शास्त्रार्थ करने वाला विद्यार्थी केवल शास्त्रार्थ कर सकता है. परंतु इस प्रतियोगिता के जरिए उसमें मौजूद जौहर का भी प्रदर्शन होता है. यह हुनर इस बात को भी परिलक्षित करता है कि शास्त्रार्थ करने वाला व्यक्ति हाथों में बल्ला लेकर पिच पर चौके छक्के भी मार सकता है. उन्होंने बताया कि इस टूर्नामेंट में खास बात यह है कि यहां पर कमेंट्री भी संस्कृत में की जाती है. यह अद्भुत कमेंट्री क्रिकेट को और भी ज्यादा रोमांचक बनाती है. उन्होंने कहा कि हमारी अपनी भाषा इतनी समृद्ध है कि उसमें हर कला समाहित है और यह क्रिकेट भी इसी समृद्धि का परिचायक है.
धोती कुर्ता में बटुकों ने लगाए चौके छक्के
धोती कुर्ता में बटुकों ने लगाए चौके छक्के
पीएम ने मन के बात में की थी चर्चा: गौरतलब हो कि बीते साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने मन की बात कार्यक्रम में काशी के संस्कृत क्रिकेट मैच की चर्चा की थी और बकायदा इस में होने वाले कमेंट्री की तारीफ की थी. उन्होंने कहा था कि जब क्रिकेट का अद्भुत संयोग है, जब एक खास वेशभूषा में शास्त्रार्थ करने वाले विद्यार्थी क्रिकेट खेल रहे हो और कमेंट्री भी इसी वेशभूषा में इसी भाषा में की जा रही है.
धोती कुर्ता में बटुकों ने लगाए चौके छक्के
धोती कुर्ता में बटुकों ने लगाए चौके छक्के

यह भी पढे़ं:अब संस्कृत में भी उपलब्ध होगा भारत का संविधान, तेजी से चल रहा काम, जानें कब तक बनकर होगा तैयार

धोती कुर्ता पहन मैच खेलते बटुक

वाराणसी: क्या क्रिकेटर और संस्कृत का कोई मेल हो सकता है. इसका जवाब सहजता से कोई भी ना दे सकता है,.लेकिन सोचिए यदि ऐसा अद्भुत मेल हो जाए तो नजारा कैसा होगा. आज हम आपको एक ऐसे ही अद्भुत नजारे के बारे में बताने जा रहे हैं. जहां क्रिकेट की पीच पर तिलकधारी पंडितों ने ना सिर्फ चौके छक्के लगाए, बल्कि नई वेशभूषा में क्रिकेट के नए आयाम को भी प्रस्तुत किया है.

धोती कुर्ता में मैच खेलते बटुक
धोती कुर्ता में मैच खेलते बटुक
धर्म नगरी काशी की धरा पर शास्त्रार्थ करने वाले संस्कृत के विद्वानों के क्रिकेट का नज़ारा अद्भुत था. क्योंकि यहां क्रिकेटर की ड्रेस लोवर टीशर्ट नही थी. यहां क्रिकेटर धोती कुर्ता, कंधे पर गमछा, माथे पर तिलक और पीछे चुटिया लटकाए हुए था. निश्चित तौर पर यह वेशभूषा जहां काशी के वैदिक परंपरा का दर्शन करा रही थी, तो वही इन तिलकधारी क्रिकेटरों के हाथ में मौजूद बल्ला और पिच पर इनका जोश इनके अलग जौहर का प्रदर्शन कर था.
धोती कुर्ता में मैच खेलते बटुक
धोती कुर्ता में मैच खेलते बटुक
तिलकधारी ब्राह्मणों ने लगाए चौके छक्के: ये अद्भुत नजारा वाराणसी का है. जहां लगभग एक दशक से संस्कृत क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है. जिसमें बटुक संस्कृत के विद्वान अपनी सहभागिता दर्ज कराते हैं. इस वर्ष भी शनिवार को संपूर्णानंद सिगरा स्टेडियम में संस्कृत क्रिकेट टूर्नामेंट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमें 4 टीमों ने हिस्सा लिया. इस दौरान पिच पर क्रिकेटर धुआंधार बल्लेबाजी और गेंदबाजी कर रहे थे. तो वही उनकी हर एक स्टेप पर नॉनस्टॉप संस्कृत में कमेंट्री भी चल रही थी. बड़ी बात यह है कि फील्ड में बेहतरीन शॉट पर हर हर महादेव और जय श्रीराम के नारे लग रहे थे.
धोती कुर्ता में बटुकों ने लगाए चौके छक्के
धोती कुर्ता में बटुकों ने लगाए चौके छक्के
संस्कृत में ही होती है कमेंट्री: इस बारे में कार्यक्रम के आयोजक पवन शुक्ला ने बताया कि बीते लगभग एक दशक से इस संस्कृत क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. जिसका उद्देश्य इन विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना है और इसके साथ ही संस्कृत भाषा को एक नए प्रारूप में जन-जन तक पहुंचाना है. उन्होंने बताया कि आम जनमानस सोचता है कि शास्त्रार्थ करने वाला विद्यार्थी केवल शास्त्रार्थ कर सकता है. परंतु इस प्रतियोगिता के जरिए उसमें मौजूद जौहर का भी प्रदर्शन होता है. यह हुनर इस बात को भी परिलक्षित करता है कि शास्त्रार्थ करने वाला व्यक्ति हाथों में बल्ला लेकर पिच पर चौके छक्के भी मार सकता है. उन्होंने बताया कि इस टूर्नामेंट में खास बात यह है कि यहां पर कमेंट्री भी संस्कृत में की जाती है. यह अद्भुत कमेंट्री क्रिकेट को और भी ज्यादा रोमांचक बनाती है. उन्होंने कहा कि हमारी अपनी भाषा इतनी समृद्ध है कि उसमें हर कला समाहित है और यह क्रिकेट भी इसी समृद्धि का परिचायक है.
धोती कुर्ता में बटुकों ने लगाए चौके छक्के
धोती कुर्ता में बटुकों ने लगाए चौके छक्के
पीएम ने मन के बात में की थी चर्चा: गौरतलब हो कि बीते साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने मन की बात कार्यक्रम में काशी के संस्कृत क्रिकेट मैच की चर्चा की थी और बकायदा इस में होने वाले कमेंट्री की तारीफ की थी. उन्होंने कहा था कि जब क्रिकेट का अद्भुत संयोग है, जब एक खास वेशभूषा में शास्त्रार्थ करने वाले विद्यार्थी क्रिकेट खेल रहे हो और कमेंट्री भी इसी वेशभूषा में इसी भाषा में की जा रही है.
धोती कुर्ता में बटुकों ने लगाए चौके छक्के
धोती कुर्ता में बटुकों ने लगाए चौके छक्के

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