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श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में भक्तों का प्रवेश शुरू

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर अब पूरी तरह से आम भक्तों के लिए खोल दिया गया है. अब भक्त बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में प्रवेश करके दूध और जल चढ़ा सकेंगे. हालांकि लिंग स्पर्श पर अभी भी मनाही बरकरार है. पढ़ें विस्तार से...

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काशी विश्वनाथ
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Published : Sep 8, 2020, 9:38 PM IST

वाराणसी: कोविड-19 का असर भले ही बढ़ रहा हो, लेकिन अब प्रदेश सरकार धीरे-धीरे सभी चीजों को सामान्य कर रही है. इसी क्रम में 21 मार्च से बंद हुए श्री काशी विश्वनाथ के मंदिर को 7 जून को झांकी दर्शन के साथ खोला गया और अब बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में भक्तों का प्रवेश भी शुरू हो चुका है. मंदिर प्रशासन के निर्णय के बाद सोमवार शाम से मंदिर में भक्तों का गर्भ गृह प्रवेश शुरू कर दिया गया.

मंदिर प्रशासन की तरफ से बताया गया है कि भक्तों की यह मांग थी कि बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में उनको सीधे जल चढ़ाने और दूध चढ़ाने की अनुमति दी जाए. इसको देखते हुए मंदिर में गर्भगृह के अंदर एक बार में 5 भक्तों का प्रवेश शुरू कर दिया गया है. बाबा विश्वनाथ के मुख्य विग्रह के चारों ओर ऊंचा कटघरा लगाया गया है और इस कटघरे में ही भक्त बिना बाबा विश्वनाथ को स्पर्श किए दूध और जल चढ़ा सकते हैं.

मंदिर के दोनों प्रवेश द्वार पर सिक्योरिटी की तैनाती भी की गई है, ताकि एक बार में 5 लोगों से ज्यादा का प्रवेश गर्भगृह में न हो और भीड़ न लगे. बिना स्पर्श और बिना किसी तरह के प्रसाद के मंदिर के अंदर प्रवेश की अनुमति भक्तों को दी गई है. लगभग 170 दिन के बाद बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में भक्तों को प्रवेश दिया जा रहा है. 7 जून से शुरू हुए बाबा विश्वनाथ की झांकी दर्शन के दौरान भक्तों को बाहर मौजूद पात्र में ही जल चढ़ाने की अनुमति थी, लेकिन अब भक्त सीधे गर्भगृह में प्रवेश कर बाबा को जल या दूध चढ़ा सकेंगे.

वाराणसी: कोविड-19 का असर भले ही बढ़ रहा हो, लेकिन अब प्रदेश सरकार धीरे-धीरे सभी चीजों को सामान्य कर रही है. इसी क्रम में 21 मार्च से बंद हुए श्री काशी विश्वनाथ के मंदिर को 7 जून को झांकी दर्शन के साथ खोला गया और अब बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में भक्तों का प्रवेश भी शुरू हो चुका है. मंदिर प्रशासन के निर्णय के बाद सोमवार शाम से मंदिर में भक्तों का गर्भ गृह प्रवेश शुरू कर दिया गया.

मंदिर प्रशासन की तरफ से बताया गया है कि भक्तों की यह मांग थी कि बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में उनको सीधे जल चढ़ाने और दूध चढ़ाने की अनुमति दी जाए. इसको देखते हुए मंदिर में गर्भगृह के अंदर एक बार में 5 भक्तों का प्रवेश शुरू कर दिया गया है. बाबा विश्वनाथ के मुख्य विग्रह के चारों ओर ऊंचा कटघरा लगाया गया है और इस कटघरे में ही भक्त बिना बाबा विश्वनाथ को स्पर्श किए दूध और जल चढ़ा सकते हैं.

मंदिर के दोनों प्रवेश द्वार पर सिक्योरिटी की तैनाती भी की गई है, ताकि एक बार में 5 लोगों से ज्यादा का प्रवेश गर्भगृह में न हो और भीड़ न लगे. बिना स्पर्श और बिना किसी तरह के प्रसाद के मंदिर के अंदर प्रवेश की अनुमति भक्तों को दी गई है. लगभग 170 दिन के बाद बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में भक्तों को प्रवेश दिया जा रहा है. 7 जून से शुरू हुए बाबा विश्वनाथ की झांकी दर्शन के दौरान भक्तों को बाहर मौजूद पात्र में ही जल चढ़ाने की अनुमति थी, लेकिन अब भक्त सीधे गर्भगृह में प्रवेश कर बाबा को जल या दूध चढ़ा सकेंगे.

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