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अब आयी याद ...समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा ने शुरू की आजम खान की रिहाई की मांग

कई संगठनों ने समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष जमील अहमद के नेतृत्व में रविवार को मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और राज्यपाल को संबोधित पत्रक सौंपा.

समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा ने शुरू की आजम खान की रिहाई की मांग
समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा ने शुरू की आजम खान की रिहाई की मांग
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Published : Aug 9, 2021, 7:07 PM IST

चंदौली : विधानसभा चुनाव नजदीक है. ऐसे में नेताओं को अब सपा सांसद आजम खान व उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम की रिहाई की याद आने लगी है. इसी क्रम में कई संगठनों ने समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष जमील अहमद के नेतृत्व में रविवार को मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और राज्यपाल को संबोधित पत्रक सौंपा.

इस दौरान सपा नेता जमील अहमद ने कहा कि कोरोना काल में महामारी को देखते हुए एक तरफ जहां सरकार अपराधियों को पेरोल पर छोड़ रही है, वहीं सांसद आजम खान मामले में सरकार को उनके स्वास्थ्य को देखते हुए रिहा कर देना चाहिए.

यह भी पढ़ें : मुलायम को मुल्ला कहलाने में भी दिक्कत नहीं थी तो अखिलेश अब्बाजान पर क्यों बिफरे : मोहसिन रजा

जेल में बंद होने से ही उनकी तबियत बिगड़ रही है. उनका निजी अस्पताल में इलाज कराया जा रहा है. सरकार इस मामले में हस्तक्षेप कर पेरोल में बाधक बन रही है. उन्होंने कहा कि साजिश के तहत आजम खान को फंसाया गया है.

उन्होंने छात्र-छात्राओं के लिए मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी बनवाई. इसके अलावा जिला अस्पताल की बिल्डिंग समेत जिले में बड़ी-बड़ी इमारतें भी तामीर करवाईं. नगर की सड़कें हों या फिर देहात की सड़कें, उन्होंने लोगों की सुविधाओं के लिए काम किया. यदि सूबे की योगी सरकार ने उन्हें जल्द रिहा नहीं किया तो इसके खिलाफ हम बड़े आंदोलन को बाध्य होंगे.

चंदौली : विधानसभा चुनाव नजदीक है. ऐसे में नेताओं को अब सपा सांसद आजम खान व उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम की रिहाई की याद आने लगी है. इसी क्रम में कई संगठनों ने समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष जमील अहमद के नेतृत्व में रविवार को मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और राज्यपाल को संबोधित पत्रक सौंपा.

इस दौरान सपा नेता जमील अहमद ने कहा कि कोरोना काल में महामारी को देखते हुए एक तरफ जहां सरकार अपराधियों को पेरोल पर छोड़ रही है, वहीं सांसद आजम खान मामले में सरकार को उनके स्वास्थ्य को देखते हुए रिहा कर देना चाहिए.

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जेल में बंद होने से ही उनकी तबियत बिगड़ रही है. उनका निजी अस्पताल में इलाज कराया जा रहा है. सरकार इस मामले में हस्तक्षेप कर पेरोल में बाधक बन रही है. उन्होंने कहा कि साजिश के तहत आजम खान को फंसाया गया है.

उन्होंने छात्र-छात्राओं के लिए मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी बनवाई. इसके अलावा जिला अस्पताल की बिल्डिंग समेत जिले में बड़ी-बड़ी इमारतें भी तामीर करवाईं. नगर की सड़कें हों या फिर देहात की सड़कें, उन्होंने लोगों की सुविधाओं के लिए काम किया. यदि सूबे की योगी सरकार ने उन्हें जल्द रिहा नहीं किया तो इसके खिलाफ हम बड़े आंदोलन को बाध्य होंगे.

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