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वाराणसी: कोरोना महामारी की शांति के लिए दंडी संन्यासियों ने किया हनुमान चालीसा का पाठ

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दंडी संन्यासियों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया. इस दौरान दंडी संन्यासियों ने विश्व शांति और कोरोना प्रकोप की समाप्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की.

dandi saints recite hanuman chalisa
काशी के दंडी संन्यासियों ने किया हनुमान चालीसा का पाठ.
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Published : May 24, 2020, 8:49 PM IST

वाराणसी: काशी के दंडी संन्यासियों ने 21 बार सस्वर हनुमान चालीसा का पाठ करके विश्व शांति और कोरोना के प्रकोप को समाप्त करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की. भारतीय जनता पार्टी प्रबुद्ध प्रकोष्ठ के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में दंडी संन्यासियों ने विश्व शांति के लिए हनुमान चालीसा और शांति पाठ का वाचन किया.

प्रबुद्ध प्रकोष्ठ काशी क्षेत्र के संयोजक डॉ. सुनील मिश्रा ने बताया कि जब भौतिक शक्तियां असफल होती हैं, तब अध्यात्मिक शक्तियों का सहारा लिया जाता है. आज काशी के संतों ने अध्यात्मिक शक्ति को जागृत करने का प्रयास किया है, जो इस महामारी की समाप्ति में कारगर होगा. संतों द्वारा किए गए इस प्रयास से वातावरण में परिवर्तन होगा, जो कि एक सकारात्मक ऊर्जा से न सिर्फ भारत को बल्कि पूरे विश्व को प्रभावित करेगा.

कार्यक्रम के संयोजक दिव्यांग बंधु डॉ. उत्तम ओझा ने बताया कि काशी के संतों की प्रार्थना निष्फल नहीं जाएगी. इनके परिणाम हमें अवश्य दिखाई देंगे. हनुमानजी के मंत्र से भारत ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व से मानव जाति की पीड़ा दूर होगी. उन्होंने कहा कि भौतिक शक्तियां आज पूरी तरह परास्त हो चुकी हैं और अध्यात्म की शरण ले रही हैं. कुछ दिन पूर्व अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने भी व्हाइट हाउस में शांति पाठ कराया था.

ये भी पढ़ें- बीएचयू कुलपति का नहीं है कोई फेसबुक अकाउंट, फैलाया जा रहा भ्रम

वाराणसी: काशी के दंडी संन्यासियों ने 21 बार सस्वर हनुमान चालीसा का पाठ करके विश्व शांति और कोरोना के प्रकोप को समाप्त करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की. भारतीय जनता पार्टी प्रबुद्ध प्रकोष्ठ के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में दंडी संन्यासियों ने विश्व शांति के लिए हनुमान चालीसा और शांति पाठ का वाचन किया.

प्रबुद्ध प्रकोष्ठ काशी क्षेत्र के संयोजक डॉ. सुनील मिश्रा ने बताया कि जब भौतिक शक्तियां असफल होती हैं, तब अध्यात्मिक शक्तियों का सहारा लिया जाता है. आज काशी के संतों ने अध्यात्मिक शक्ति को जागृत करने का प्रयास किया है, जो इस महामारी की समाप्ति में कारगर होगा. संतों द्वारा किए गए इस प्रयास से वातावरण में परिवर्तन होगा, जो कि एक सकारात्मक ऊर्जा से न सिर्फ भारत को बल्कि पूरे विश्व को प्रभावित करेगा.

कार्यक्रम के संयोजक दिव्यांग बंधु डॉ. उत्तम ओझा ने बताया कि काशी के संतों की प्रार्थना निष्फल नहीं जाएगी. इनके परिणाम हमें अवश्य दिखाई देंगे. हनुमानजी के मंत्र से भारत ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व से मानव जाति की पीड़ा दूर होगी. उन्होंने कहा कि भौतिक शक्तियां आज पूरी तरह परास्त हो चुकी हैं और अध्यात्म की शरण ले रही हैं. कुछ दिन पूर्व अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने भी व्हाइट हाउस में शांति पाठ कराया था.

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