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सेफ सिटी योजना: महिलाएं बनेंगी निडर, शोहदों में होगा डर

उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं को शत-प्रतिशत सुरक्षा का भरोसा दिलाने के लिए सेफ सिटी योजना को संचालित करने का निर्णय लिया है. सेफ सिटी योजना के तहत 309.43 करोड़ रुपये का बजट पास कर महिला सुरक्षा के लिए पिंक बूथ, बसों में सीसीटीवी कैमरे और पैनिक बटन समेत अन्य आधुनिक सुविधाएं मुहैया करायी जाएंगी. इससे शोहदों पर भी लगाम लगेगा.

वाराणसी में लागू होगी  सेफ सिटी योजना
वाराणसी में लागू होगी सेफ सिटी योजना
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Published : Jul 17, 2021, 11:06 PM IST

वाराणसी: महिला अपराध (Women Crime) में लगातार वृद्धि चिंता का विषय है. इस पर लगाम लगाने के लिए केंद्र की मोदी (Pm Modi) व राज्य की योगी सरकार (Yogi Government) ने महिला सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई योजनाएं संचालित की हैं. महिलाओं में और सुरक्षा की भावना बढ़े इसके लिए सीएम योगी ने 'सेफ सिटी योजना' (Safe City Yojna) को संचालित करने का निर्णय लिया है. आपको बता दें कि पहले चरण में इस योजना को राजधानी लखनऊ के साथ अन्य 17 शहरों में लागू किया गया था. अब दूसरे चरण में वाराणसी, आगरा, गोरखपुर, गौतमबुद्ध नगर और प्रयागराज में सेफ सिटी योजना का संचालन किया जाएगा. इसके लिए सरकार ने 309.43 करोड़ रुपये का बजट पास किया है. बता दें कि अब सेफ सिटी के तहत महिला सुरक्षा के लिए पिंक बूथ (Pink Booth), बसों में सीसीटीवी (CCTV) कैमरे व पैनिक बटन समेत अन्य आधुनिक सुविधाएं मुहैया करायी जाएगी.

वाराणसी में लागू होगी सेफ सिटी योजना
सेफ सिटी योजना निर्भया फंड (Nirbhaya Fund) केंद्र सरकार की योजना है. केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने निर्भया कोष से यह धनराशि मंजूर की है. इस योजना में केंद्र सरकार का सहयोग 60 प्रतिशत का होगा, जबकि 40 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार को खर्च करनी होगी. मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के 18 शहरों में यह योजना लागू की जा चुकी है. अब इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी लागू किया जाएगा. दूसरे चरण में इस योजना को लागू करने के लिए आगरा को 4.98 करोड़ रुपये, गोरखपुर को 32. 45 करोड़ रुपये, गौतमबुद्ध नगर को 132 करोड़ रुपये, प्रयागराज को 90 करोड़ और वाराणसी में इस योजना को संचालित करने के लिए 50 करोड़ रुपये का फंड निर्धारित किया गया है.
बनारस
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बताते चलें कि पूर्व में सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में नगर निगम क्षेत्रों में महिला सुरक्षा के खातिर सेफ सिटी योजना लागू करने पर सहमति बनी थी. इस परियोजना का खाका तैयार करने का जिम्मा मंडलायुक्त को दिया गया, जबकि पहले यह खाका पुलिस विभाग के द्वारा तैयार किया जा रहा था. इस योजना को यूपी सरकार ने अपने अंतिम बजट में शामिल भी किया है. वाराणसी निवासी सांभवी गिरी कहती हैं कि सेफ सिटी योजना सरकार की अच्छी योजना है. इससे हमें सुरक्षा की भावना का अहसास होता है. हम दिन या रात में खुले माहौल में कहीं भी आ जा सकते हैं. कड़ी सुरक्षा के बीच लड़कियां खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी.

बनारस
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इसे भी पढ़ें-पीएम बोले- यूपी में कानून का राज, आंकड़ों में 'चीख रहा अपराध'


मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल (Divisional Commissioner Deepak Agarwal) ने बताया कि वाराणसी में करीब 50 करोड़ की लागत से सेफ्टी प्रोजेक्ट को तैयार किया गया है. इसके लिए शहर के प्रमुख स्थानों पर 160 कैमरे नजर रखेंगे. प्रोजेक्ट के तहत स्कूल और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर बूथ स्थापित किए जाएंगे. जहां दो महिला कर्मचारियों की तैनाती होगी. बूथ में वर्क स्टेशन के साथ ही रहने की भी व्यवस्था होगी. उन्होंने बताया कि शहर में महिलाओं के लिए 50 अत्याधुनिक टॉयलट का निर्माण होगा. यह ऐसी जगह बनाए जाएंगे, जहां महिलाओं का आवागमन सबसे ज्यादा हो. शहर में जीपीएस सिस्टम से लैस 15 पिंक वैन मौजूद होंगी. गलियों तक पहुंचने के लिए हर थाने पर दो पिंक स्कूटर रहेंगी. जिस पर दो महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी. उन्होंने बताया कि नगर निगम, वाराणसी विकास प्राधिकरण (Varanasi Development authority) और पुलिस की मदद से पिंक बोट वाराणसी के गंगा में पेट्रोलिंग करती रहेंगी. उसमें फर्स्ट एड, लाइफ जैकेट जैसे जीवन रक्षक उपकरण भी मौजूद रहेंगे. इसमें महिला पुलिसकर्मी मौजूद रहेंगी. इन नौकाओं में भी जीपीएस सिस्टम होगा. इसके साथ ही रेलवे स्टेशन और रोडवेज के पास वीमेन शेल्टर होम होगा, जिससे शहर में आने वाली गरीब महिलाएं वहां ठहर सकें.

इसे भी पढ़ें-जिन महिलाओं के साथ हुई थी अभद्रता, उनसे मिलीं प्रियंका, योगी और मोदी पर साधा निशाना


सिटी बसों में लगेंगे पैनिक बटन, चौराहे पर होगी कियोस्क टीम

कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि मिशन शक्ति (Mission Shakti) के तहत ही थानों में हेल्प डेस्क खोला गया था और अब सेफ सिटी में महिलाओं की सुरक्षा के लिए सुविधाओं को ज्यादा विस्तारित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि सेफ सिटी के तहत सिटी बसों में सीसीटीवी कैमरे और पैनिक बटन लगाए जाएंगे. किसी भी परिस्थिति में महिला बटन दबा कर कंट्रोल रूम से जुड़ सकती हैं. इससे सीधे सूचना कंट्रोल रूम को मिल जाएगी. उन्होंने बताया कि पैनिक बटन की खासियत यह होगी कि इसमें बोलकर महिला अपनी समस्या रिकॉर्ड कर सकेंगी, जिसे कंट्रोल रूम पर नोट कर लिया जाएगा. बटन के पास कैमरा भी लगा होगा जो सीधे कंट्रोल रूम से जुड़ा होगा. इसके साथ ही प्रमुख चौराहे पर कियोस्क लगाए जाएंगे, जहां महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा. जरूरत पड़ने पर महिलाएं उनसे मदद मांग सकती हैं. कमिश्नर ने बताया कि सिर्फ सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर के डार्क जोन को चिन्हित कर उसे समाप्त किया जाएगा. वहां पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था होगी, ताकि महिलाएं निडर होकर रात में भी घरों से निकल सकें.

वाराणसी: महिला अपराध (Women Crime) में लगातार वृद्धि चिंता का विषय है. इस पर लगाम लगाने के लिए केंद्र की मोदी (Pm Modi) व राज्य की योगी सरकार (Yogi Government) ने महिला सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई योजनाएं संचालित की हैं. महिलाओं में और सुरक्षा की भावना बढ़े इसके लिए सीएम योगी ने 'सेफ सिटी योजना' (Safe City Yojna) को संचालित करने का निर्णय लिया है. आपको बता दें कि पहले चरण में इस योजना को राजधानी लखनऊ के साथ अन्य 17 शहरों में लागू किया गया था. अब दूसरे चरण में वाराणसी, आगरा, गोरखपुर, गौतमबुद्ध नगर और प्रयागराज में सेफ सिटी योजना का संचालन किया जाएगा. इसके लिए सरकार ने 309.43 करोड़ रुपये का बजट पास किया है. बता दें कि अब सेफ सिटी के तहत महिला सुरक्षा के लिए पिंक बूथ (Pink Booth), बसों में सीसीटीवी (CCTV) कैमरे व पैनिक बटन समेत अन्य आधुनिक सुविधाएं मुहैया करायी जाएगी.

वाराणसी में लागू होगी सेफ सिटी योजना
सेफ सिटी योजना निर्भया फंड (Nirbhaya Fund) केंद्र सरकार की योजना है. केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने निर्भया कोष से यह धनराशि मंजूर की है. इस योजना में केंद्र सरकार का सहयोग 60 प्रतिशत का होगा, जबकि 40 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार को खर्च करनी होगी. मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के 18 शहरों में यह योजना लागू की जा चुकी है. अब इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी लागू किया जाएगा. दूसरे चरण में इस योजना को लागू करने के लिए आगरा को 4.98 करोड़ रुपये, गोरखपुर को 32. 45 करोड़ रुपये, गौतमबुद्ध नगर को 132 करोड़ रुपये, प्रयागराज को 90 करोड़ और वाराणसी में इस योजना को संचालित करने के लिए 50 करोड़ रुपये का फंड निर्धारित किया गया है.
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बताते चलें कि पूर्व में सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में नगर निगम क्षेत्रों में महिला सुरक्षा के खातिर सेफ सिटी योजना लागू करने पर सहमति बनी थी. इस परियोजना का खाका तैयार करने का जिम्मा मंडलायुक्त को दिया गया, जबकि पहले यह खाका पुलिस विभाग के द्वारा तैयार किया जा रहा था. इस योजना को यूपी सरकार ने अपने अंतिम बजट में शामिल भी किया है. वाराणसी निवासी सांभवी गिरी कहती हैं कि सेफ सिटी योजना सरकार की अच्छी योजना है. इससे हमें सुरक्षा की भावना का अहसास होता है. हम दिन या रात में खुले माहौल में कहीं भी आ जा सकते हैं. कड़ी सुरक्षा के बीच लड़कियां खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी.

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मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल (Divisional Commissioner Deepak Agarwal) ने बताया कि वाराणसी में करीब 50 करोड़ की लागत से सेफ्टी प्रोजेक्ट को तैयार किया गया है. इसके लिए शहर के प्रमुख स्थानों पर 160 कैमरे नजर रखेंगे. प्रोजेक्ट के तहत स्कूल और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर बूथ स्थापित किए जाएंगे. जहां दो महिला कर्मचारियों की तैनाती होगी. बूथ में वर्क स्टेशन के साथ ही रहने की भी व्यवस्था होगी. उन्होंने बताया कि शहर में महिलाओं के लिए 50 अत्याधुनिक टॉयलट का निर्माण होगा. यह ऐसी जगह बनाए जाएंगे, जहां महिलाओं का आवागमन सबसे ज्यादा हो. शहर में जीपीएस सिस्टम से लैस 15 पिंक वैन मौजूद होंगी. गलियों तक पहुंचने के लिए हर थाने पर दो पिंक स्कूटर रहेंगी. जिस पर दो महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी. उन्होंने बताया कि नगर निगम, वाराणसी विकास प्राधिकरण (Varanasi Development authority) और पुलिस की मदद से पिंक बोट वाराणसी के गंगा में पेट्रोलिंग करती रहेंगी. उसमें फर्स्ट एड, लाइफ जैकेट जैसे जीवन रक्षक उपकरण भी मौजूद रहेंगे. इसमें महिला पुलिसकर्मी मौजूद रहेंगी. इन नौकाओं में भी जीपीएस सिस्टम होगा. इसके साथ ही रेलवे स्टेशन और रोडवेज के पास वीमेन शेल्टर होम होगा, जिससे शहर में आने वाली गरीब महिलाएं वहां ठहर सकें.

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सिटी बसों में लगेंगे पैनिक बटन, चौराहे पर होगी कियोस्क टीम

कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि मिशन शक्ति (Mission Shakti) के तहत ही थानों में हेल्प डेस्क खोला गया था और अब सेफ सिटी में महिलाओं की सुरक्षा के लिए सुविधाओं को ज्यादा विस्तारित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि सेफ सिटी के तहत सिटी बसों में सीसीटीवी कैमरे और पैनिक बटन लगाए जाएंगे. किसी भी परिस्थिति में महिला बटन दबा कर कंट्रोल रूम से जुड़ सकती हैं. इससे सीधे सूचना कंट्रोल रूम को मिल जाएगी. उन्होंने बताया कि पैनिक बटन की खासियत यह होगी कि इसमें बोलकर महिला अपनी समस्या रिकॉर्ड कर सकेंगी, जिसे कंट्रोल रूम पर नोट कर लिया जाएगा. बटन के पास कैमरा भी लगा होगा जो सीधे कंट्रोल रूम से जुड़ा होगा. इसके साथ ही प्रमुख चौराहे पर कियोस्क लगाए जाएंगे, जहां महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा. जरूरत पड़ने पर महिलाएं उनसे मदद मांग सकती हैं. कमिश्नर ने बताया कि सिर्फ सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर के डार्क जोन को चिन्हित कर उसे समाप्त किया जाएगा. वहां पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था होगी, ताकि महिलाएं निडर होकर रात में भी घरों से निकल सकें.

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