वाराणसी : काशी चल रहे संस्कृति संसद में हिस्सा लेने के लिए शनिवार को साध्वी ऋतंभरा भी पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने सनातन धर्म पर किए जा रहे हमले और विपक्ष के नेताओं पर जमकर भड़ास निकाली. साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि सनातन के खिलाफ जो लोग बोल रहे हैं, उन्हें समझना चाहिए कि सनातन न तो कंस की हुंकार से मिटा और न ही रावण की तलवार से. विपक्ष को लेकर कहा कि अगर वे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में आते हैं तो अच्छी बात है, क्योंकि पापी ही भगवान की शरण में आते हैं.
वोटों के लिए बयानबाजी करना गलत बात है : साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि इस देश के अंदर हिंदू समाज की उदारता के बदले लोग हमारे धर्म पर टिप्पणी कर रहे हैं. हम अपने धर्म की निष्ठा और आस्था को सुदृढ़ करके रखें. जो राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं, उनको नहीं पता कि वह कितना बड़ा पाप कर रहे हैं. सनातन धर्म ऐसा है कि जो चींटी से ब्रह्मा तक एक ही चेतना का दर्शन करता है. यह धरती सनातन की वजह से सब के लिए आंचल की छाया बनी है. यहूदियों ने हर जगह मार खाई, हर जगह से खदेड़ा गया. जब वह भारत की भूमि पर आए तो उनका किसी ने बाल भी नहीं बांका किया. सहारा देना, सबको समेटना और संभाल लेना हमारे संस्कारों में है. वह सनातन जो हमें नर से नारायण बनाता है. उसके लिए अनर्गल प्रलाप सिर्फ वोटों के लिए करना यह दुर्भाग्यपूर्ण है.
सनातन का विरोध करने वाले पापी : साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि जब चुनाव आता है तो बहुत से नेता ड्रामेबाजी करने लगते हैं. आपके हृदय में जो होगा वह बाहर आएगा. राजनीति के लिए कोई विरोध करें और कोई पक्ष में खड़ा हो यह उचित नहीं है. सनातन पानी का बहुत बड़ा जहाज है, जितना पानी के ऊपर है, उससे ज्यादा पानी के अंदर भी है. वहीं राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में विपक्ष के नेताओं के शामिल होने की तैयारी पर साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि अच्छा है कि जितने भी पापी हैं, अगर वह भगवान की शरण में आएंगे तो अच्छा होगा. अगर जनता को मूर्ख समझ कर इस तरह का ड्रामा किया जा रहा है तो यह उचित नहीं है. जो राम को नकारे, जो सनातन को गाली दे, वह पापी है. मैं तो इतना जानती हूं की बहरूपिया कोई भी रूप धारण कर सकता है.
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