वाराणसी: अखिल भारतीय अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी कल्याण एसोसिएशन ने सोमवार को रन फॉर अंबेडकर कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह था कि पूरा देश 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस के रुप में मनाता है, जबकि 1 अप्रैल विद्वान दिवस के रूप में मनाते हैं.
लोकसभा चुनाव के चलते चुनाव आयोग आचार संहिता को लेकर कड़ा रुख अपनाए हुए है. इसी को देखते हुए विभिन्न दल अपने वोटरों को लुभाने के लिए इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं, जिससे बिना आचार संहिता के उल्लंघन के बाद भी वोटरों को अपनी ओर केंद्रित कर सकें या खींच सकें. भाजपा ने भी मोदी रन के माध्यम से लोगों को भारतीय जनता पार्टी से जोड़ने के लिए एक कार्यक्रम किया था, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोग बीजेपी के साथ जुड़ सकें.
इस संबंध में अखिल भारतीय अनुसूचित जनजाति व जनजाति कर्मचारी कल्याण एसोसिएशन के जिला महामंत्री गोपाल प्रबुद्ध ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत की. उन्होंने बताया कि वह 1 अप्रैल मूर्ख दिवस के रूप में नहीं मनाते, जबकि वह 1 अप्रैल को विद्वान दिवस के रूप में मनाते हैं. डॉ भीमराव अंबेडकर उनके आदर्श हैं और उन्हीं के आदर्शों पर वह लोग आगे की ओर बढ़ रहे हैं.
कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि गौतम बुद्ध जिस तरीके से समाज में समरसता की भावना को फैलाने की बात करते हैं वही हम लोगों तक पहुंचाने की बात कर रहे हैं. देवेश्वर में बिना आचार संहिता के उल्लंघन किए लोग अपने वोटरों को लुभाने का भरसक प्रयास जारी रखे हुए हैं.