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वाराणसी: आचार संहिता का उल्लंघन किए बिना वोटरों को साध रही पार्टियां

पूरे कार्यक्रम में डॉ. भीमराव आंबेडकर की फोटो लगी टीशर्ट और कैप पहने लोग नजर आए. कहीं ना कहीं बहुजन समाज पार्टी की भी झलक इस पूरे कार्यक्रम में दिख रही थी.

वाराणसी में रन फॉर अंबेडकर कार्यक्रम का आयोजन.
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Published : Apr 1, 2019, 11:05 PM IST

वाराणसी: अखिल भारतीय अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी कल्याण एसोसिएशन ने सोमवार को रन फॉर अंबेडकर कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह था कि पूरा देश 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस के रुप में मनाता है, जबकि 1 अप्रैल विद्वान दिवस के रूप में मनाते हैं.


लोकसभा चुनाव के चलते चुनाव आयोग आचार संहिता को लेकर कड़ा रुख अपनाए हुए है. इसी को देखते हुए विभिन्न दल अपने वोटरों को लुभाने के लिए इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं, जिससे बिना आचार संहिता के उल्लंघन के बाद भी वोटरों को अपनी ओर केंद्रित कर सकें या खींच सकें. भाजपा ने भी मोदी रन के माध्यम से लोगों को भारतीय जनता पार्टी से जोड़ने के लिए एक कार्यक्रम किया था, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोग बीजेपी के साथ जुड़ सकें.

वाराणसी में रन फॉर अंबेडकर कार्यक्रम का आयोजन.


इस संबंध में अखिल भारतीय अनुसूचित जनजाति व जनजाति कर्मचारी कल्याण एसोसिएशन के जिला महामंत्री गोपाल प्रबुद्ध ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत की. उन्होंने बताया कि वह 1 अप्रैल मूर्ख दिवस के रूप में नहीं मनाते, जबकि वह 1 अप्रैल को विद्वान दिवस के रूप में मनाते हैं. डॉ भीमराव अंबेडकर उनके आदर्श हैं और उन्हीं के आदर्शों पर वह लोग आगे की ओर बढ़ रहे हैं.

कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि गौतम बुद्ध जिस तरीके से समाज में समरसता की भावना को फैलाने की बात करते हैं वही हम लोगों तक पहुंचाने की बात कर रहे हैं. देवेश्वर में बिना आचार संहिता के उल्लंघन किए लोग अपने वोटरों को लुभाने का भरसक प्रयास जारी रखे हुए हैं.

वाराणसी: अखिल भारतीय अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी कल्याण एसोसिएशन ने सोमवार को रन फॉर अंबेडकर कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह था कि पूरा देश 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस के रुप में मनाता है, जबकि 1 अप्रैल विद्वान दिवस के रूप में मनाते हैं.


लोकसभा चुनाव के चलते चुनाव आयोग आचार संहिता को लेकर कड़ा रुख अपनाए हुए है. इसी को देखते हुए विभिन्न दल अपने वोटरों को लुभाने के लिए इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं, जिससे बिना आचार संहिता के उल्लंघन के बाद भी वोटरों को अपनी ओर केंद्रित कर सकें या खींच सकें. भाजपा ने भी मोदी रन के माध्यम से लोगों को भारतीय जनता पार्टी से जोड़ने के लिए एक कार्यक्रम किया था, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोग बीजेपी के साथ जुड़ सकें.

वाराणसी में रन फॉर अंबेडकर कार्यक्रम का आयोजन.


इस संबंध में अखिल भारतीय अनुसूचित जनजाति व जनजाति कर्मचारी कल्याण एसोसिएशन के जिला महामंत्री गोपाल प्रबुद्ध ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत की. उन्होंने बताया कि वह 1 अप्रैल मूर्ख दिवस के रूप में नहीं मनाते, जबकि वह 1 अप्रैल को विद्वान दिवस के रूप में मनाते हैं. डॉ भीमराव अंबेडकर उनके आदर्श हैं और उन्हीं के आदर्शों पर वह लोग आगे की ओर बढ़ रहे हैं.

कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि गौतम बुद्ध जिस तरीके से समाज में समरसता की भावना को फैलाने की बात करते हैं वही हम लोगों तक पहुंचाने की बात कर रहे हैं. देवेश्वर में बिना आचार संहिता के उल्लंघन किए लोग अपने वोटरों को लुभाने का भरसक प्रयास जारी रखे हुए हैं.

Intro:एंकर: अखिल भारतीय अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी कल्याण एसोसिएशन ने आज वाराणसी के कचहरी स्थित अंबेडकर स्मारक के पास रन फॉर अंबेडकर कार्यक्रम का आयोजन किया कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह था कि पूरा देश 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस के रुप में मनाता है जबकि 1 अप्रैल विद्वान दिवस के रूप में हम लोग मनाते हैं हालांकि पूरे कार्यक्रम में अंबेडकर की फोटो लगी टीशर्ट और कैप पहन के लोग नजर तो आए लेकिन कहीं ना कहीं बीएसपी बहुजन समाजवादी पार्टी की भी झलक इस पूरे कार्यक्रम में दिख रही थी


Body:वीओ: दरअसल आपको बताते चले कि आज बीजेपी ने भी मोदी रन के माध्यम से लोगों को भारतीय जनता पार्टी से जुड़ा के लिए एक कार्यक्रम रखा था जिससे कि लोग ज्यादा से ज्यादा बीजेपी के साथ जुड़ सके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फिर से प्रधानमंत्री बना सके दरअसल जिस तरीके से चुनाव आयोग आचार संहिता को लेकर के कड़ा रुख अपनाए हुए हैं इसी को देखते हुए विभिन्न दल अपने वोटरों को लुभाने के लिए इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है जिससे बिना आचार संहिता के उल्लंघन के बाद भी वोटरों को अपनी ओर केंद्रित कर सके या खींच सकें


Conclusion:वीओ: वही आपको बताते चलें कि अखिल भारतीय अनुसूचित जनजाति व जनजाति कर्मचारी कल्याण एसोसिएशन के लोगों का तो कहना है कि हम 1 अप्रैल मूर्ख दिवस के रूप में नहीं मनाते जबकि हम 1 अप्रैल को विद्वान दिवस के रूप में मनाते हैं क्योंकि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर हमारे आदर्श हैं और उन्हीं के आदर्शों पर हम आगे की ओर बढ़ रहे हैं वहीं कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि गौतम बुद्ध जिस तरीके से समाज में समरसता की भावना को फैलाने की बात करते हैं वही हम लोगों तक पहुंचाने की बात कर रहे हैं देवेश्वर में बिना आचार संहिता के उल्लंघन किए लोग अपने वोटरों को लुभाने का भरसक प्रयास जारी रखे हुए हैं
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