वाराणसी: सावन के पावन महीने में बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर उनका जलाभिषेक करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है. इस बार कोरोना वायरस के चलते कांवड़ियों के आने पर रोक लगा दी गई है. विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने सावन को लेकर कड़ी तैयारियां शुरू कर दी हैं. बांस-बल्लियां लगनी शुरू हो गई हैं. इस बार बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने आने वाले दर्शनार्थियों को नियमों के पालन के तहत ही मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा.
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी गौरांग राठी ने बताया कि सावन माह में बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं. इस बार सावन में कुल 5 सोमवार पड़ रहे हैं और सावन के सोमवार पर बाबा विश्वनाथ मंदिर में विशेष पूजन अर्चन करने का विधान है. कोविड-19 के चलते इस बार दर्शन पूजन पिछले सालों के दर्शन पूजन से अलग होगा.
बिना मास्क के मंदिर में नहीं मिलेगी एंट्री
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी का कहना है कि भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार श्रद्धालुओं को दर्शन से पूर्व मास्क पहनना अनिवार्य होगा. बिना मास्क के मंदिर में प्रवेश किसी हाल में नहीं दिया जाएगा. श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अवश्य करना होगा. इसके साथ ही मंदिर में प्रवेश से पहले अपने हाथों को सैनिटाइज भी कराना पड़ेगा. सभी श्रद्धालुओं की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी. स्कैनिंग में पूरी तरह से फिट होने के बाद श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश मिलेगा. यदि थर्मल स्कैनिंग में टेंप्रेचर अधिक आता है तो उन्हें हेल्प डेस्क की मदद से मेडिकल हेल्प देकर अलग से जांच प्रक्रिया भी कराई जाएगी.
मंदिर में प्रवेश के लिए बनाए गए अलग-अलग रूट
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी का कहना है कि श्रद्धालुओं के दर्शन पूजन को सुगम बनाने के लिए मंदिर प्रशासन की तरफ से अलग-अलग रूट निर्धारित किए गए हैं. इसमें प्रवेश और निकासी की अलग-अलग व्यवस्था होगी. मैदागिन की ओर से आने वाली भीड़ को पांचों पांडवा प्रवेश द्वार से होते हुए रानी भवानी उत्तरी गेट से जाकर मंदिर के गर्भ गृह तक प्रवेश दिया जाएगा. वहीं दशाश्वमेध घाट गोदौलिया के तरफ से आने वाले श्रद्धालु बांस फाटक ढुंडीराज गणेश अन्नपूर्णा मंदिर होते हुए मंदिर में प्रवेश करेंगे. दक्षिणी गेट पर दर्शन करते हुए मंदिर से बाहर निकल जाएंगे.
मंदिर में नहीं जाएगा कोई भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कहा कि भक्तों के लिए तीसरा रूट गेट नंबर चार यानी छत्ताद्वार होगा. यहां से श्रद्धालु प्रवेश करने के बाद ज्ञानवापी मस्जिद के किनारे से होते हुए बद्रीनाथ प्रवेश द्वार से गर्भ गृह तक जाएंगे और बाबा के झांकी दर्शन कर सकेंगे. कोरोना संक्रमण को देखते हुए श्रद्धालुओं को जूते चप्पल अपने वाहन में ही या मंदिर से दूर सुरक्षित स्थान पर रखने की अपील की जा रही है. पेन, मोबाइल, घड़ी किसी भी प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक गैजेट मंदिर में नहीं जाएगा. श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए मंदिर परिसर में हर 6 घंटे में सैनिटाइजेशन कराया जाएगा और अनाउंसमेंट सिस्टम से भी आने वाले श्रद्धालुओं को नियमों की जानकारी अवगत कराई जाएगी.
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी का कहना है कि बाबा विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश के साथ ही अलग-अलग जोन में बांटकर श्रद्धालुओं को होने वाली असुविधा से बचाने की व्यवस्था इस बार सामान्य की गई है. कांवड़ियों के आने पर रोक लगाई गई है, लेकिन दर्शन पूजन करने आने वाले देश विदेश के श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई दिक्कत परेशानी न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा.
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