वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. जहां एक तरफ छेड़खानी के मामले आ रहे थे. वहीं अब एक बार फिर तीन साल पहले आरोपित प्रोफेसर को बर्खास्त करने की मांग उठी. वहीं दूसरी तरफ सर सुंदरलाल चिकित्सालय में डॉक्टरों ने मरीज को अनदेखा किया. छात्रों के साथ डॉक्टर ने बदतमीजी की.
बीएचयू प्रशासन के खिलाफ की जमकर नारेबाजी-
- छात्रों ने सर सुंदरलाल चिकित्सालय के इमरजेंसी वार्ड के बाहर बैठकर बीएचयू प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.
- डॉक्टर पर आरोप लगाते हुए कहा सात सितंबर को इंदु देवी 28 वर्षीय गाजीपुर निवासी को दिखाने बीएचयू मेडिसिन वार्ड में गए.
- मेडिसिन वार्ड के डॉ. मधुकर राय से इलाज चल रहा था.
- जब पेशेंट के एडमिट की बात आई तो डॉक्टर ने बेड खाली न होने की बात कह कर पेशेंट के परिजन को बाहर कर दिया.
- पेशेंट इंदु देवी बीएचयू के एक छात्र की मां हैं.
- यह बात छात्रों को पता चली तो छात्र डॉक्टर से मिलने गए.
- डॉक्टर ने छात्रों से पैसे मांगे और कहा कि घर पर आकर दिखाओ.
- इसी बात को लेकर छात्र धरने पर बैठ गए और कुलपति सहित एमएस और चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया.
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जब हम लोग एक मरीज को जो हमारे दोस्त की मां हैं, उनको डॉक्टर के पास दिखाने पहुंचे तो मधुकर राय नामक डॉक्टर ने हमारा पर्ची फेंक दी .जब मैंने बताया मैं छात्र हूं. फिर कहा कि आप घर पर देख लीजिए तो एक हजार रुपये फीस की बात कहते हुए घर पर दिखाने के लिए बोला. इस बात की जब हमने एमएस से शिकायत की तो एमएस का कहना है कि तुम्हें जो करना है करो हमें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला.
-चन्दन, छात्र बीएचयू