वाराणसी: रविवार को मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संयोजक इन्द्रेश कुमार ने लमही के सुभाष भवन में पूर्वांचल के जिलों के प्रतिनिधियों के लिए सम्मेलन का आयोजन किया. सम्मेलन के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की मूर्ति पर माल्यार्पण एवं दीपोज्वलन कर सम्मेलन का शुभारम्भ किया. सम्मेलन में चीन और पाकिस्तान के अन्तरराष्ट्रीय बहिष्कार पर चर्चा की गयी. साथ ही पूर्वांचल के जिलों में ब्लॉक स्तर पर पाकिस्तान और चीन समर्थकों का विरोध करने की योजना बनायी गयी.
चीन-पाकिस्तान के बहिष्कार का अभियान
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच 6 दिसम्बर से 10 जनवरी तक जागृत भारत सजग भारत जागरण अभियान पूरे देश में चला रहा है. इस अभियान के तहत चीन और पाकिस्तान का हर स्तर पर बहिष्कार किया जायेगा. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूख अब्दुल्ला, और पीडीपी नेता महबूबा का विरोध भी किया जाएगा. इसके अलावा पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगिट-बालटिस्तान और चीन के कब्जे वाले अक्साई चीन के साथ हिमालय के मुद्दों पर भी चर्चा होगी.
दुश्मनों का हर स्तर पर बहिष्कार
इस अवसर पर इन्द्रेश कुमार ने कहा कि चीन और पाकिस्तान मानवता और शांति के दुश्मन हैं. दुनिया चीन द्वारा दिए कोरोना के संकट से जूझ रही है. वहीं भारत पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का सामना कर रहा है. चीन और पाकिस्तान का ही नहीं बल्कि उसके समर्थकों का भी हर स्तर पर बहिष्कार किया जाना चाहिये. भारत के मुसलमान सावधान रहें, महबूबा और फारूख चीन और पाकिस्तान के समर्थक हैं और मुसलमानों को बदनाम करने का काम कर रहे हैं. भारतीय मुसलमान अब सजग हो चुका है और देश के खिलाफ काम करने वाले नेताओं का साथ नहीं देने वाला है. फारूख और महबूबा यदि भारत को पसन्द नहीं करते हैं तो चीन और पाकिस्तान में कहीं भी जाकर शरण ले लें. आज पूरे विश्व को इन दोनों देशों के खिलाफ खड़ा होना चाहिये, ताकि मानवता को बचाया जा सके. दोनों देशों ने अपने साम्राज्यवाद की भूख में मानवता पर संकट खड़ा कर दिया है. भारत का मुसलमान चीन और पाकिस्तानी समर्थकों के चेहरे उजागर करेगा और उनका बहिष्कार करेगा. कोविड के दौरान भारत ने मानवीय संवेदना का परिचय देते हुए पूरी दुनियां की मदद की है. आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्वशक्ति बनने की ओर अग्रसर है, इसलिए पूरी दुनियां वैश्विक शांति के लिए भारत की ओर देख रही है.