वाराणसीः सिरगोवर्धनपुर स्थित रविदास मंदिर में माघ पूर्णिमा पूर्णिमा पर रविदास जयंती मनाई जाती है. इस बार 27 फरवरी को मनाया जाएगा. मंदिर प्रशासन तो इसकी तैयारी कर रहा है, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की तैयारी नजर नहीं आ रही है.
क्षतिग्रस्त सड़कें
एशिया के सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालय के पिछले हिस्से में सिरगोवर्धनपुर है. यह रास्ता शहर को नेशनल हाईवे-2 से जुड़ता है. शहर के बाहर रहने वाले लोग बीएचयू ट्रामा सेंटर (BHU Trauma Center) में इलाज कराने के लिए यहीं से गुजरते हैं. लगभग 4 किलोमीटर के इस सड़क पर 70 से ज्यादा गड्ढे हैं. ऐसे में आए दिन लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
समय-समय पर करना पड़ता है प्रदर्शन
स्थानीय निवासी दीपू यादव ने बताया कि छित्तूपुर क्षेत्र है जो ट्रामा सेंटर रास्ते को जोड़ता है. जगह-जगह आपको गड्ढा मिलेगा. दो पहिया, मोटरसाइकिल वाले आए दिन गिरते पड़ते रहते हैं. कुछ दिन पहले अधिकारी यहीं से संत रविदास मंदिर गए थे. सीवर जाम होने, कूड़ा उठाने के लिए लगातार धरना प्रदर्शन होता रहता है. पानी न आने पर धरना प्रदर्शन करना पड़ता है. प्रदर्शन के बाद अधिकारी आते हैं, कूड़ा उठाते हैं, सीवर साफ करते हैं, फिर कुछ दिन बाद यही समस्या हो जाती है.
आए दिन होती है सीवर और पानी की समस्या
महेंद्र पटेल ने बताया यह चित्तूपुर ग्रामसभा था, जो अब नगर निगम के अंतर्गत आ गया है. हमारे पास में बीएचयू कैंपस है, संत रविदास मंदिर है. हमेशा सैलानी आते रहते हैं. लंका ट्रामा सेंटर से लेके, टिहरी तक जाने पर सैकड़ों गड्ढे मिलेंगे. साल में एक बार रविदास जयंती के अवसर पर साफ-सफाई होती है. कूड़ा का कोई निस्तारण नहीं होता है. पिछली सरकार में जो सड़क बनी थी, वही अभी तक है. समय-समय पर सीवर और पानी के लिए प्रदर्शन करना पड़ता है.