वाराणसीः काशी में रिवर टूरिज्म के बढ़ते क्रेज को देखते हुए अब यहां पर क्रूज को बढ़ाने के साथ ही सोलर वाटर टैक्सी संचालित करने की प्लानिंग है. इसके लिए बकायदा पर्यटन विभाग ने प्रपोजल भी तैयार कर लिया है. इसी के साथ अब विश्वनाथ धाम से विंध्यधाम का मिलन भी होगा. यहीं नहीं पर्यटक जल मार्ग के जरिए लोग काशी और मिर्जापुर की खूबसूरती का दीदार भी कर सकेंगे. इस प्लान के तहत गंगा में अस्सी घाट से लेकर के नमो घाट के बीच पर्यटकों को काशी दर्शन कराया जाएगा. साथ ही पर्यटकों को गंगा आरती का भी दर्शन कराया जाएगा.
गौरतलब है कि वाराणसी में प्रदेश सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इसी क्रम में सोलर बोट और अन्य तरीके से सैलानियों को लुभाने के प्रयास किए जा रहे हैं. इससे लोगों की रुचि भी बढ़ रही है. इसी कड़ी में वाराणसी में गंगा की लहरों पर सोलर वाटर टैक्सी चलने वाली है. इसका संचालन वाराणसी से विंध्य धाम तक किया जाएगा. पर्यटक मार्कंडेय महादेव का भी सफर तय करेंगे. इसके साथ वो काशी से विंध्य दरबार में जा सकेंगे. बकायदा उन्हें चुनार फोर्ट का भी दीदार कराया जाएगा.
बोट चलने का समय तयः विभाग के अनुसार, सोलर बोट सुबह 5:30 बजे से चलेगी. यह अस्सी घाय से नमो घाट के बीच सैलानियों को काशी के दर्शन कराएगी. इसमें करीब डेढ़ घंटे का वक्त लगेगा. इसके बाद सुबह 9 बजे यह बोट मार्कंडेय महादेव कैथी के लिए चलेगी. यह बोट वहां से दोपहर 12 बजे तक वापस आएगी. इसके बाद इसे विन्ध्यधाम के लिए ले जाया जाएगा. जहां पर्यटकों को विंध्याचल मंदिर के दर्शन कराए जाएंगे. फिर वहां से उन्हें वापस लाया जाएगा. यह सफर करीब 4 घंटे का होगा. वहीं, शाम 5:30 से 8:30 बजे तक बोट नमो घाट से अस्सी घाट तक बोट चलेगी.
निर्धारित की गई कीमतः बता दें कि गंगा में चलने वाले सोलर बोट के लिए रेट भी निर्धारित कर दिए गए हैं. वाराणसी के घाटों पर सफर करने के लिए शुल्क 850 रुपये निर्धारित किया गया है. इसके साथ ही वाराणसी से कैथी और वाराणसी से विंध्य धाम के लिए 1499 रुपये का शुल्क रखा गया है. पर्यटकों को इस पैकेज में नाश्ते का भी इंतजाम किया जाएगा. बता दें कि वाराणसी से मिर्जापुर का सफर 4 घंटे में पूरा होगा. इसके साथ ही कैथी महादेव का सफर तीन घंटे में पूरा होगा.
पर्यटन के साथ ही बढ़ेंगी व्यापारिक गतिविधियांः अधिकारियों के मुताबिक वाराणसी में जल परिवहन बढ़ने से पर्यटन के साथ ही साथ यहां पर व्यापारिक गतिविधियों को भी संचालित किया जा सकेगा. भारतीय अन्तरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण घाटों के किनारे पर जेटी का निर्माण करेगा. मार्कंडेय महादेव धाम के अलावा काशी के प्रमुख घाटों, चुनार और विंध्यवासिनी धाम में जेटी बनाया जाएगा. जेटी बन जाने से जलयानों से समान लाने और ले जाने में आसानी रहेगी. इसके साथ ही जलमार्ग यातायात से संबंधित सुविधाओं को भी बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी गई है.
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