वाराणसी: 23 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा होते ही काशी हिंदू विश्वविद्यालय की सभी एकेडमिक गतिविधियां पूरी तरह से रुक गईं. रिसर्च लैब बंद कर दिए गए और काफी छात्र हॉस्टल छोड़ कर अपने घर को चले गए. इस दौरान भी कई छात्र हॉस्टल में रुके रहे, क्योंकि यहां पर उनको रहने के साधन उपलब्ध मिल रहे थे और इस तरह से उन्होंने अपना अध्ययन भी जारी रखा.
वहीं अब यूजीसी की गाइडलाइन के तहत चरणबद्ध तरीके से विश्वविद्यालय खोलना शुरू किया जा रहा है. इसमें सबसे पहले बीएचयू के विज्ञान संकाय के विषयों के शोध छात्रों को लैब में आने की अनुमति मिली है. इसके तहत पीएचडी अंतिम वर्ष के छात्र लैब में जाकर अपने कार्य को पूर्ण कर सकेंगे.
वैश्विक महामारी के दौर में विश्वविद्यालय खोला गया है. इसके साथ ही बीएचयू की ओर से एक स्टैंड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) भी तैयार किया गया. इसके पालन और निगरानी के लिए कोर समिति का गठन किया गया है. यह समितियां कोविड-19 के मद्देनजर स्थिति की समीक्षा करती रहेंगी. इनकी रिपोर्ट के आधार पर अन्य विषयों और विभागों को खोलने पर निर्णय लिया जाएगा.
शोध छात्रों को इन बातों का रखना है ध्यान
विश्वविद्यालय में छात्रों का मास्क लगाकर प्रेवश करने की अनुमति दी गई है. इसके साथ ही सबके पास सैनिटाइजर अनिवार्य रूप से होना चाहिए. लैब में काम करते समय सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा. संकाय में भी सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा. लैब और क्लासरूम को समय-समय पर सैनिटाइज किया जा रहा है. इसके अलावा किसी भी बाहरी छात्र को विश्वविद्यालय में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.