वाराणसी: उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को बजट पेश किया. इस बजट में प्रदेश सरकार की तरफ से धर्मनगरी वाराणसी को भी कई तोहफे दिए गए हैं. इनमें पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना के लिए 180 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. जबकि काशी विश्वनाथ मंदिर के विस्तारीकरण एवं सौंदर्यीकरण योजना के लिए 200 करोड़ की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा काशी हिंदू विश्वविद्यालय के अंतर्गत वैदिक विज्ञान केंद्र के निर्माण के लिए 18 करोड़ रुपए का प्रावधान करने की घोषणा हुई है. इसके अलावा वाराणसी में इलेक्ट्रॉनिक बसों का संचालन किए जाने की भी घोषणा कई अन्य जिलों के साथ की गई है.
धर्मनगरी होने की वजह से वाराणसी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए जानी जाती है. काशी विश्वनाथ मंदिर के विस्तार का काम जोर-शोर से चल रहा है. इस बजट में यूपी सरकार ने 200 करोड़ का प्रावधान करके विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण यंत्रीकरण योजना को और भी विस्तारित रूप देने का प्रयास किया है. इस बारे में लोगों का कहना था कि मंदिर विस्तारीकरण का काम अच्छा है लेकिन सरकार को मूलभूत सुविधाओं पर भी ध्यान देने की जरूरत थी.
वाराणसी के अमित राय का कहना है कि यह निश्चित तौर पर सरकार का सिर्फ लोकलुभावन बजट है. जनता की मूलभूत समस्याओं पर ध्यान ही नहीं दिया गया. बिजली पानी जैसी दिक्कतें, जो आज जनता महंगाई से जूझ रही है. उस पर बिल्कुल भी ध्यान न दिया जाना मायूस करने वाला है. वहीं अन्य फसलों पर भी लोगों की यही प्रतिक्रिया थी कि सरकार को इन योजनाओं के अलावा जनता की मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान देने की ज्यादा जरूरत है.
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इलेक्ट्रॉनिक बसों के संचालन को लेकर वाराणसी के लोगों का साफ तौर पर कहना है कि सड़क और ट्रैफिक व्यवस्था पहले सुधरे उसके बाद इलेक्ट्रॉनिक बसों का संचालन हो तो ज्यादा बेहतर होगा. क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक बसों के आने के बाद ट्रैफिक व्यवस्था और बिगड़ेगी. इसलिए ट्रैफिक व्यवस्था के लोड को पहले सुधारने के बाद इलेक्ट्रॉनिक बसों को सड़कों पर उतारा जाए तो ज्यादा बेहतर समझ में आएगा. यूपी सरकार के इस बजट में बनारस को मिली सौगातों से बनारस के लोग बेहद खुश दिखाई नहीं दे रहे हैं.