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budget 2020: BHU के छात्रों ने कहा- पीपीपी मॉडल ठीक नहीं

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Published : Feb 1, 2020, 3:22 PM IST

मोदी सरकार ने शनिवार को आम बजट 2020 लोकसभा पेश कर दिया है. बजट में शिक्षा का खासा ख्याल रखा गया है. BHU के छात्रों ने मोदी सरकार के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

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बजट पर बीएचयू छात्रों की प्रतिक्रिया.

वाराणसी: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2020 आज लोकसभा में पेश किया. बजट में शिक्षा को लेकर बहुत सारी घोषणाएं की गई हैं. इसमें जल्द ही नई शिक्षा नीति, शिक्षा में एफडीआई लाना जाएगा, डिप्लोमा के लिए 2020 तक नए संस्थान खोले जाएंगे, स्टडी इन इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी, गरीब छात्रों के लिए ऑनलाइन एजुकेशन होंगे, पीपीपी मॉडल में मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे और पुलिस फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी बनाए जाएंगे. इसमें 99,300 लाख करोड़ शिक्षा के लिए है, जिसमें 3,000 करोड़ स्किल डेवलपमेंट के लिए होंगे.

बजट पर बीएचयू छात्रों की प्रतिक्रिया.

बजट पर छात्रों की राय
मास कम्युनिकेशन के छात्र मनीष गुप्ता ने बताया कि शिक्षा में जो बजट आया है, वह ठीक है. सरकार का कहना है कि कई हजार करोड़ रुपये वह शिक्षा पर खर्च करेगी. शिक्षा बजट में सरकार जो एफडीआई लाने की बात कर रही है. भविष्य में शिक्षा के लिए यह बहुत ही दुखदाई है. इससे प्राइवेट एजुकेशन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आम गरीब छात्रों को उच्च शिक्षा लेने में काफी व्यवधान आएंगे. सरकार पीपीपी मॉडल पर विश्वविद्यालयों का निर्माण करेगी, जिससे की विश्वविद्यालय में प्राइवेट लोगों का हस्तक्षेप होगा.

छात्र मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सबसे पहले हम बजट में देखते हैं कि छात्र हितों के लिए बजट में क्या है. शिक्षा के लिए बजट में क्या है, क्योंकि उच्च शिक्षा नीति छात्रों के लिए उपयोगी होती है. शिक्षा पर जो बजट आया है, इसमें पीपीपी मॉडल प्राइवेटेशन की तरफ जा रहा है. सरकार सरकारी संस्थाओं को और बेहतर करने की कोशिश क्यों नहीं कर रही है. सरकार कहीं न कहीं बड़े घरानों को शिक्षा को बेच रही है. आप गरीब छात्रों को शिक्षा से वंचित कर रहे हैं. सरकार प्राथमिक शिक्षकों को विकसित क्यों नहीं कर सकती. छात्र पीपीपी मॉडल संतोषजनक नहीं है.

इसे भी पढ़ें:- वित्तमंत्री ने GST रेट कम होने से मासिक खर्च कम होने का किया दावा, सुनिये क्या बोले लोग

छात्र अभिषेक सिंह ने बताया कि सरकार का बजट छात्रों, किसानों और नौजवानों के हित में है. रोजगार को ध्यान में रखकर यह बजट पेश किया गया है. इस बजट में शिक्षा को मूल में रखा गया है. पुलिस और फार्मेसी अलग विश्वविद्यालय बनाए जाएंगे. बजट में सब चीजें अच्छी हैं. शिक्षा में जो पीपीपी मॉडल लाया जा रहा है, हम इसका विरोध करते हैं. छात्र वैभव तिवारी ने कहा कि सरकार जो शिक्षा बजट लाई है, यह सरकार की अच्छी पहल है. इससे ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलेंगे. शिक्षित लोग आएंगे. समाज में समानता बनेगी. हम सरकार के शिक्षा बजट का स्वागत करते हैं.

छात्र शिवम तिवारी ने कहा कि सरकार इस बार शिक्षा के लिए 99,300 का बजट लाई है. यह बजट काफी बड़ा है. लाइव कॉलेज और मेडिकल कॉलेज खोलने की बात हो रही है. सरकार के ऊपर बजट बढ़ाने का बहुत दबाव था, इसीलिए उन्होंने बजट बढ़ाया है. हमें ऐसा लगता है कि दिल्ली के चुनाव देखते हुए बजट को बढ़ाया गया है.

वाराणसी: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2020 आज लोकसभा में पेश किया. बजट में शिक्षा को लेकर बहुत सारी घोषणाएं की गई हैं. इसमें जल्द ही नई शिक्षा नीति, शिक्षा में एफडीआई लाना जाएगा, डिप्लोमा के लिए 2020 तक नए संस्थान खोले जाएंगे, स्टडी इन इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी, गरीब छात्रों के लिए ऑनलाइन एजुकेशन होंगे, पीपीपी मॉडल में मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे और पुलिस फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी बनाए जाएंगे. इसमें 99,300 लाख करोड़ शिक्षा के लिए है, जिसमें 3,000 करोड़ स्किल डेवलपमेंट के लिए होंगे.

बजट पर बीएचयू छात्रों की प्रतिक्रिया.

बजट पर छात्रों की राय
मास कम्युनिकेशन के छात्र मनीष गुप्ता ने बताया कि शिक्षा में जो बजट आया है, वह ठीक है. सरकार का कहना है कि कई हजार करोड़ रुपये वह शिक्षा पर खर्च करेगी. शिक्षा बजट में सरकार जो एफडीआई लाने की बात कर रही है. भविष्य में शिक्षा के लिए यह बहुत ही दुखदाई है. इससे प्राइवेट एजुकेशन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आम गरीब छात्रों को उच्च शिक्षा लेने में काफी व्यवधान आएंगे. सरकार पीपीपी मॉडल पर विश्वविद्यालयों का निर्माण करेगी, जिससे की विश्वविद्यालय में प्राइवेट लोगों का हस्तक्षेप होगा.

छात्र मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सबसे पहले हम बजट में देखते हैं कि छात्र हितों के लिए बजट में क्या है. शिक्षा के लिए बजट में क्या है, क्योंकि उच्च शिक्षा नीति छात्रों के लिए उपयोगी होती है. शिक्षा पर जो बजट आया है, इसमें पीपीपी मॉडल प्राइवेटेशन की तरफ जा रहा है. सरकार सरकारी संस्थाओं को और बेहतर करने की कोशिश क्यों नहीं कर रही है. सरकार कहीं न कहीं बड़े घरानों को शिक्षा को बेच रही है. आप गरीब छात्रों को शिक्षा से वंचित कर रहे हैं. सरकार प्राथमिक शिक्षकों को विकसित क्यों नहीं कर सकती. छात्र पीपीपी मॉडल संतोषजनक नहीं है.

इसे भी पढ़ें:- वित्तमंत्री ने GST रेट कम होने से मासिक खर्च कम होने का किया दावा, सुनिये क्या बोले लोग

छात्र अभिषेक सिंह ने बताया कि सरकार का बजट छात्रों, किसानों और नौजवानों के हित में है. रोजगार को ध्यान में रखकर यह बजट पेश किया गया है. इस बजट में शिक्षा को मूल में रखा गया है. पुलिस और फार्मेसी अलग विश्वविद्यालय बनाए जाएंगे. बजट में सब चीजें अच्छी हैं. शिक्षा में जो पीपीपी मॉडल लाया जा रहा है, हम इसका विरोध करते हैं. छात्र वैभव तिवारी ने कहा कि सरकार जो शिक्षा बजट लाई है, यह सरकार की अच्छी पहल है. इससे ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलेंगे. शिक्षित लोग आएंगे. समाज में समानता बनेगी. हम सरकार के शिक्षा बजट का स्वागत करते हैं.

छात्र शिवम तिवारी ने कहा कि सरकार इस बार शिक्षा के लिए 99,300 का बजट लाई है. यह बजट काफी बड़ा है. लाइव कॉलेज और मेडिकल कॉलेज खोलने की बात हो रही है. सरकार के ऊपर बजट बढ़ाने का बहुत दबाव था, इसीलिए उन्होंने बजट बढ़ाया है. हमें ऐसा लगता है कि दिल्ली के चुनाव देखते हुए बजट को बढ़ाया गया है.

Intro:भारत सरकार ने 2020 का बजट पेश किया जिसमें शिक्षा को लेकर बहुत सारी घोषणाएं की किया। जिसमें जल्द ही नई शिक्षा नीति, शिक्षा में एफडीआई लाया जाएगा डिप्लोमा के लिए 2020 तक नए संस्थान खोले जाएंगे। स्टडी इन इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी,गरीब छात्रों के लिए ऑनलाइन एजुकेशन होंगे, पीपीपी मॉडल में मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे, पुलिस फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी बनाए जाएंगे।99,300 लाख करोड़ शिक्षा के लिए जिसमें3000 करोड़ स्किल डेवलपमेंट के लिए होंगे।


Body:मनीष गुप्ता ने बताया शिक्षा में जो बजट आया है वह ठीक है सरकार का कहना है कई हजार करोड़ पर वह खर्च करेगी। लेकिन शिक्षा बजट में सरकार जो एफडीआई लाने की बात कर रही है। भविष्य में शिक्षा के लिए यह बहुत ही दुखदाई है। इससे प्राइवेट एक्शन को बढ़ावा मिलेगा जिससे आम गरीब छात्रों जिसे आम गरीब छात्रों को उच्च शिक्षा लेने में काफी व्यवधान आएंगे। सरकार पीपीपी मॉडल पर विश्वविद्यालयों का निर्माण करेगी। जिससे कि विश्वविद्यालय में प्राइवेट लोगों का हस्तक्षेप होगा।

बाईट :-- मनीष गुप्ता, छात्र मास कम्युनिकेशन बीएचयू.

मृत्युंजय तिवारी ने बताया सबसे पहले हम बजट में देखते हैं कि छात्र हितों के लिए बजट में क्या है और शिक्षा के लिए बजट में क्या है। क्योंकि उच्च शिक्षा नीति छात्रों के लिए उपयोगी होती है। आज का जो बजट शिक्षा पर आया है जिसमें पीपीपी मॉडल प्राइवेटेशन तरफ जा रहा है। सरकार सरकारी संस्थाओं को और बेहतर करने की क्यों नहीं कोशिश कर रही है। कहीं ना कहीं सरकार बड़े घरानों को शिक्षा को बेच रही है। आप गरीब छात्रों को शिक्षा से वंचित कर रहे हैं। सरकार ने ऑनलाइन शिक्षा की बात की है तो क्या सरकारी हत्या कर पाएगी कि वह किस तरह ऑनलाइन शिक्षा गरीब तबके को देगी। सरकार प्राथमिक शिक्षकों को उत्तर से विकसित क्यों नहीं कर सकती। छात्र पीपीपी मॉडल संतोषजनक नहीं है।

बाईट :-- मृत्युंजय तिवारी, शो छात्र हिंदी विभाग,बीएचयू


Conclusion:अभिषेक सिंह ने बताया सरकार का बजट छात्रों और किसानों और नौजवानों के हित में है। और रोजगार को ध्यान में रखकर यह बजट पेश किया गया है। इस बजट में शिक्षा को मूल में रखा गया है। प्रशासन की जो इकाई है। पुलिस और फार्मेसी अलग विश्वविद्यालय बनाए जाएंगे। बाकी सब चीजें अच्छी हैं लेकिन जो शिक्षा में पीपीपी मॉडल लाया जा रहा है हम इसका विरोध करते हैं।

बाईट :-- अभिषेक सिंह, छात्र बीएचयू।

वैभव तिवारी ने बताया सरकार ने जो शिक्षा बजट लाया है यह सरकार की अच्छी पहल है। जिस से ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलेंगे। शिक्षित लोग आएंगे। समाज में समानता बनेगी। सरकार के शिक्षा बजट का स्वागत करते हैं।

बाइट :-- वैभव तिवारी, छात्र पॉलिटिक्स साइंस, बीएचयू


शिवम तिवारी ने बताया सरकार ने इस बार शिक्षा के 99,300
का बजट लाया है। यह बजट काफी बड़ा है। लाइव कॉलेज और मेडिकल कॉलेज खोलने की बात हो रही है। सरकार के ऊपर बजट बढ़ाने का बहुत दबाव था। इसीलिए उन्होंने बढ़ाया है और दिल्ली को चुनाव देखते हुए बजट को बढ़ाया गया हमें ऐसा लगता है।

बाईट :-- शिवम तिवारी, छात्र अर्थशास्त्र विभाग बीएचयू

आशुतोष उपाध्याय

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