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सावन में छात्रों ने रंगोली के माध्यम से बनाए भगवान शंकर के विभिन्न स्वरूप

सावन के महीने में शिवालयों से लेकर मंदिरों तक हर-हर महादेव के जयकारे गूंजते हैं. सावन माह में धर्म संघ ने कई स्कूलों के छात्र छात्राओं के लिए रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.

छात्रों ने रंगोली के माध्यम से बनाए भगवान शंकर के विभिन्न स्वरूप
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Published : Aug 2, 2019, 7:31 PM IST

वाराणसी: धर्म की नगरी काशी बाबा विश्वनाथ की नगरी है. सावन के महीने में काशी का महत्व और बढ़ जाता है. जब विभिन्न शिवालयों से लेकर हर मंदिर के कोने-कोने हर-हर महादेव के उद्घोष से गूंजता है. ऐसे में दुर्गाकुंड स्थित धर्म संघ में विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं के लिए रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन कराया.

छात्रों ने रंगोली के माध्यम से बनाए भगवान शंकर के विभिन्न स्वरूप
छात्र-छात्राओं ने भगवान शंकर के विभिन्न स्वरूपों को रंगोली के माध्यम से उकेरा. किसी ने भगवान शिव के शिवलिंग को दर्शाया, तो किसी ने काशी के घाटों सहित काशी विश्वनाथ मंदिर को दर्शाया. छात्रों ने रंगोली के माध्यम से 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' सहित पर्यावरण प्रदूषण के प्रति लोगों को जागरूक किया.

हम लोगों ने सावन के मौके पर अपने प्रिय आराध्य भगवान शंकर के कलाकृतियों को रंगोली के माध्यम से दर्शाया है. यहां पर भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों को दर्शाया गया है. इसमें काशी के घाट से लेकर विश्वनाथ मंदिर तक को बनाया गया. उसके साथ ही हम लोगों ने 'बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ' पर्यावरण और जल संरक्षण का संदेश दिया.
-सुषमा यादव, छात्रा

वाराणसी: धर्म की नगरी काशी बाबा विश्वनाथ की नगरी है. सावन के महीने में काशी का महत्व और बढ़ जाता है. जब विभिन्न शिवालयों से लेकर हर मंदिर के कोने-कोने हर-हर महादेव के उद्घोष से गूंजता है. ऐसे में दुर्गाकुंड स्थित धर्म संघ में विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं के लिए रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन कराया.

छात्रों ने रंगोली के माध्यम से बनाए भगवान शंकर के विभिन्न स्वरूप
छात्र-छात्राओं ने भगवान शंकर के विभिन्न स्वरूपों को रंगोली के माध्यम से उकेरा. किसी ने भगवान शिव के शिवलिंग को दर्शाया, तो किसी ने काशी के घाटों सहित काशी विश्वनाथ मंदिर को दर्शाया. छात्रों ने रंगोली के माध्यम से 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' सहित पर्यावरण प्रदूषण के प्रति लोगों को जागरूक किया.

हम लोगों ने सावन के मौके पर अपने प्रिय आराध्य भगवान शंकर के कलाकृतियों को रंगोली के माध्यम से दर्शाया है. यहां पर भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों को दर्शाया गया है. इसमें काशी के घाट से लेकर विश्वनाथ मंदिर तक को बनाया गया. उसके साथ ही हम लोगों ने 'बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ' पर्यावरण और जल संरक्षण का संदेश दिया.
-सुषमा यादव, छात्रा

Intro:धर्म की नगरी काशी बाबा विश्वनाथ की नगरी है सावन के महीने में काशी का महत्व और बढ़ जाता है जहां विभिन्न शिवालयों से लेकर हर मंदिर के कोने-कोने हर हर महादेव के उद्घोष से गूँजता है। ऐसे में दुर्गाकुंड स्थित धर्म संघ में सैकड़ों स्कूलों के छात्र छात्राओं ने रंगोली प्रतियोगिता कराई गई।


Body:छात्र-छात्राओं ने भगवान शंकर के विभिन्न स्वरूपों रंगोली के माध्यम से उरेका। किसी ने भगवान शिव के शिवलिंग का दर्शाया किया तो किसी ने काशी के घाटों सहित काशी विश्वनाथ मंदिर को दर्शाया। छात्रों ने रंगोली के माध्यम से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सहित पर्यावरण प्रदूषण के प्रति लोगों को जागरूक किया।


Conclusion:छात्रा सुषमा यादव ने बताया कि आज हम लोगों ने सावन के मौके पर अपने प्रिय आराध्य भगवान शंकर के कलाकृतियों को रंगोली के माध्यम से दर्शाया यहां पर भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों को दर्शाया गया है इसमें काशी के घाट से लेकर विश्वनाथ मंदिर तक को बनाया गया उसके साथ ही हम लोगों ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर्यावरण और जल संरक्षण का संदेश दिया।

आशुतोष
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