वाराणसी: 22 जनवरी को श्री राम मंदिर के भव्य उद्घाटन (Ramlala Pran Pratishtha) के साथ गर्भग्री में रामलला को विराजमान किया जाएगा. जिसे लेकर हर और तैयारी चल रही है. अयोध्या में होने वाले इस वृहद आयोजन में बनारस की बड़ी भूमिका है, क्योंकि बनारस से ही यजमान और विद्वान दोनों जा रहे हैं. यजमान यहां के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, तो विद्वान काशी से पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित समेत ज्योतिषाचार्य गणेश्वर शास्त्रीय द्रविड़ हैं. इन सब के बीच अब काशी से रामलला की सेवा में बहुत सी चीज भी भेजे जाने की तैयारी हो रही है. जिसमें सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण ऑर्डर (Special puja utensils are being made in Varanasi) यहां के कसेरा समाज के लोगों को मिल रहा है. वाराणसी के काशीपुर इलाके में कसेरा समाज की बड़ी बस्ती है.
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए वाराणसी में पीतल सिल्वर तांबा और जर्मन सिल्वर के प्रोडक्ट तैयार किए जा रहे हैं. यह सारे प्रोडक्ट पूजा पाठ से जुड़े हुए जिसको यहां की सकरी पतली गलियों में तैयार करने का काम कई पीढियां से लोग कर रहे हैं. इन्हीं में से एक लालू वर्मा को अनुष्ठान के महत्वपूर्ण बर्तनों को तैयार करने का आर्डर मिला है. काशी के लाल वर्मा उन विद्वानों और ब्राह्मणों के लिए जल पात्र, कमंडल, पूजा थाली और श्रृंगी तैयार कर रहे हैं. जिन्हें इस पूरे अनुष्ठान में 5 दिनों तक रहना है. 121 पीस सेट का आर्डर लालू को दिया गया है जिसे तैयार करने में वह दिन रात जुटे हैं और अपने आप को बेहद सौभाग्यशाली मान रहे हैं.
दरअसल श्री राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) के भव्य उद्घाटन के साथ ही स्थापना दिवस समारोह में पूरे देश के 121 ब्राह्मण को शामिल होना है. जिसमें अकेले वाराणसी से 50 दक्षिण भारत महाराष्ट्र उड़ीसा समेत अन्य हिस्सों से विद्वानों की पूरी टोली 5 दिनों तक यहां अनुष्ठान करवाएगी. काशी से पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित और उनके बेटों के साथ अन्य विद्वान भी जा रहे हैं और बहुत सी चीज भी उन्हें ही ले जाने की जिम्मेदारी दी गई है. इसमें सभी विद्वानों के लिए पूजा संपन्न करवाने के सभी पात्र काशी में ही तैयार करवाए जा रहे हैं. वाराणसी के काशीपुर इलाके में लालू वर्मा एक साथ पांच पात्र तैयार कर रहे हैं कल 121 पीस पात्र इन्हें तैयार करने हैं.
लालू वर्मा का कहना है की पीतल का कमंडल, जर्मन सिल्वर का आचमन, एक जर्मन सिल्वर की श्रृंगी और एक जर्मन सिल्वर का टषटा ( पूजन थाली) तैयार करने का आर्डर उन्हें मिला है. जिसके लिए वह बीते 5 दिनों से कम कर रहे हैं. 15 तारीख से पहले इन सभी चीजों को तैयार करके ब्राह्मणों को सुपुर्द कर देना है, ताकि वह इसे अयोध्या लेकर चले जाएं लालू वर्मा का कहना है कि 35 सालों से वह इस काम को कर रहे हैं और अपने आप को बेहद सौभाग्यशाली मान रहे हैं कि उनको ठाकुर जी यानी भगवान राम का काम करने का सौभाग्य मिला है.
लालू वर्मा का कहना है कि उन्हें तो भरोसा ही नहीं हो रहा है कि उनके जीते जी उनके आंखों के सामने मंदिर बनकर भी तैयार हो गया और उसमें रामलला विराजमान होने जा रहे हैं और उनके इस काम को करने का सौभाग्य भी उनके पास आया है. ब्राह्मणों के लिए वह जल पात्र अन्य बर्तन तैयार करके ठाकुर जी की सेवा में अपनी तरफ से सिल्वर श्रृंगी भी देने वाले हैं जो अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है जिससे अभिषेक का कार्य संपन्न किया जाता है. लालू का कहना है कि इस एक सेट की कीमत 1250 रुपए है.