वाराणसी: अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर के उद्घाटन और रामलला की भव्य प्रतिमा के स्थापना समारोह को लेकर पूरी अयोध्या नगरी को सजाया जा रहा है. 22 जनवरी को होने वाले भव्य आयोजन के लिए अयोध्या का कोना-कोना भव्य रूप से तैयार हो रहा है. इन सबके बीच शिव की नगरी काशी इस पूरे आयोजन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.
काशी से एक तरफ बहुत से सामान अयोध्या भेजे जा रहे हैं तो यहां के विद्वान भी पूरा अनुष्ठान करने के लिए 17 जनवरी से ही पूजन पाठ की शुरुआत कर देंगे. इन सबके बीच अयोध्या नगरी को हरा-भरा बनाने के साथ ही परिक्रमा पथ, लता मंगेशकर चौराहा, हनुमानगढ़ी समेत राम मंदिर परिसर और उसके बगीचे को सजाने का काम बनारस की ही नर्सरी को दिया गया है. लगभग 1 महीने से अयोध्या में बनारस की संसार नर्सरी पूरी रामनगरी को सजाने में जुटी हुई है.
यहां तक कि 30 दिसंबर को जिस रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने किया है, उसके बाहर और परिसर की सजावट भी पेड़ पौधों से बनारस की इसी नर्सरी ने की और अब पूरे परिसर के साथ पूरी नगरी को सजाने का काम जोर-शोर से किया जा रहा है. अयोध्या को सजाए जाने को लेकर इस नर्सरी के कर्ताधर्ता दिनेश कुमार मौर्य ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के तमाम बड़े आयोजनों में पेड़ पौधे लगाने से लेकर ग्रीनरी बढ़ाने और तरह-तरह के पौधे की सजावट करने का काम बड़े स्तर पर करते हैं.
जी-20 सम्मेलन से लेकर अलग-अलग तरह के आयोजनों में उन्हीं की नर्सरी हमेशा से उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से काम करती रही है. इस बार भी अयोध्या में पूरी नगरी को सजाने के साथ ही परिक्रमा पथ समेत राम मंदिर भवन और परिसर के अलावा एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन और समस्त अयोध्या को सजाने की जिम्मेदारी उन्हीं को मिली है. लगभग 1 महीने पहले दिसंबर की शुरुआत से ही उन्होंने अयोध्या में काम करना शुरू कर दिया है.
45 लोगों की एक टीम लगातार वहां पर लगी हुई है, जो पूरी अयोध्या में हरे-भरे पेड़ लगाने का काम कर रही है. दिनेश मौर्य का कहना है कि उनकी टीम अभी पूरी अयोध्या नगरी को हरा भरा बनाने के लिए ऐसे पौधे लगाने का काम कर रही है, जो सीजनल हैं, जिनमें ज्यादा हरे भरे पेड़ों के साथ ही तरह-तरह के फूल के पौधे भी लगाए जा रहे हैं.
सीजनल पौधों में डहेलिया पिटूनिया डैनसस सालविया फ्लावर से सम्बंधित पौधों को लगाया जा रहा है. इसके अलावा पाइकस, अरिकापाम के पौधों के जरिए सजावट बढ़ाने का काम किया जा रहा है. इन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण श्री राम मंदिर का पूरा परिसर है, जहां पर पौराणिक पौधों को लगाने का आर्डर मिला है. इनमें सबसे महत्वपूर्ण रुद्राक्ष और कल्पवृक्ष है. ये पौधा समुद्र मंथन में निकला था, वो भी यहां लगेगा. सीताफल, अशोक वृक्ष के पौधे भी लगाए जाएंगे.
नर्सरी का कामकाज देखने वाले धीरज कुमार का कहना है कि अयोध्या में अभी एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन का काम खत्म होने के बाद सड़कों के डिवाइडर और चौराहों के सौंदर्यकरण का काम किया जा रहा है. यहां पर हरे-भरे पौधों के साथ ही बढ़िया फूल वाले पौधे लगाए जा रहे हैं. 12 जनवरी के बाद से श्री राम जन्मभूमि स्थल पर पेड़ पौधे लगाने का काम शुरू किया जाएगा.
यह काम हमें 10 दिन में ही पूरा करना है. अनुष्ठान चलता रहेगा, लेकिन 22 जनवरी से पहले हमें उस जगह को खाली करके हैंडओवर कर देना है, यह हमें स्पष्ट निर्देश दिया गया है. इसलिए हम 12 जनवरी से काम शुरू करके 21 जनवरी तक हर हाल में काम खत्म कर देंगे, ताकि 22 जनवरी को पूरी अयोध्या नगरी और भव्य राम मंदिर का पूरा परिसर पेड़ पौधों से हरा भरा और महकता मिले.
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