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चीनी मांझे को लेकर वाराणसी में पुलिस-प्रशासन ने किया छापेमारी का ड्रामा ! - एसएसपी वाराणसी

चाइनीज मांझे की चपेट में आने से एक बच्ची की मौत के बाद भी वाराणसी का जिला प्रशासन नहीं चेता है. चीनी मांझे के खिलाफ काशीवासियों के लगातार हो प्रदर्शन के बीच जिले का पुलिस-प्रशासन छापेमारी का ड्रामा कर यह बताने की कोशिश कर रहा है कि, चाइनीज मांझे की बिक्री रोकने के लिए वह पूरा प्रयास कर रहा है.

Varanasi news
पतंग की दुकानों पर पुलिस का छापा
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Published : Sep 3, 2020, 7:55 AM IST

वाराणसी: एक मासूम बच्ची की मौत के बाद वाराणसी का जिला प्रशासन चाइनीज मांझे की बिक्री रोकने के लिए छापेमारी का ड्रामा कर रहा है. लोगों के लगातार हो रहे प्रदर्शन और चाइनीज मांझे के विरोध के बाद जिलाधिकारी और एसएसपी के निर्देश पर वाराणसी के अलग-अलग इलाकों में बुधवार को पुलिस की टीमों ने छापेमारी की. पुलिस ने चौक और पांडेयपुर क्षेत्र के दर्जनों पतंग दुकानों पर चाइनीस मांझे की खोजबीन की. लेकिन पुलिस को कहीं कुछ भी नहीं मिला.

आपको बात दें कि, कुछ दिन पहले वाराणसी के पांडेयपुर इलाके में 7 साल की बच्ची की चाइनीज मांझे की चपेट में आने से मौत हो गई थी. जिसके बाद से जिले में लगातार इसका विरोध हो रहा है एनजीटी की तरफ से चाइनीज मांझे पर रोक लगाए जाने के बाद हाईकोर्ट ने भी इसकी बिक्री और भंडारण पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे. 2017 में ही तत्कालीन सरकार ने चाइनीज मांझे की बिक्री और भंडारण पर रोक लगाने का शासनादेश भी जारी किया, लेकिन बावजूद इसके जानलेवा चीनी मांझे की बिक्री और भंडारण जारी है. जिसकी वजह से बीते दिनों जिले में एक मासूम की जान चली गई.

इसके बाद बुधवार को वाराणसी प्रशासन और पुलिस के संयुक्त अभियान में छापेमारी की. लेकिन पुलिस को कहीं भी कुछ नहीं मिला. जिसके बाद यह सवाल खड़ा होता हैं कि, जब दुकानों पर चाइनीज मांझा पुलिस के पहुंचने से पहले गायब हो गया तो इनकी बिक्री कहां से हो रही है.

वाराणसी: एक मासूम बच्ची की मौत के बाद वाराणसी का जिला प्रशासन चाइनीज मांझे की बिक्री रोकने के लिए छापेमारी का ड्रामा कर रहा है. लोगों के लगातार हो रहे प्रदर्शन और चाइनीज मांझे के विरोध के बाद जिलाधिकारी और एसएसपी के निर्देश पर वाराणसी के अलग-अलग इलाकों में बुधवार को पुलिस की टीमों ने छापेमारी की. पुलिस ने चौक और पांडेयपुर क्षेत्र के दर्जनों पतंग दुकानों पर चाइनीस मांझे की खोजबीन की. लेकिन पुलिस को कहीं कुछ भी नहीं मिला.

आपको बात दें कि, कुछ दिन पहले वाराणसी के पांडेयपुर इलाके में 7 साल की बच्ची की चाइनीज मांझे की चपेट में आने से मौत हो गई थी. जिसके बाद से जिले में लगातार इसका विरोध हो रहा है एनजीटी की तरफ से चाइनीज मांझे पर रोक लगाए जाने के बाद हाईकोर्ट ने भी इसकी बिक्री और भंडारण पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे. 2017 में ही तत्कालीन सरकार ने चाइनीज मांझे की बिक्री और भंडारण पर रोक लगाने का शासनादेश भी जारी किया, लेकिन बावजूद इसके जानलेवा चीनी मांझे की बिक्री और भंडारण जारी है. जिसकी वजह से बीते दिनों जिले में एक मासूम की जान चली गई.

इसके बाद बुधवार को वाराणसी प्रशासन और पुलिस के संयुक्त अभियान में छापेमारी की. लेकिन पुलिस को कहीं भी कुछ नहीं मिला. जिसके बाद यह सवाल खड़ा होता हैं कि, जब दुकानों पर चाइनीज मांझा पुलिस के पहुंचने से पहले गायब हो गया तो इनकी बिक्री कहां से हो रही है.

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