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वाराणसी: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर विश्व गर्भनिरोधक गोष्ठी का आयोजन - वाराणसी गोष्ठी का आयोजन

यूपी के वाराणसी जिले स्थित चिरईगांव में गर्भनिरोधक दिवस पर गोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का आयोजन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर किया गया, जहां इससे जुड़ी जानकारी दी गईं.

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर विश्व गर्भनिरोधक गोष्टी.
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर विश्व गर्भनिरोधक गोष्टी.
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Published : Sep 27, 2020, 3:39 PM IST

वाराणसी: जिले के चिरईगांव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस दौरान डॉ. अमित कुमार सिंह ने कहा कि देश में बढ़ती जनसंख्या को रोकने का गर्भनिरोधक साधन स्थायी और अस्थायी विधियां सबसे महत्वपूर्ण हैं. इस वर्ष कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण अस्थायी विधि के प्रयोग पर अधिक जोर दिया जा रहा है. वहीं स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डॉ. मानसी गुप्ता ने नए गर्भनिरोधक साधन अन्तरा व छाया के प्रयोग पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि अन्तरा इंजेक्शन तीन माह के लिए गर्भनिरोधक का काम करता है और छाया गोली एक नॉन हार्मोनल गोली है, जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है.


स्वास्थ्य केंद्र पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान सहायक अधिकारी अजय कुमार चौबे ने बताया कि आयूसीडी का इनसर्शन (लगाने की विधि) कम है. इसीलिए प्रशिक्षित एएनएम क्षेत्र में इसके प्रयोग के लिए लोगों को प्रेरित करें. परिवार कल्याण काउन्सलर रुचि चौरसिया ने स्वास्थ्य केन्द्र पर आए लाभार्थियों को परिवार कल्याण की स्थायी विधि (पीपीआईयूसी) प्रसवोपरांत आईयूसीडी, अन्तरा त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन, छाया, माला-एन तथा स्थायी विधियों में महिला नसबंदी के साथ ही पुरुष नसबंदी की जानकारी प्रदान की, जिससे बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण किया जा सके. गोष्ठी में समस्त एएनएम, बीसीपीएम सहित कई लोग मौजूद रहे.

वाराणसी: जिले के चिरईगांव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस दौरान डॉ. अमित कुमार सिंह ने कहा कि देश में बढ़ती जनसंख्या को रोकने का गर्भनिरोधक साधन स्थायी और अस्थायी विधियां सबसे महत्वपूर्ण हैं. इस वर्ष कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण अस्थायी विधि के प्रयोग पर अधिक जोर दिया जा रहा है. वहीं स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डॉ. मानसी गुप्ता ने नए गर्भनिरोधक साधन अन्तरा व छाया के प्रयोग पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि अन्तरा इंजेक्शन तीन माह के लिए गर्भनिरोधक का काम करता है और छाया गोली एक नॉन हार्मोनल गोली है, जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है.


स्वास्थ्य केंद्र पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान सहायक अधिकारी अजय कुमार चौबे ने बताया कि आयूसीडी का इनसर्शन (लगाने की विधि) कम है. इसीलिए प्रशिक्षित एएनएम क्षेत्र में इसके प्रयोग के लिए लोगों को प्रेरित करें. परिवार कल्याण काउन्सलर रुचि चौरसिया ने स्वास्थ्य केन्द्र पर आए लाभार्थियों को परिवार कल्याण की स्थायी विधि (पीपीआईयूसी) प्रसवोपरांत आईयूसीडी, अन्तरा त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन, छाया, माला-एन तथा स्थायी विधियों में महिला नसबंदी के साथ ही पुरुष नसबंदी की जानकारी प्रदान की, जिससे बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण किया जा सके. गोष्ठी में समस्त एएनएम, बीसीपीएम सहित कई लोग मौजूद रहे.

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