वाराणसी: काशी की पहचान यहां के लंबे चौड़े गंगा घाट हैं. गंगा किनारे बसे इस शहर पर घाटों की लंबी श्रृंखला है और 84 घाटों की इस लंबी श्रृंखला को स्वच्छ और साफ सुथरा बनाए रखना एक बड़ा चैलेंज है. इसे लेकर नगर निगम पहले से ही जबरदस्त लानी करके काम करता रहा है. घाटों पर दो समय साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित हो इसके लिए 50 से ज्यादा सफाई कर्मियों को घाटों पर पहले से ही लगाया गया है, लेकिन हाल ही में घाटों पर वृहद पैमाने पर पब्लिक को जोड़कर चलाए गए स्वच्छता अभियान की तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर की गई. जिसके बाद अब घाटों की साफ-सफाई को और भी बड़े स्तर पर ले जाने के लिए इस पूरी व्यवस्था को प्राइवेट कंपनी के हाथों देने की तैयारी हो चुकी है.
प्राइवेट कंपनी के हाथों होगी बनारस के गंगा घाटों की सफाई व्यवस्था
बनारस के गंगा घाटों की सफाई व्यवस्था अब प्राइवेट कंपनी के हाथों होगी. गगां के 84 घाटों पर सफाई के लिए कंपनी नया प्लान बनाएगी. अपर नगर आयुक्त देवी दयाल वर्मा का कहना है कि 84 घाटों की साफ सफाई की व्यवस्था को और भी बेहतर बनाने और इसकी प्रॉपर निगरानी के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए थे. साफ सफाई व्यवस्था और अन्य देखरेख के लिए आमंत्रित टेंडर में प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक कंपनी को यह काम सौंपा जा रहा है.
वाराणसी: काशी की पहचान यहां के लंबे चौड़े गंगा घाट हैं. गंगा किनारे बसे इस शहर पर घाटों की लंबी श्रृंखला है और 84 घाटों की इस लंबी श्रृंखला को स्वच्छ और साफ सुथरा बनाए रखना एक बड़ा चैलेंज है. इसे लेकर नगर निगम पहले से ही जबरदस्त लानी करके काम करता रहा है. घाटों पर दो समय साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित हो इसके लिए 50 से ज्यादा सफाई कर्मियों को घाटों पर पहले से ही लगाया गया है, लेकिन हाल ही में घाटों पर वृहद पैमाने पर पब्लिक को जोड़कर चलाए गए स्वच्छता अभियान की तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर की गई. जिसके बाद अब घाटों की साफ-सफाई को और भी बड़े स्तर पर ले जाने के लिए इस पूरी व्यवस्था को प्राइवेट कंपनी के हाथों देने की तैयारी हो चुकी है.