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वाराणसी जेल में कैदियों की अनोखी पहल, दीवारों पर बनाई देशभक्तों की पेंटिंग्स

वाराणसी जिला जेल में बंदियों को सुधारने के लिए एक अनोखी पहल की गई. ये पहल किसी और ने नहीं, बल्कि बंदियों ने खुद ही की है. जहां जेल के गेट पर बंदियों द्वार स्वतंत्रता संग्राम के असली नायकों की तस्वीरें बनाई गईं हैं ताकि जेल में बंदी उनसे प्रेरणा लेकर अपने जीवन में सुधार लाएं.

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Published : Jul 1, 2022, 9:40 AM IST

वाराणसी जेल.
वाराणसी जेल.

वाराणसी: जेल की कालकोठरी में अपने किए की सजा भुगत रहे शातिर अपराधी अपना आने वाला कल सुधारने के लिए जेल में तरह-तरह के प्रयास करते हैं. कोई बर्तन बनाता है तो कोई फर्नीचर. कोई महापुरुषों की किताब पढ़ता है तो कोई अपनी छुटी हुई पढ़ाई को आगे बढ़ाने का प्रयास करता है. इन सब के बीच कुछ ऐसे शातिर अपराधी भी हैं जो अब जेल में पेंटिंग के जरिए न सिर्फ जेल की दीवारों को खूबसूरत बना रहे हैं बल्कि जिन महापुरुषों की पेंटिंग व दीवारों और उकेर रहे हैं उनके जीवन से प्रेरणा देकर अपने जीवन को भी बदलने का प्रयास कर रहे हैं. वाराणसी की जेल में कैदियों का यह अनोखा प्रयास हर किसी को काफी पसंद आ रहा है.

स्वतंत्रता संग्राम के नायक हमेशा से समाज को प्रेरित करते रहे हैं. अगली पीढ़ी को देश के आजादी के दीवानों की वीर गाथा बताने के लिए प्रायस किए जा रहे है. योगी सरकार भी आजादी के अमृत महोसव के अंतर्गत स्वंतत्रता संग्राम के असली नायकों की कहानी जन-जन तक पहुंचने का प्रयास कर रही है. ऐसा ही प्रयास वाराणसी के जिला जेल के अधीक्षक द्वारा किया जा रहा है. जिला जेल के द्वार (गेट) वाराणसी के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम पर रखे गए है.

स्वतंत्रता संग्राम के असली नायकों से प्रेरित होने के लिए वाराणसी के जिला जेल में उनके नाम पर द्वार बनाए गए है. वाराणसी जिला जेल के अधीक्षक अरुण कुमार सक्सेना ने बताया कि सुधार गृह में बंदियों के अंदर समाज और देश के लिए अच्छे कार्य करने के लिए भावना पैदा किया जाए. इसके लिए जेल के गेट क्रांतिकारियों के नाम पर रखे गए हैं. उन्होंने बताया कि पेंटिंग बनाने में 3 कैदी राक्षस बच्चन द्रविड़, भोलाराम, मनीष शर्मा के सहयोग कुछ अन्य कैदियों ने भी किया और उनमे रंग भरने के साथ ही उनकी वीर गाथा को जीवनी के रूप में उकेरा है. ये सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बनारस से ही ताल्लुक रखने वाले है. इसमें शचीन्द्रनाथ सान्याल, राजेंद्र लाहड़ी, शचीन्द्र नाथ बक्शी है.

बंदियों के अंदर सकारात्मक परिवर्तन के लिए जेल की दीवारों पर स्वतंत्र संग्राम सेनानियों के साथ भारत रत्न से सम्मानित हुए देश की विभूतियों की भी तस्वीर बनाई गई है. खास बात ये भी है की ये भारत रत्न से नवाजे गए सभी काशी से ही ताल्लुख रखते हैं. जिनमें लाल बहादुर शास्त्री, पंडित मदन मोहन मालवीय, उस्ताद बिस्मिल्ला खां, सितार वादक पंडित रविशंकर शामिल हैं. इन बंदियों ने ही अपने हाथों से इन महापुरुषों स्वतंत्रता की सभी तस्वीर बनाई है. इसके अलावा अन्य प्रेरणा स्रोत तस्वीरें बनाई गई है और इन तस्वीरों के साथ ही रंगों के माध्यम से अपने जीवन में भी नए रंग और उमंग भर रहे हैं. जिससे वे सुधार गृह से बाहर जाए तो राष्ट्र हित के लिए काम कर सके.

इसे भी पढे़ं- वाराणसी: जेल में बंद प्रदर्शकारियों से मिले सपा नेता, कहा- जारी रहेगा प्रदर्शन

वाराणसी: जेल की कालकोठरी में अपने किए की सजा भुगत रहे शातिर अपराधी अपना आने वाला कल सुधारने के लिए जेल में तरह-तरह के प्रयास करते हैं. कोई बर्तन बनाता है तो कोई फर्नीचर. कोई महापुरुषों की किताब पढ़ता है तो कोई अपनी छुटी हुई पढ़ाई को आगे बढ़ाने का प्रयास करता है. इन सब के बीच कुछ ऐसे शातिर अपराधी भी हैं जो अब जेल में पेंटिंग के जरिए न सिर्फ जेल की दीवारों को खूबसूरत बना रहे हैं बल्कि जिन महापुरुषों की पेंटिंग व दीवारों और उकेर रहे हैं उनके जीवन से प्रेरणा देकर अपने जीवन को भी बदलने का प्रयास कर रहे हैं. वाराणसी की जेल में कैदियों का यह अनोखा प्रयास हर किसी को काफी पसंद आ रहा है.

स्वतंत्रता संग्राम के नायक हमेशा से समाज को प्रेरित करते रहे हैं. अगली पीढ़ी को देश के आजादी के दीवानों की वीर गाथा बताने के लिए प्रायस किए जा रहे है. योगी सरकार भी आजादी के अमृत महोसव के अंतर्गत स्वंतत्रता संग्राम के असली नायकों की कहानी जन-जन तक पहुंचने का प्रयास कर रही है. ऐसा ही प्रयास वाराणसी के जिला जेल के अधीक्षक द्वारा किया जा रहा है. जिला जेल के द्वार (गेट) वाराणसी के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम पर रखे गए है.

स्वतंत्रता संग्राम के असली नायकों से प्रेरित होने के लिए वाराणसी के जिला जेल में उनके नाम पर द्वार बनाए गए है. वाराणसी जिला जेल के अधीक्षक अरुण कुमार सक्सेना ने बताया कि सुधार गृह में बंदियों के अंदर समाज और देश के लिए अच्छे कार्य करने के लिए भावना पैदा किया जाए. इसके लिए जेल के गेट क्रांतिकारियों के नाम पर रखे गए हैं. उन्होंने बताया कि पेंटिंग बनाने में 3 कैदी राक्षस बच्चन द्रविड़, भोलाराम, मनीष शर्मा के सहयोग कुछ अन्य कैदियों ने भी किया और उनमे रंग भरने के साथ ही उनकी वीर गाथा को जीवनी के रूप में उकेरा है. ये सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बनारस से ही ताल्लुक रखने वाले है. इसमें शचीन्द्रनाथ सान्याल, राजेंद्र लाहड़ी, शचीन्द्र नाथ बक्शी है.

बंदियों के अंदर सकारात्मक परिवर्तन के लिए जेल की दीवारों पर स्वतंत्र संग्राम सेनानियों के साथ भारत रत्न से सम्मानित हुए देश की विभूतियों की भी तस्वीर बनाई गई है. खास बात ये भी है की ये भारत रत्न से नवाजे गए सभी काशी से ही ताल्लुख रखते हैं. जिनमें लाल बहादुर शास्त्री, पंडित मदन मोहन मालवीय, उस्ताद बिस्मिल्ला खां, सितार वादक पंडित रविशंकर शामिल हैं. इन बंदियों ने ही अपने हाथों से इन महापुरुषों स्वतंत्रता की सभी तस्वीर बनाई है. इसके अलावा अन्य प्रेरणा स्रोत तस्वीरें बनाई गई है और इन तस्वीरों के साथ ही रंगों के माध्यम से अपने जीवन में भी नए रंग और उमंग भर रहे हैं. जिससे वे सुधार गृह से बाहर जाए तो राष्ट्र हित के लिए काम कर सके.

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