वाराणसी: जिले की विश्व प्रसिद्ध रामलीला लगभग 300 वर्ष पुरानी है. इस बार कोरोना वायरस के बादल छाए हुए हैं. इसी बीच 30 सितंबर से शुरू होने वाली रामलीला के लिए अब तक पंच स्वरूपों का चयन नहीं हो सका है. रामलीला में प्रयुक्त होने वाले उपकरण का निर्माण भी शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में प्रसिद्ध रामलीला में संशय बना हुआ है. वहीं काशी राज परिवार की राजकुमारी कृष्ण प्रिया ने कहा है कि वे केंद्र और प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर दूरदर्शन पर रामलीला प्रसारण की मांग करेंगी.
महत्तवपूर्ण बातें
- राजकुमारी कृष्ण प्रिया लिखेंगी पीएम और सीएम को पत्र.
- दूरदर्शन पर रामलीला के प्रसारण की करेंगी मांग.
- 300 सालों से लगातार हो रहा है रामलीला का मंचन.
रामलीला प्रेमियों से लेकर हर कोई रामलीला कब होगी और कैसे होगी इस विषय पर चर्चा कर रहा है, लेकिन अभी तक रामनगर किला से किसी भी प्रकार की सूचना नहीं मिली है. मौखिक तौर पर रामलीला नहीं होगी, इसकी सूचना की बात सामने आ रही है. कोरोना से संक्रमित होकर दिल्ली के मेदांता अस्पताल में भर्ती कुंवर अनंत नारायण सिंह अब स्वस्थ हो चुके हैं. वे जल्द ही काशी लौटेंगे. उनके काशी लौटने के बाद इस पर कोई निर्णय हो पाएगा.
रामनगर की विश्व प्रसिद्ध रामलीला एक धरोहर है. कुछ साल पहले दूरदर्शन पर रामलीला आधे घंटे दिखाई जाती थी. हम चाहते हैं कि उसी तरह वैश्विक महामारी के दौर में रामलीला को एक बार फिर से दूरदर्शन पर दिखाया जाए. जो भी हमारी पूजा की पद्धति होगी, जैसे कि मुकुट पूजा, रामायण पूजा उसे भी आधे घंटे लाइव दिखाया जाए. इस संदर्भ में मैं जल्द ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखूंगी कि रामलीला को टीवी पर दिखाया जाए.
-राजकुमारी कृष्ण प्रिया, काशी राज परिवार
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