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महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 45वें दीक्षांत में राष्ट्रपति 16 मेधावियों को देंगी मेडल - काशी विद्यापीठ का दीक्षांत

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 45वें दीक्षांत में राष्ट्रपति 16 मेधावियों को मेडल देंगी. इस बार संस्थान के कुल 49 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जाएगा. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 8, 2023, 7:12 AM IST

वाराणसीः वाराणसी में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब किसी राज्य विश्वविद्यालय में इतिहास रचा जाएगा. जी हां! इस बार वाराणसी में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में एक नहीं बल्कि दो मामलों में इतिहास बनने जा रहा है. पहला ये कि किसी राज्य विश्वविद्यालय में राष्ट्रपति के हाथों मेधावियों को मेडल दिए जाने वाले हैं. इतना ही नहीं यह पहला मौका होगा जब कुलपति के द्वारा मुख्य अतिथि के सामने मेधावियों को मेडल दिया जाएगा. इसके साथ ही दूसरा ये कि किसी ट्रांसजेंडर छात्र को पहली बार उपाधि दी जाएगी. महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं. 11 दिसंबर को दीक्षांत समारोह आयोजित होगा.



महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ अपना 45वां दीक्षांत समारोह मनाने जा रहा है. इस दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मौजूद रहेंगी. उनके हाथों इस कार्यक्रम में 16 मेधावियों को मेडल दिए जाएंगे. इसके साथ ही समारोह से पहले 49 विद्यार्थियों को मेडल दिया जाना निर्धारित किया गया है. दीक्षांत समारोह का यह कार्यक्रम कुल 55 मिनट का रखा गया है. बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति के पास समय की कमी होने के कारण कुलपति मुख्य अतिथि के सामने अन्य मेधावियों के मेडल देंगे. इस दौरान विश्वविद्यालय में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरीके से मजबूत रखी जाएगी.

49 मेधावियों को स्वर्ण पदक दिए जाएंगे
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके त्यागी ने बताया कि राष्ट्रपति के पदक देने के अलावा समारोह से पहले 49 मेधावियों को स्वर्ण पदक दिए जाएंगे. इसके साथ ही 77,618 उपाधियां प्रदान की जाएंगी. वहीं, गांधी अध्ययन पीठ में 65 स्वर्ण पदक दिए जाएंगे. इसमें 14 छात्र 51 छात्राएं हैं. 14 स्वर्ण पदक विभिन्न विभूतियों और संस्थाओं के नाम से दिए जाएंगे. दो विशिष्ट खिलाड़ियों को स्वर्ण पदक मिलेंगे. कुलपति ने बताया कि सभागार में स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी और डीलिट की उपाधि के विद्यार्थी मौजूद रहेंगे. ऐसा पहला मौका होगा जब विश्वविद्यालय में किसी ट्रांसडेंजर विद्यार्थी को उपाधि वितरित किया जाएगा.

शोध में दी जाएंगी 73 उपाधियां
कुलपति एके त्यागी ने बताया कि स्नातक में 65,089 उपाधियां दी जाएंगी. इसमें 28,064 छात्र और 37,024 छात्राएं और एक ट्रांसजेंडर विद्यार्थी शामिल हैं. स्नातकोत्तर में 12,529 उपाधियां दी जानी हैं, जिसमें 4,029 छात्र और 8500 छात्राएं हैं. वहीं शोध में कुल 73 उपाधि दी जाएगी. इसमें 43 छात्र और 30 छात्राएं शामिल हैं. डीलिट की उपाधि प्रो. सुशील कुमार गौतम (शारीरिक शिक्षा विभाग) को दी जाएगी. कुलपति ने बताया कि वर्तमान में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में 25 ट्रांसजेंडर विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं. इनकी काउंसिलिंग समय-समय पर विश्वविद्यालय सेल के द्वारा कराई जाती है.

कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी होगा
वहीं, कुलसचिव सुनीता पाण्डेय ने बताया कि, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए दीक्षांत समारोह के लाइव प्रसारण का इंतजाम किया गया है. अभिभावक समाज कार्य संकाय के राजाराम शास्त्री सभागार में, जबकि विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों के शिक्षक केंद्रीय पुस्तकालय के सभागार में दीक्षांत समारोह कार्यक्रम का लाइव प्रसारण देख सकेंगे. दीक्षांत समारोह में स्मारिका और पुस्तक का लोकार्पण किया जाएगा. पुस्तक श्रंखला के तहत विश्वविद्यालय के संस्थापक शिव प्रसाद गुप्त पर यह पुस्तक आधारित होगी. उन्होंने बताया कि कुल मिलाकर 77,618 विद्यार्थियों को उपाधि का वितरण किया जाएगा.

वाराणसीः वाराणसी में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब किसी राज्य विश्वविद्यालय में इतिहास रचा जाएगा. जी हां! इस बार वाराणसी में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में एक नहीं बल्कि दो मामलों में इतिहास बनने जा रहा है. पहला ये कि किसी राज्य विश्वविद्यालय में राष्ट्रपति के हाथों मेधावियों को मेडल दिए जाने वाले हैं. इतना ही नहीं यह पहला मौका होगा जब कुलपति के द्वारा मुख्य अतिथि के सामने मेधावियों को मेडल दिया जाएगा. इसके साथ ही दूसरा ये कि किसी ट्रांसजेंडर छात्र को पहली बार उपाधि दी जाएगी. महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं. 11 दिसंबर को दीक्षांत समारोह आयोजित होगा.



महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ अपना 45वां दीक्षांत समारोह मनाने जा रहा है. इस दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मौजूद रहेंगी. उनके हाथों इस कार्यक्रम में 16 मेधावियों को मेडल दिए जाएंगे. इसके साथ ही समारोह से पहले 49 विद्यार्थियों को मेडल दिया जाना निर्धारित किया गया है. दीक्षांत समारोह का यह कार्यक्रम कुल 55 मिनट का रखा गया है. बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति के पास समय की कमी होने के कारण कुलपति मुख्य अतिथि के सामने अन्य मेधावियों के मेडल देंगे. इस दौरान विश्वविद्यालय में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरीके से मजबूत रखी जाएगी.

49 मेधावियों को स्वर्ण पदक दिए जाएंगे
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके त्यागी ने बताया कि राष्ट्रपति के पदक देने के अलावा समारोह से पहले 49 मेधावियों को स्वर्ण पदक दिए जाएंगे. इसके साथ ही 77,618 उपाधियां प्रदान की जाएंगी. वहीं, गांधी अध्ययन पीठ में 65 स्वर्ण पदक दिए जाएंगे. इसमें 14 छात्र 51 छात्राएं हैं. 14 स्वर्ण पदक विभिन्न विभूतियों और संस्थाओं के नाम से दिए जाएंगे. दो विशिष्ट खिलाड़ियों को स्वर्ण पदक मिलेंगे. कुलपति ने बताया कि सभागार में स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी और डीलिट की उपाधि के विद्यार्थी मौजूद रहेंगे. ऐसा पहला मौका होगा जब विश्वविद्यालय में किसी ट्रांसडेंजर विद्यार्थी को उपाधि वितरित किया जाएगा.

शोध में दी जाएंगी 73 उपाधियां
कुलपति एके त्यागी ने बताया कि स्नातक में 65,089 उपाधियां दी जाएंगी. इसमें 28,064 छात्र और 37,024 छात्राएं और एक ट्रांसजेंडर विद्यार्थी शामिल हैं. स्नातकोत्तर में 12,529 उपाधियां दी जानी हैं, जिसमें 4,029 छात्र और 8500 छात्राएं हैं. वहीं शोध में कुल 73 उपाधि दी जाएगी. इसमें 43 छात्र और 30 छात्राएं शामिल हैं. डीलिट की उपाधि प्रो. सुशील कुमार गौतम (शारीरिक शिक्षा विभाग) को दी जाएगी. कुलपति ने बताया कि वर्तमान में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में 25 ट्रांसजेंडर विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं. इनकी काउंसिलिंग समय-समय पर विश्वविद्यालय सेल के द्वारा कराई जाती है.

कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी होगा
वहीं, कुलसचिव सुनीता पाण्डेय ने बताया कि, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए दीक्षांत समारोह के लाइव प्रसारण का इंतजाम किया गया है. अभिभावक समाज कार्य संकाय के राजाराम शास्त्री सभागार में, जबकि विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों के शिक्षक केंद्रीय पुस्तकालय के सभागार में दीक्षांत समारोह कार्यक्रम का लाइव प्रसारण देख सकेंगे. दीक्षांत समारोह में स्मारिका और पुस्तक का लोकार्पण किया जाएगा. पुस्तक श्रंखला के तहत विश्वविद्यालय के संस्थापक शिव प्रसाद गुप्त पर यह पुस्तक आधारित होगी. उन्होंने बताया कि कुल मिलाकर 77,618 विद्यार्थियों को उपाधि का वितरण किया जाएगा.

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