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विश्वनाथ धाम में सजने लगी मंदिरों की मणिमाला, 352 साल बाद बदल रहा स्वरूप - विश्वनाथ धाम में सजने लगे मंदिर

2014 के चुनाव में मोदी ने वाराणसी पहुंचकर कहा था मुझे मां गंगा ने बुलाया है, तब ये कोई नहीं सोंच पाया था कि काशी में बाबा विश्वनाथ व गंगा का एकाकार हो जाएगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदृष्टि से बाबा दरबार से गंगधार तक कॉरिडोर के जरिए मंदिर के पुरातन स्वरूप को साकार किया गया है. यहां 27 काशी खंड वर्णित मंदिरों के अलावा घरों से निकले 125 अन्य मंदिरों की तैयार हो रही मणिमाला के साथ ही शंकराचार्य और अहिल्याबाई समेत भारत माता की प्रतिमा स्थापित होगी.

2019 में हुआ था शिलान्यास
2019 में हुआ था शिलान्यास
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Published : Dec 4, 2021, 11:05 AM IST

वाराणसी: श्री काशी विश्वनाथ धाम धर्म के साथ-साथ राष्ट्रीयता का प्रतीक बनने जा रहा है. गंगा और बाबा विश्वनाथ के मध्य राष्ट्रीयता का प्रतीक भी दिखाई देगा, जो दुनिया में काशी को नई पहचान देगा. श्री काशी विश्वनाथ धाम में रानी अहिल्याबाई, भारत माता, कार्तिकेय, आदि शंकराचार्य की मूर्तियां भी स्थापित होंगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर में शिव भक्तों के लिए विश्वनाथ धाम की सौगात देंगे. इसके अलावा काशी खंड के 27 मंदिर और निर्माण के दौरान घरों के अंदर से निकले 125 मंदिरों की मणि माला भी तैयार की जा रही है.

27 पुरातन मंदिर और 125 अन्य मंदिरों की भी मौजूदगी

वही जिस बात को लेकर सबसे ज्यादा हंगामा हुआ था कि विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के दौरान मंदिरों को तोड़ा गया है और अब जब कॉरिडोर लगभग तैयार हो चुका है. अब उन मंदिरों का भी स्वरूप दिखने वाला है, जिनके तोड़े जाने की बात कही जा रही थी, क्योंकि विश्वनाथ धाम के अंदर 27 ऐसे मंदिर जीणोद्धार के साथ सामने आ रहे हैं, जो काशी खंड में वर्णित हैं. जबकि 125 ऐसे मंदिर भी शामिल हैं जो घरों के अंदर से निकले हैं. यानी इन मंदिरों की मणिमाला तैयार कर भक्तों को इनका दर्शन भी अब मिल सकेगा.

352 साल बाद बदला रूप
2019 में हुआ था शिलान्यास
विश्वनाथ धाम के विकास, विस्तारीकरण और सौंदर्यीकरण से दर्शन सुगम और सरल होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री काशी विश्वनाथ धाम का आठ मार्च 2019 को शिलान्यास किया था. जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने नेतृत्व में रिकॉर्ड समय में पूरा करने में सफल हो रहे हैं. काशी में विश्वनाथ व गंगा एक बार फिर से एकाकार हो रही है.

2019 में हुआ था शिलान्यास
2019 में हुआ था शिलान्यास
352 साल बाद बदला रूप
बाबा के दरबार और अविरल निर्मल गंगा के मध्य राष्ट्रीयता की प्रतीक भारत माता की मूर्ति भी दिखेगी. कार्तिकेय, आदि शंकराचार्य की मूर्ति भी श्री काशी विश्वनाथ धाम के भव्य प्रांगण में स्थापित की जाएगी. यही नहीं 1669 में बाबा के दरबार का पुनरोद्धार करने वाली रानी अहिल्याबाई की मूर्ति भी विश्वनाथ धाम में स्थापित होगी. रानी अहिल्याबाई के बाद 352 सालों बाद श्री काशी विश्वनाथ धाम को भव्य स्वरूप देने का काम वाराणसी के सांसद और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है.

अद्भुत है कॉरिडोर
अद्भुत है कॉरिडोर

यह भी पढ़ें- माघ मेले की तैयारी शुरू लेकिन रफ्तार है धीमी, जानिए स्नान पर्व की प्रमुख तारीखें

अद्भुत है कॉरिडोर

भगवान शंकर की त्रिशूल पर बसी मोक्ष की नगरी काशी में बाबा के प्रांगण की भव्य तस्वीर सामने दिखने लगी है. 50,200 वर्ग मीटर में 339 करोड़ रूपये की लागत से भव्य आनंद वन का निर्माण हो रहा है. सुरक्षा, म्यूजियम, फैसिलेशन सेण्टर, बनारस गैलरी, मुमुक्ष भवन, वैदिक केंद्र, मल्टीपर्पज हाल. स्प्रिचुअल बुक सेंटर, यात्री सुविधा केंद्र भोगशाला, गेस्ट हाउस जैसे 24 भवन का निर्माण हो रहा है. जिससे दुनिया भर से आने वाले शिव भक्तों को श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन, जप-तप करने में सुरक्षा, सुविधा, सुगमता और स्वच्छ वातावरण मिल सकेगा. मंदिर चौक के व्यूइंग गैलेरी से बाबा और मां गंगा का अद्भुत नजारा देख सकेंगे. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में वास्तुशिल्प का अद्भुत कारीगरी भी देखने को मिलेगी.

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वाराणसी: श्री काशी विश्वनाथ धाम धर्म के साथ-साथ राष्ट्रीयता का प्रतीक बनने जा रहा है. गंगा और बाबा विश्वनाथ के मध्य राष्ट्रीयता का प्रतीक भी दिखाई देगा, जो दुनिया में काशी को नई पहचान देगा. श्री काशी विश्वनाथ धाम में रानी अहिल्याबाई, भारत माता, कार्तिकेय, आदि शंकराचार्य की मूर्तियां भी स्थापित होंगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर में शिव भक्तों के लिए विश्वनाथ धाम की सौगात देंगे. इसके अलावा काशी खंड के 27 मंदिर और निर्माण के दौरान घरों के अंदर से निकले 125 मंदिरों की मणि माला भी तैयार की जा रही है.

27 पुरातन मंदिर और 125 अन्य मंदिरों की भी मौजूदगी

वही जिस बात को लेकर सबसे ज्यादा हंगामा हुआ था कि विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के दौरान मंदिरों को तोड़ा गया है और अब जब कॉरिडोर लगभग तैयार हो चुका है. अब उन मंदिरों का भी स्वरूप दिखने वाला है, जिनके तोड़े जाने की बात कही जा रही थी, क्योंकि विश्वनाथ धाम के अंदर 27 ऐसे मंदिर जीणोद्धार के साथ सामने आ रहे हैं, जो काशी खंड में वर्णित हैं. जबकि 125 ऐसे मंदिर भी शामिल हैं जो घरों के अंदर से निकले हैं. यानी इन मंदिरों की मणिमाला तैयार कर भक्तों को इनका दर्शन भी अब मिल सकेगा.

352 साल बाद बदला रूप
2019 में हुआ था शिलान्यास
विश्वनाथ धाम के विकास, विस्तारीकरण और सौंदर्यीकरण से दर्शन सुगम और सरल होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री काशी विश्वनाथ धाम का आठ मार्च 2019 को शिलान्यास किया था. जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने नेतृत्व में रिकॉर्ड समय में पूरा करने में सफल हो रहे हैं. काशी में विश्वनाथ व गंगा एक बार फिर से एकाकार हो रही है.

2019 में हुआ था शिलान्यास
2019 में हुआ था शिलान्यास
352 साल बाद बदला रूप
बाबा के दरबार और अविरल निर्मल गंगा के मध्य राष्ट्रीयता की प्रतीक भारत माता की मूर्ति भी दिखेगी. कार्तिकेय, आदि शंकराचार्य की मूर्ति भी श्री काशी विश्वनाथ धाम के भव्य प्रांगण में स्थापित की जाएगी. यही नहीं 1669 में बाबा के दरबार का पुनरोद्धार करने वाली रानी अहिल्याबाई की मूर्ति भी विश्वनाथ धाम में स्थापित होगी. रानी अहिल्याबाई के बाद 352 सालों बाद श्री काशी विश्वनाथ धाम को भव्य स्वरूप देने का काम वाराणसी के सांसद और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है.

अद्भुत है कॉरिडोर
अद्भुत है कॉरिडोर

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अद्भुत है कॉरिडोर

भगवान शंकर की त्रिशूल पर बसी मोक्ष की नगरी काशी में बाबा के प्रांगण की भव्य तस्वीर सामने दिखने लगी है. 50,200 वर्ग मीटर में 339 करोड़ रूपये की लागत से भव्य आनंद वन का निर्माण हो रहा है. सुरक्षा, म्यूजियम, फैसिलेशन सेण्टर, बनारस गैलरी, मुमुक्ष भवन, वैदिक केंद्र, मल्टीपर्पज हाल. स्प्रिचुअल बुक सेंटर, यात्री सुविधा केंद्र भोगशाला, गेस्ट हाउस जैसे 24 भवन का निर्माण हो रहा है. जिससे दुनिया भर से आने वाले शिव भक्तों को श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन, जप-तप करने में सुरक्षा, सुविधा, सुगमता और स्वच्छ वातावरण मिल सकेगा. मंदिर चौक के व्यूइंग गैलेरी से बाबा और मां गंगा का अद्भुत नजारा देख सकेंगे. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में वास्तुशिल्प का अद्भुत कारीगरी भी देखने को मिलेगी.

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