वाराणसी: जिले में भगवान श्री कृष्ण के जन्म उत्सव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. 'नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की' जैसे भजन गूंज रहे हैं. हर कोई अपने आंगन में नंद गोपाल के आगमन को लेकर उत्साहित है, लेकिन इस बार वैश्विक महामारी कोविड-19 ने इन तैयारियों पर काफी हद तक ब्रेक लगाया है. हर साल इस मौके पर जो उत्साह और रौनक बाजार में दिखती थी, वह इस बार नहीं दिख रही है. वहीं इन सबसे अलग बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में नंद गोपाल ने कोविड-19 से बचने का संदेश देने के लिए मास्क के साथ पीपीई किट भी पहन लिया है. इस बार मार्केट में नंद गोपाल का कुछ अलग और कोविड-19 सुरक्षित रखने का अवतार लोगों को खासा पसंद आ रहा है.
भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव 11 और 12 अगस्त को मनाया जाएगा. बनारस के कारोबारी भी वैश्विक महामारी को ध्यान में रखते हुए नंदलाल के लिए छोटे-छोटे मॉस्क, सैनिटाइजर और पीपीई किट बेच रहे हैं. इस बार कोविड-19 से बचाव का संदेश देते हुए नंदलाल मॉस्क और पीपीई किट पहनकर दर्शन देंगे. इसके साथ ही उनके सिर पर कोरोना पगड़ी भी दिखेगी.
दुर्गाकुंड त्रिदेव मन्दिर के पास कान्हा मुकुट श्रृंगार के मालिक गणेश पटेल और महेश पटेल ने संयुक्त रूप से बताया कि इस वर्ष विश्व में वैश्विक महामारी को ध्यान में रखते श्रीकृष्ण के लिए मॉस्क, सैनिटाइजर और पीपीई किट तैयार कराया गया है. पीतल से अलग-अलग आकार में बने लड्डू गोपाल के लिए अलग-अलग आकार के मॉस्क, पीपीई किट और कोरोना पगड़ी बनाई गई है.
इस मौके पर दुकानदारों ने बताया कि लोगों को कोरोना से बचाव के लिए जागरूक करने का यह सही अवसर है. इसके लिए तीन महीने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी गई थी. पिछले वर्ष शहर में ट्रैफिक नियमों का पालन कराने पर बहुत जोर था, दो पहिया वाहन चालकों को हेलमेट लगवाने के लिए पुलिस ने अभियान छेड़ रखा था. तब हेलमेट पहने हुए नंदलाल को डिजाइन किया गया था. दुकानों पर कान्हा की पोशाकें, हिडोले, पालना, सजावट का सामान कृष्ण भक्तों को लुभा रहा है. बाजार में डिजाइनर कान्हा के लिए झूले की सबसे अधिक मांग है.