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27 फरवरी को संत रविदास जयंती, तैयारियों में जुटा जिला प्रशासन

वाराणसी के सिरगोवर्धनपुर गुरु संत रविदास जन्म मंदिर में 27 फरवरी को संत रविदास जयंती मनाई जाएगी. इसके लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं. जयंती में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए टेंट की व्यवस्था की जा रही है.

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Published : Feb 10, 2021, 1:59 PM IST

संत रविदास जयंति की तैयारियां तेज
संत रविदास जयंति की तैयारियां तेज

वाराणसी: काशी को धर्म आध्यात्म और संत-महात्माओं की नगरी कहा जाता है. यहां कई संत-महात्माओं ने जन्म लिया. महान संत रविदास का जन्म जिले के सिरगोवर्धनपुर में हुआ था. माघ पूर्णिमा को संत रविदास की जयंती मनाई जाती है. इसमें विश्व के कोने-कोने से रैदास भक्त यहां आते हैं. संभावना है कि इस बार कोरोना महामारी के चलते संतों की संख्या कम होगी.

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संत रविदास जयंति की तैयारियां तेज
देश की तमाम हस्तियों ने किए हैं दर्शनकाशी के श्री गुरु रविदास जन्मस्थान मंदिर सिरगोवर्धनपुर में वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित तमाम हस्तियां आ चुकी हैं. समय-समय पर कई राजनेताओं ने यहां आकर शीश नवाया है. इसके बाद भी क्षेत्र बदहाल है. इन दिनों सीरगोवर्धनपुर की सड़कें खराब हैं और सीवर व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. इसके साथ ही यहां कूड़े का अंबार लगा हुआ है. इससे यहां आने वाले लोगों को परेशानी हो रही है. जयंती पर होने वाले कार्यक्रम में कुछ ही दिन बचे हैं. जिला प्रशासन ने कई बार मेला स्थल का जायजा लिया है. इस दौरान अधिकारियों ने मैनेजर और मंदिर के ट्रस्टी से मिलकर समस्याओं की जानकारी भी ली है. प्रशासन के अधिकारियों ने समस्याओं को जल्द से जल्द दूर करने का वादा भी किया.

25 फरवरी को आएंगे संत निरंजन दास
रैदासियों के प्रमुख संत निरंजन दास 25 फरवरी को मेला क्षेत्र में आएंगे. इसके साथ ही आयोजन प्रारंभ हो जाएगा. मंदिर के ट्रस्टी केएल सरोए ने बताया कि इस बार भी गुरु संत रविदास की जयंती पर आयोजन किया जाएगा. तैयारियां शुरू हो गई हैं और टेंट लग रहे हैं. बाहर से आने वाली खाद्य सामग्री आ गई है. पंडालों का निर्माण कराया जा रहा है. सड़कें और सीवर को सही कराने के लिए अधिकारियों के कहा गया है. महाराज जी 25 फरवरी को आ जाएंगे. इस आयोजन में शामिल होने के लिए लगभग 25 देशों से एनआरआई आते हैं. इस बार कोविड-19 के कारण उन्हें मना कर दिया गया है.

वाराणसी: काशी को धर्म आध्यात्म और संत-महात्माओं की नगरी कहा जाता है. यहां कई संत-महात्माओं ने जन्म लिया. महान संत रविदास का जन्म जिले के सिरगोवर्धनपुर में हुआ था. माघ पूर्णिमा को संत रविदास की जयंती मनाई जाती है. इसमें विश्व के कोने-कोने से रैदास भक्त यहां आते हैं. संभावना है कि इस बार कोरोना महामारी के चलते संतों की संख्या कम होगी.

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संत रविदास जयंति की तैयारियां तेज
देश की तमाम हस्तियों ने किए हैं दर्शनकाशी के श्री गुरु रविदास जन्मस्थान मंदिर सिरगोवर्धनपुर में वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित तमाम हस्तियां आ चुकी हैं. समय-समय पर कई राजनेताओं ने यहां आकर शीश नवाया है. इसके बाद भी क्षेत्र बदहाल है. इन दिनों सीरगोवर्धनपुर की सड़कें खराब हैं और सीवर व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. इसके साथ ही यहां कूड़े का अंबार लगा हुआ है. इससे यहां आने वाले लोगों को परेशानी हो रही है. जयंती पर होने वाले कार्यक्रम में कुछ ही दिन बचे हैं. जिला प्रशासन ने कई बार मेला स्थल का जायजा लिया है. इस दौरान अधिकारियों ने मैनेजर और मंदिर के ट्रस्टी से मिलकर समस्याओं की जानकारी भी ली है. प्रशासन के अधिकारियों ने समस्याओं को जल्द से जल्द दूर करने का वादा भी किया.

25 फरवरी को आएंगे संत निरंजन दास
रैदासियों के प्रमुख संत निरंजन दास 25 फरवरी को मेला क्षेत्र में आएंगे. इसके साथ ही आयोजन प्रारंभ हो जाएगा. मंदिर के ट्रस्टी केएल सरोए ने बताया कि इस बार भी गुरु संत रविदास की जयंती पर आयोजन किया जाएगा. तैयारियां शुरू हो गई हैं और टेंट लग रहे हैं. बाहर से आने वाली खाद्य सामग्री आ गई है. पंडालों का निर्माण कराया जा रहा है. सड़कें और सीवर को सही कराने के लिए अधिकारियों के कहा गया है. महाराज जी 25 फरवरी को आ जाएंगे. इस आयोजन में शामिल होने के लिए लगभग 25 देशों से एनआरआई आते हैं. इस बार कोविड-19 के कारण उन्हें मना कर दिया गया है.

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