वाराणसी: काशी को धर्म आध्यात्म और संत-महात्माओं की नगरी कहा जाता है. यहां कई संत-महात्माओं ने जन्म लिया. महान संत रविदास का जन्म जिले के सिरगोवर्धनपुर में हुआ था. माघ पूर्णिमा को संत रविदास की जयंती मनाई जाती है. इसमें विश्व के कोने-कोने से रैदास भक्त यहां आते हैं. संभावना है कि इस बार कोरोना महामारी के चलते संतों की संख्या कम होगी.
25 फरवरी को आएंगे संत निरंजन दास
रैदासियों के प्रमुख संत निरंजन दास 25 फरवरी को मेला क्षेत्र में आएंगे. इसके साथ ही आयोजन प्रारंभ हो जाएगा. मंदिर के ट्रस्टी केएल सरोए ने बताया कि इस बार भी गुरु संत रविदास की जयंती पर आयोजन किया जाएगा. तैयारियां शुरू हो गई हैं और टेंट लग रहे हैं. बाहर से आने वाली खाद्य सामग्री आ गई है. पंडालों का निर्माण कराया जा रहा है. सड़कें और सीवर को सही कराने के लिए अधिकारियों के कहा गया है. महाराज जी 25 फरवरी को आ जाएंगे. इस आयोजन में शामिल होने के लिए लगभग 25 देशों से एनआरआई आते हैं. इस बार कोविड-19 के कारण उन्हें मना कर दिया गया है.