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महाशिवरात्रि: बाबा धारण करेंगे मेवे का सेहरा, गौरा पहनेंगी गुलाबी लहंगा - वाराणसी समाचार

महाशिवरात्रि पर शिव को दूल्हा और गौरा को दुल्हन बनाने की तैयारी जोर शोर से चल रही हैं. यह तैयारियां वाराणसी के श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के महंत कुलपति तिवारी के टेढ़ीनीम स्थित आवास पर हो रही हैं. महंत आवास को रंग बिरंगी झालरों और फूलों से सजाया जा रहा है.

शिव गौरी के वस्त्र
शिव गौरी के वस्त्र
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Published : Mar 10, 2021, 9:23 PM IST

वाराणसी : महाशिवरात्रि पर शिव को दूल्हा और गौरा को दुल्हन बनाने की तैयारी जोर शोर से चल रही हैं. यह तैयारियां वाराणसी के श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के महंत कुलपति तिवारी के टेढ़ीनीम स्थित आवास पर हो रही हैं. महंत आवास को रंग बिरंगी झालरों और फूलों से सजाया जा रहा है. खास अवसर के लिए शिव और पार्वती के लिए विशेष परिधान तैयार कराए गए हैं. दूल्हा बनने वाले भगवान शिव के सिर पर मेवे का सेहरा सजेगा तो देवी पार्वती गुजरात का लहंगा धारण कर विवाह मंडप में विराजमान होंगी.

भगवान शिव और माता गौरी की मालाएं.
भगवान शिव और माता गौरी की मालाएं.

माता गौरा के लिए गुजरात से आया लहंगा

काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत कुलपति तिवारी ने बताया कि भगवान शंकर की रजत मूर्ति को धारण कराया जाने वाला सेहरा सूखे मेवों से तैयार कराया गया है. माता गौरा के लिए गुजरात का गुलाबी लहंगा खासतौर से मंगाया गया है. बहुरंगी रेशमी धागों से लहंगे पर कढ़ाई की गई है. लहंगे के बॉर्डर पर नगदार गोटा भी लगवाया गया है.

इसे भी पढ़ें- ...इस तरह यहां भगवान शिव कहलाए त्रिवटी नाथ

महंत आवास पर भी होगा आयोजन

महाशिवरात्रि पर 11 मार्च को विवाह की रस्म विधि-विधान से महंत आवास पर रात्रि 8 से 10 बजे तक होगी. महंत आवास पर बाबा के विवाह की परंपरा का निर्वाह करने के उपरांत महंत परिवार के सदस्य काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती के विवाह का कर्मकांड पूर्ण करने के लिए प्रस्थान करेंगे.

वाराणसी : महाशिवरात्रि पर शिव को दूल्हा और गौरा को दुल्हन बनाने की तैयारी जोर शोर से चल रही हैं. यह तैयारियां वाराणसी के श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के महंत कुलपति तिवारी के टेढ़ीनीम स्थित आवास पर हो रही हैं. महंत आवास को रंग बिरंगी झालरों और फूलों से सजाया जा रहा है. खास अवसर के लिए शिव और पार्वती के लिए विशेष परिधान तैयार कराए गए हैं. दूल्हा बनने वाले भगवान शिव के सिर पर मेवे का सेहरा सजेगा तो देवी पार्वती गुजरात का लहंगा धारण कर विवाह मंडप में विराजमान होंगी.

भगवान शिव और माता गौरी की मालाएं.
भगवान शिव और माता गौरी की मालाएं.

माता गौरा के लिए गुजरात से आया लहंगा

काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत कुलपति तिवारी ने बताया कि भगवान शंकर की रजत मूर्ति को धारण कराया जाने वाला सेहरा सूखे मेवों से तैयार कराया गया है. माता गौरा के लिए गुजरात का गुलाबी लहंगा खासतौर से मंगाया गया है. बहुरंगी रेशमी धागों से लहंगे पर कढ़ाई की गई है. लहंगे के बॉर्डर पर नगदार गोटा भी लगवाया गया है.

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महंत आवास पर भी होगा आयोजन

महाशिवरात्रि पर 11 मार्च को विवाह की रस्म विधि-विधान से महंत आवास पर रात्रि 8 से 10 बजे तक होगी. महंत आवास पर बाबा के विवाह की परंपरा का निर्वाह करने के उपरांत महंत परिवार के सदस्य काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती के विवाह का कर्मकांड पूर्ण करने के लिए प्रस्थान करेंगे.

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