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कोरोना में प्री-मेच्योर डिलीवरी है घातक, गर्भवती महिलाएं ऐसे रखें अपना ख्याल

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Published : Jun 6, 2021, 8:31 PM IST

कोरोना काल में गर्भवती महिलाओं को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इन दिनों गर्भवती महिलाओं को स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मधुलिका पांडे ने कुछ टिप्स बताए हैं. जिनको अपनाकर वो अपना खास ख्याल रख सकती हैं.

प्री-मेच्योर डिलीवरी है घातक
प्री-मेच्योर डिलीवरी है घातक

वाराणसी: वर्तमान समय में गर्भवती महिलाओं में कोविड के दुष्प्रभाव अधिक बढ़ रहे हैं, जिससे गर्भपात या समय से पूर्व डिलीवरी का खतरा बढ़ गया है. गर्भवती महिलाओं को इन दिनों में कैसे अपनी देख भाल करनी चाहिए, इस पर कबीरचौरा स्थित जिला महिला चिकित्सालय की वरिष्ठ परामर्शदाता एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मधुलिका पांडे ने कुछ टिप्स बताए हैं. देखिए-

मानसिक संतुलन बनाए रखने के साथ चिन्तामुक्त रहें

डॉ. मधुलिका ने बताया कि सभी गर्भवती महिलाएं इस दौरान अपना मानसिक संतुलन अवश्य बनायें रखें. इसके साथ ही चिन्तामुक्त रहने की कोशिश करें. इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होगा. इससे बच्चे पर भी गलत प्रभाव नहीं पड़ेगा और बच्चा स्वस्थ रहेगा. इस कार्य में घर वाले गर्भवती महिलाओं का सहयोग जरूर करें.

प्री-मेच्योर डिलीवेरी से बचने के लिए रखें ये ध्यान

डॉ. मधुलिका ने बताया कि कोरोना काल में समय से पहले प्रसव (प्री-मेच्योर डिलीवरी) के खतरे से बचने के लिए महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी होगी. डॉ. मधुलिका की सलाह है कि इसके लिए घर में रहना और कोविड सुरक्षा नियमों का पालन करना बेहद आवश्यक है. डॉक्टर के लगातार संपर्क में रहने से भी मुश्किलें काफी कम हो सकती हैं.

इन दिनों कोरोना संक्रमण से ज्यादा खतरा

डॉ. मधुलिका ने बताया कि गर्भ की दूसरी और तीसरी स्टेज में महिलाओं को कोरोना संक्रमण से ज्यादा खतरा उठाना पड़ रहा है. इस स्टेज में पहुंच चुकी महिलाओं के गर्भाशय का साइज बढ़ने से उनके फेफड़ों की क्षमता कम हो जाती है. इससे उन्हें सांस लेने में परेशानी होती है. वायरस के वार से कई महिलाओं की स्वतः प्री-मेच्योर डिलीवरी (समय पूर्व प्रसव) हो जाती है. जबकि कई गर्भवतियों के फेफड़े की स्थिति सुधारने के लिए आपातकालीन और असामयिक गर्भपात कराना पड़ता है.

भ्रूण बाधित होने के भी हैं चांस

डॉ. मधुलिका ने बताया कि इस समय पहली स्टेज में चल रही महिलाओं के भ्रूण का विकास बाधित होने के मामले भी आ रहे हैं. उन्हें भी सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि वैसे यह स्वभाविक है कि किसी भी वायरस के संक्रमण पर गर्भवतियों में गर्भपात का रिस्क बढ़ जाता है. कभी-कभी कुछ महिलाओं के फेफड़ों की कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए प्री-मेच्योर डिलीवरी भी कराई जाती है.

इन बातों का रखें विशेष ध्यान-

  • घर से बाहर न निकलें, कहीं जाने पर डबल मास्क लगाएं
  • हैंड सैनिटाइजेशन और शारीरिक दूरी का पालन करें
  • घर के सदस्य बाहर आ जा रहे या कोई बीमार है, तो उसके संपर्क में न आएं
  • समय समय पर जांच कराती रहें
  • शुगर या ब्लड प्रेसर से पीड़ित हैं तो डॉक्टर के परामर्श से दवाएं लें
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, एक बार में अधिक भोजन के बजाय बार-बार में थोड़ा-थोड़ा खाएं
  • भोजन में आयरन, विटामिन, खनिज, विटामिन-सी और फाइबर शामिल करें
  • सलाद खूब खाएं

न बरतें लापरवाही

किसी भी प्रकार की समस्या होने पर अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल में डॉक्टर को तुरंत दिखाएं. घर पर रहने के दौरान समय-समय पर अपने डॉक्टर के संपर्क में भी बनी रहें. डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का समय से सेवन करें. लापरवाही बिल्कुल न बरतें, जिससे आपको परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े.

इसे भी पढ़ें- द्वारपूजा के समय लड़खड़ाया शराबी दूल्हा, दुल्हन ने उल्टे पांव लौटाई बारात

वाराणसी: वर्तमान समय में गर्भवती महिलाओं में कोविड के दुष्प्रभाव अधिक बढ़ रहे हैं, जिससे गर्भपात या समय से पूर्व डिलीवरी का खतरा बढ़ गया है. गर्भवती महिलाओं को इन दिनों में कैसे अपनी देख भाल करनी चाहिए, इस पर कबीरचौरा स्थित जिला महिला चिकित्सालय की वरिष्ठ परामर्शदाता एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मधुलिका पांडे ने कुछ टिप्स बताए हैं. देखिए-

मानसिक संतुलन बनाए रखने के साथ चिन्तामुक्त रहें

डॉ. मधुलिका ने बताया कि सभी गर्भवती महिलाएं इस दौरान अपना मानसिक संतुलन अवश्य बनायें रखें. इसके साथ ही चिन्तामुक्त रहने की कोशिश करें. इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होगा. इससे बच्चे पर भी गलत प्रभाव नहीं पड़ेगा और बच्चा स्वस्थ रहेगा. इस कार्य में घर वाले गर्भवती महिलाओं का सहयोग जरूर करें.

प्री-मेच्योर डिलीवेरी से बचने के लिए रखें ये ध्यान

डॉ. मधुलिका ने बताया कि कोरोना काल में समय से पहले प्रसव (प्री-मेच्योर डिलीवरी) के खतरे से बचने के लिए महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी होगी. डॉ. मधुलिका की सलाह है कि इसके लिए घर में रहना और कोविड सुरक्षा नियमों का पालन करना बेहद आवश्यक है. डॉक्टर के लगातार संपर्क में रहने से भी मुश्किलें काफी कम हो सकती हैं.

इन दिनों कोरोना संक्रमण से ज्यादा खतरा

डॉ. मधुलिका ने बताया कि गर्भ की दूसरी और तीसरी स्टेज में महिलाओं को कोरोना संक्रमण से ज्यादा खतरा उठाना पड़ रहा है. इस स्टेज में पहुंच चुकी महिलाओं के गर्भाशय का साइज बढ़ने से उनके फेफड़ों की क्षमता कम हो जाती है. इससे उन्हें सांस लेने में परेशानी होती है. वायरस के वार से कई महिलाओं की स्वतः प्री-मेच्योर डिलीवरी (समय पूर्व प्रसव) हो जाती है. जबकि कई गर्भवतियों के फेफड़े की स्थिति सुधारने के लिए आपातकालीन और असामयिक गर्भपात कराना पड़ता है.

भ्रूण बाधित होने के भी हैं चांस

डॉ. मधुलिका ने बताया कि इस समय पहली स्टेज में चल रही महिलाओं के भ्रूण का विकास बाधित होने के मामले भी आ रहे हैं. उन्हें भी सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि वैसे यह स्वभाविक है कि किसी भी वायरस के संक्रमण पर गर्भवतियों में गर्भपात का रिस्क बढ़ जाता है. कभी-कभी कुछ महिलाओं के फेफड़ों की कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए प्री-मेच्योर डिलीवरी भी कराई जाती है.

इन बातों का रखें विशेष ध्यान-

  • घर से बाहर न निकलें, कहीं जाने पर डबल मास्क लगाएं
  • हैंड सैनिटाइजेशन और शारीरिक दूरी का पालन करें
  • घर के सदस्य बाहर आ जा रहे या कोई बीमार है, तो उसके संपर्क में न आएं
  • समय समय पर जांच कराती रहें
  • शुगर या ब्लड प्रेसर से पीड़ित हैं तो डॉक्टर के परामर्श से दवाएं लें
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, एक बार में अधिक भोजन के बजाय बार-बार में थोड़ा-थोड़ा खाएं
  • भोजन में आयरन, विटामिन, खनिज, विटामिन-सी और फाइबर शामिल करें
  • सलाद खूब खाएं

न बरतें लापरवाही

किसी भी प्रकार की समस्या होने पर अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल में डॉक्टर को तुरंत दिखाएं. घर पर रहने के दौरान समय-समय पर अपने डॉक्टर के संपर्क में भी बनी रहें. डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का समय से सेवन करें. लापरवाही बिल्कुल न बरतें, जिससे आपको परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े.

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