वाराणसी: देश में पिछले 19 दिनों से किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसके समर्थन में सोमवार को पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के अस्सी घाट पर गंगाजल में खड़े होकर प्रवीण कुमार हाथों में तिरंगा लेकर एक दिन का सत्याग्रह कर रहे हैं.
जानिए कौन हैं प्रवीण कुमार
प्रवीण कुमार एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो विभिन्न मुद्दों पर समाज के हित में कार्य करते हैं. उनका कहना है कि उन्होंने अन्ना आंदोलन में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था. उनकी पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय से हुई है. एंटी अगेंस्ट करप्शन केजरीवाल के साथ में मिलकर काम किया, लेकिन बाद में उनकी नीतियों से दुखी होकर उन्हें छोड़ दिया.
प्रवीण कुमार ने बताया कि आज देश का किसान देश के सबसे शक्तिशाली प्रधानमंत्री से अपनी फसल का उचित मूल्य मांग रहा है, जिसको लेकर पिछले 19 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर किसान धरने पर बैठे हैं. मैं प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र से अस्सी घाट पर गंगाजल में खड़े होकर एक दिन का मौन सत्याग्रह कर रहा हूं, जिससे कि यह संदेश देश के प्रधानमंत्री तक जाए. मै 11:00 बजे से खड़ा हूं. आप लोगों के बोलने पर ही मैं कुछ बोल पाया हूं, क्योंकि आप लोग हमारी बात ऊपर तक पहुंचा सकते हैं.
वाराणसी: किसानों के समर्थन में गंगा में खड़े होकर सत्याग्रह
यूपी के वाराणसी जिले में किसान आंदोलन के समर्थन में सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण कुमार एक दिन के लिए गंगा में खड़े होकर सत्याग्रह कर रहे हैं.
वाराणसी: देश में पिछले 19 दिनों से किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसके समर्थन में सोमवार को पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के अस्सी घाट पर गंगाजल में खड़े होकर प्रवीण कुमार हाथों में तिरंगा लेकर एक दिन का सत्याग्रह कर रहे हैं.
जानिए कौन हैं प्रवीण कुमार
प्रवीण कुमार एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो विभिन्न मुद्दों पर समाज के हित में कार्य करते हैं. उनका कहना है कि उन्होंने अन्ना आंदोलन में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था. उनकी पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय से हुई है. एंटी अगेंस्ट करप्शन केजरीवाल के साथ में मिलकर काम किया, लेकिन बाद में उनकी नीतियों से दुखी होकर उन्हें छोड़ दिया.
प्रवीण कुमार ने बताया कि आज देश का किसान देश के सबसे शक्तिशाली प्रधानमंत्री से अपनी फसल का उचित मूल्य मांग रहा है, जिसको लेकर पिछले 19 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर किसान धरने पर बैठे हैं. मैं प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र से अस्सी घाट पर गंगाजल में खड़े होकर एक दिन का मौन सत्याग्रह कर रहा हूं, जिससे कि यह संदेश देश के प्रधानमंत्री तक जाए. मै 11:00 बजे से खड़ा हूं. आप लोगों के बोलने पर ही मैं कुछ बोल पाया हूं, क्योंकि आप लोग हमारी बात ऊपर तक पहुंचा सकते हैं.