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काशी में बोले प्रशांत भूषण, न्यायपालिका रक्षक नहीं मानवाधिकार की भक्षक बन चुकी है

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Published : Aug 13, 2022, 10:15 PM IST

दो दिवसीय राष्ट्र निर्माण समागम कार्यक्रम में वाराणसी पहुंचे सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कहा कि लोकतंत्र मर चुका है. न्यायपालिका भक्षक बन चुकी है.

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प्रशांत भूषण

वाराणसी: देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर जिले में दो दिवसीय राष्ट्र निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बतौर अतिथि शामिल हुए सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण ने लोकतंत्र को लेकर बड़ा सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र देश में मर चुका है. यह पैसे का खेल बन चुका है. वर्तमान में न्यायपालिका मानवाधिकार की रक्षा करने के लिए नहीं बल्कि उसके हनन में लगी हुई है. तीस्ता सीतलवाड़, हिमांशु कुमार लगायत तमाम उदाहरण इस बात की पुष्टि करते हैं.

राजघाट से सर्व सेवा संघ में संघर्ष वाहिनी समन्वय समिति के द्वारा दो दिवसीय राष्ट्र निर्माण समागम कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जहां कार्यक्रम के पहले दिन बतौर अतिथि सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण पहुंचे. कार्यक्रम में प्रशांत भूषण ने कहा कि आज देश में ज्यूडिशियय, इलेक्टोरल, एजुकेशनल और इंस्टिट्यूटशनल रिफॉर्म की जरूरत है. वर्तमान में सोशल मीडिया पर एक ट्रोल आर्मी की दीवार खड़ी की जा रही है और इस ट्रोल आर्मी के सामने ट्रूथ आर्मी को खड़ा करना हमारी जिम्मेदारी है. देश के इन हालातों से लड़ने के लिए एक वृहद आंदोलन की जरूरत है. ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस में जुड़ना चाहिए

यह भी पढ़ें:वोट पाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं पीएम मोदी: प्रशांत भूषण


उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश में 4 बिंदुओं पर काम करने की जरूरत है. जिसमें रोजगार के कानूनी अधिकार, सभी सरकारी रिक्तियों को भरने, निजीकरण की प्रक्रिया को रोकने और ठेके पर नौकरियों की व्यवस्था खत्म कराना शामिल होना चाहिए. वर्तमान में देश की हालत बद से बदतर हो चुकी है. 8 सालों में देश को जिस दिशा में लेकर जाया जा रहा है वह आज तक कभी नहीं हुआ था. इसमे हम सबको एकजुट होने की जरूरत है.

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वाराणसी: देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर जिले में दो दिवसीय राष्ट्र निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बतौर अतिथि शामिल हुए सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण ने लोकतंत्र को लेकर बड़ा सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र देश में मर चुका है. यह पैसे का खेल बन चुका है. वर्तमान में न्यायपालिका मानवाधिकार की रक्षा करने के लिए नहीं बल्कि उसके हनन में लगी हुई है. तीस्ता सीतलवाड़, हिमांशु कुमार लगायत तमाम उदाहरण इस बात की पुष्टि करते हैं.

राजघाट से सर्व सेवा संघ में संघर्ष वाहिनी समन्वय समिति के द्वारा दो दिवसीय राष्ट्र निर्माण समागम कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जहां कार्यक्रम के पहले दिन बतौर अतिथि सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण पहुंचे. कार्यक्रम में प्रशांत भूषण ने कहा कि आज देश में ज्यूडिशियय, इलेक्टोरल, एजुकेशनल और इंस्टिट्यूटशनल रिफॉर्म की जरूरत है. वर्तमान में सोशल मीडिया पर एक ट्रोल आर्मी की दीवार खड़ी की जा रही है और इस ट्रोल आर्मी के सामने ट्रूथ आर्मी को खड़ा करना हमारी जिम्मेदारी है. देश के इन हालातों से लड़ने के लिए एक वृहद आंदोलन की जरूरत है. ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस में जुड़ना चाहिए

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उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश में 4 बिंदुओं पर काम करने की जरूरत है. जिसमें रोजगार के कानूनी अधिकार, सभी सरकारी रिक्तियों को भरने, निजीकरण की प्रक्रिया को रोकने और ठेके पर नौकरियों की व्यवस्था खत्म कराना शामिल होना चाहिए. वर्तमान में देश की हालत बद से बदतर हो चुकी है. 8 सालों में देश को जिस दिशा में लेकर जाया जा रहा है वह आज तक कभी नहीं हुआ था. इसमे हम सबको एकजुट होने की जरूरत है.

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